जयपुर. उत्तर पश्चिम रेलवे पर पर्यावरण अनूकुल रेल संचालन के लिए ब्रॉडगेज लाइनों का विद्युतीकरण का कार्य तीव्र गति के साथ किया जा रहा है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2023-24 में नवंबर माह तक 667 किलोमीटर ब्राडगेज लाइनों का विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया गया. उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक कुल 4634 किलोमीटर रेलमार्ग का विद्युतीकरण कार्य पूर्ण किया जा चुका है.
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण ने बताया कि महाप्रबंधक अमिताभ के दिशा-निर्देशन में उत्तर पश्चिम रेलवे पर रेल विद्युतीकरण के कार्य तीव्र गति से किए जा रहे हैं. इस रेलवे पर विद्युतीकरण के कार्य को विगत वर्षों के बजट में प्राथमिकता प्रदान की गई है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक 4634 रूट किलोमीटर रेल लाइन पर विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2023-24 में नवम्बर माह तक कुल 667 किलोमीटर रेलमार्ग का विद्युतीकरण किया गया है.
इन रूट पर विद्युत ट्रेक्शन पर संचालित : इसमें डीडवाना- डेगाना (63 किलोमीटर), श्रीगंगानगर-गजसिंहपुर (68 किलोमीटर), पीपाड़ रोड-मेड़ता रोड (56 किलोमीटर), समदडी-जालौर (57 किलोमीटर), खारवाचांदा-जयसमंद रोड़ (38 किलोमीटर), बाड़मेर-गडरा रोड (81 किलोमीटर), पीपाड रोड-राई का बाग (43 किलोमीटर), भीखमखोर- फलौदी (56 किलोमीटर), गडरा रोड-मुनाबाव (39 किलोमीटर), बीकानेर-लालगढ (9 किलोमीटर), लालगढ़- नोखडा (83 किलोमीटर) और नोखडा-फलोदी (74 किलोमीटर) रेलमार्गों का विद्युतीकरण के कार्य पूरा किया गया है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक 4634 किलोमीटर रेलखण्ड के विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया गया है. वर्तमान में उत्तर पचिम रेलवे पर 138 जोड़ी रेलसेवाएं विद्युत ट्रेक्शन पर संचालित की जा रही हैं.
विद्युतीकरण से होंगे फायदे : उत्तर पश्चिम रेलवे पर सभी रेलमार्गों के विद्युतीकरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. विद्युतीकरण से कई फायदे होंगे. विद्युतीकरण होने से ट्रेनों की रफ़्तार बढ़ेगी, जिससे यात्रा समय में बचत होगी. साथ ही डीजल की जगह बिजली के प्रयोग से पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा और राजस्व में भी बचत होगी.