जयपुर. राजस्थान एटीएस ने फर्जी सिम जारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की है. फर्जी सिम मामले में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज हुई थी. एटीएस टीम ने उप महानिरीक्षक अंशुमान भोमिया के नेतृत्व में कार्रवाई को अंजाम दिया है. एटीएस की टीम ने कोटा शहर में रेड मारकर सिम मॉडल बॉक्स का खुलासा किया है. फर्जी सिम बेचने वाले 81 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. वहीं आरोपी विनय जैन, महेंद्र कुमार, हेमराज, आकाश शर्मा, रवि प्रकाश को गिरफ्तार किया गया है.
एटीएस उपमहानिरीक्षक अंशुमन भोमिया के मुताबिक राजस्थान एटीएस की टीम ने सिम मॉडल बॉक्स में उपयोग लिए जा रही फर्जी सिम को बेचने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सूचना मिली थी कि राजस्थान के कोटा शहर से जारी फर्जी सिमों का सिम मॉडल बॉक्स में उपयोग किया जा रहा है. एटीएस की टीम ने सूचनाओं को डिवेलप करते हुए कार्रवाई को अंजाम दिया है. फर्जी सिम को सिम मॉडल बॉक्स में उपयोग लिया जा रहा था. सिम मॉडल बॉक्स की मदद से इंटरनेशनल कॉल को लोकल कॉल में कन्वर्ट कर दिया जाता था.
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एटीएस की जांच पड़ताल में डिसटीब्यूटर्स की ओर से जारी फर्जी सिमों को सिम मॉडल बॉक्स में उपयोग लेना पाया गया है. उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से लखनऊ में कार्रवाई करके सिम मॉडल बॉक्स बरामद किए गए हैं. डिस्ट्रीब्यूटर्स के मालिकों की ओर से ग्राहकों की आईडी से अन्य सिमें बिना ग्राहक की जानकारी के सिम मॉडल बॉक्स में उपयोग लेना पाया गया है. सिम मॉडल बॉक्स के तहत वीओआईपी कॉल के तहत भारत से विदेशों में बातचीत हो रही थी.
क्या होता है सिम मॉडल बॉक्स: सिम मॉडल बॉक्स एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जो हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बेस पर काम करता है. वीओआईपी कॉल को साधारण वॉइस कॉल में तब्दील करके फर्जी मोबाइल सिमों से ग्राहकों तक साधारण कॉल पहुंचाता है. जिससे दूरसंचार विभाग या मोबाइल कंपनियां उस कॉल की पहचान नहीं कर पाती हैं. सिम मॉडल बॉक्स छोटे मोबाइल एक्सेंज के रूप में कार्य करता है, जो भारत में अवैध है. विदेश में बैठा व्यक्ति वीओआईपी कॉल करके भारत में मौजूद व्यक्ति से साधारण कॉल के माध्यम से वार्ता कर लेता है.