जयपुर. जिले की किशनगढ़-रेनवाल पंचायत समिति में सोमवार को 24 ग्राम पंचायताें में चुनाव होने हैं. जिसको लेकर उम्मीदवाराें ने अपनी पूरी ताकत झाेंक दी है. कोरोना के कारण प्रचार करने में चाहे कितनी भी पाबंदियां हों, लेकिन उम्मीदवार घर-घर जाकर वाेट मांग रहे हैं. काेई प्रत्याशी बुजुर्गों को धोक लगाकर जीत का आशीर्वाद ले रहा है ताे, काेई गांव के विकास के मुद्दे पर वाेट मांग रहा है. हांलाकि, कोरोना संक्रमण की वजह से प्रत्याशी पहले की तरह काफिले के साथ प्रचार नहीं कर पा रहे हैं. केवल एक-दो समर्थकों के साथ घर-घर संपर्क करने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है.
मतदाताओं का तेवर है पहले जैसा..
लोगों की तरफ से अपने प्रत्याशियों को जिताने और विरोधियों को हराने के लिए बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं. गांव-गांव, ढ़ाणी-ढ़ाणी ग्रामीण बस चुनावी चर्चा में लगे हुए हैं. इस बार वाेटराें के तीखे अंदाज से लग रहा है कि चुनाव राेचक हाेंगे. एक मतदाता ने कहा कि उन्होंने इस बार सोच रखा है कि जो काम करेगा, उसे ही वोट मिलेगी.
गांव में सबसे बड़ी समस्या पेयजल व्यवस्था, गंदे पानी की निकासी, अधूरी सड़कें, गांव में चिकित्सकों की व्यवस्था और साफ-सफाई के मुद्दे हैं. युवा इन मुद्दों के पक्षधर होकर ही अपने उम्मीदवारों का साथ दे रहे हैं. वहीं, उम्मीदवार उसे पूरा करने के लिए लोगों को आश्वस्त भी कर रहे हैं. बाघावास पंचायत में एक महिला प्रत्याशी ने कहा कि उन्होंने गांव काे आदर्श गांव बनाने का संकल्प लिया है. जबकि, एक अन्य प्रत्याशी गांव के गंदे पानी की निकासी और पेयजल समस्या से निजात दिलाने का वादा कर वाेट मांग रहे हैं. वैसे गांवों में पंच और सरपंच के वोट लेना बहुत मुश्किल होता है. क्योंकि उम्मीदवारों और मतदाताओं में सीधी, लंबी और करीबी जानकारी होती है. यही कारण है कि वोट मांगने से पहले उम्मीदवार को कई बार सोचना पड़ता है.
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बता दें कि, किशनगढ-रेनवाल पंचायत समिति की 24 ग्राम पंचायताें में सरपंच पद के लिए 163 और 134 वार्ड में वार्ड पंच के 324 उम्मीदवार मैदान में है. जबकि 102 वार्ड पंच निविराेध निर्वाचित हाे चुके हैं. बहरहाल, अब देखना होगा कि किसके सर गांव के सरपंच का सेहरा सजता है.