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दो जिंदगियां रोशन कर गया गौरव...कैंसर से मौत के बाद परिजनों ने दान की आंखें - eyes donate after death in Jaipur

रेनवाल के 27 वर्षीय गौरव बिलाला की कैंसर के इलाज के दौरान जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में मौत हो गई. इसके बाद उसके परिजनों ने हिम्मत दिखाते हुए गौरव की आंखें दान कर (Family donate eyes of their son in Jaipur) दीं. इससे दो दृष्टिबाधितों को रोशनी मिली.

Family donate eyes of their son in Jaipur
दो जिंदगियां रोशन कर गया गौरव... कैंसर से मौत के बाद परिजनों ने दान की आंखें
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Published : May 15, 2022, 6:34 PM IST

जयपुर. रेनवाल के एक 27 वर्षीय युवा की अकस्मात मौत पर परिजनों ने आंखे दान कर नेक काम किया है. दरअसल, गौरव नाम के युवक की कैंसर के इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने उसकी आंखें दान कर (Family donate eyes of their son in Jaipur) दीं. गौरव की दान की आंखों से दो दृष्टिबाधितों को रोशनी दी गई है.

स्टेशन रोड़ पर रहने वाले राजकुमार बिलाला का 27 वर्षीय पुत्र गौरव बिलाला तीन वर्ष पहले सीए बन गया था. वह एक कंपनी में एक लाख रुपए महीने की नौकरी कर रहा था. परिवार वाले उसकी शादी के लिए लड़की देख ही रहे थे कि अचानक दो माह पहले उसे पेट दर्द हुआ. चिकित्सक की सलाह पर जांच करवाई, तो उसमें असाध्य रोग कैंसर आ गया. दो महीने लगातार उपचार के बाद गौरव की जयपुर के सवाई मानसिंह चिकित्सालय में मौत हो गई. परिवार के लोगों ने हिम्मत दिखाते हुए उसकी आंखें दान कर समाज में अनुकरणीय उदाहरण पेश किया. दान की गई आंखों को चिकित्सकों ने दो दृष्टिहीन मरीजों को लगाकर उनकी जिंदगी रोशन कर दी.

जयपुर. रेनवाल के एक 27 वर्षीय युवा की अकस्मात मौत पर परिजनों ने आंखे दान कर नेक काम किया है. दरअसल, गौरव नाम के युवक की कैंसर के इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने उसकी आंखें दान कर (Family donate eyes of their son in Jaipur) दीं. गौरव की दान की आंखों से दो दृष्टिबाधितों को रोशनी दी गई है.

स्टेशन रोड़ पर रहने वाले राजकुमार बिलाला का 27 वर्षीय पुत्र गौरव बिलाला तीन वर्ष पहले सीए बन गया था. वह एक कंपनी में एक लाख रुपए महीने की नौकरी कर रहा था. परिवार वाले उसकी शादी के लिए लड़की देख ही रहे थे कि अचानक दो माह पहले उसे पेट दर्द हुआ. चिकित्सक की सलाह पर जांच करवाई, तो उसमें असाध्य रोग कैंसर आ गया. दो महीने लगातार उपचार के बाद गौरव की जयपुर के सवाई मानसिंह चिकित्सालय में मौत हो गई. परिवार के लोगों ने हिम्मत दिखाते हुए उसकी आंखें दान कर समाज में अनुकरणीय उदाहरण पेश किया. दान की गई आंखों को चिकित्सकों ने दो दृष्टिहीन मरीजों को लगाकर उनकी जिंदगी रोशन कर दी.

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