जयपुर. सरकारी स्कूलों के छात्रों में लर्निंग गैप कम करने के लिए शिक्षा विभाग ने डिजिटल प्लेटफॉर्म को अपनाया है. सरकार का विशेष फोकस 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों पर है, ताकि बोर्ड परीक्षाओं में उनका रिजल्ट बेहतर आए और वो प्राइवेट स्कूलों के छात्रों से कंपटीशन कर सकें. शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में विषय अध्यापक के अवकाश पर होने की स्थिति में छात्रों को कोई नुकसान ना हो, इसके मद्देनजर डिजिटल स्टूडियो के जरिए विशेषज्ञों की लाइव क्लास की व्यवस्था की है.
राजस्थान के सरकारी स्कूलों में 10वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ रहे छात्रों को स्कूल पहुंचने के बाद मायूस ना लौटना पड़े, उनका कोई भी पीरियड जाया ना जाए, इसके मद्देनजर शिक्षा विभाग ने एक अनूठी पहल की है. यदि किसी दिन विद्यालय में कोई अध्यापक अवकाश पर है या फिर अध्यापक पद रिक्त है और उस विषय की पढ़ाई नहीं हो पा रही, तो छात्र को अब परेशान होने की जरूरत नहीं और ना ही जेब ढीली कर ट्यूशन लेने की जरूरत पड़ेगी.
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दरअसल, शिक्षा विभाग ने 10वीं और 12वीं के विषय एक्सपर्ट्स को लाइव जोड़कर छात्रों की समस्या का समाधान करने का फैसला लिया है. बीकानेर के डिजिटल स्टूडियो के जरिए विशेषज्ञ लाइव ऑनलाइन क्लास लेंगे और छात्रों की समस्या का समाधान करने के साथ ही उनका कोर्स पूरा करवाने में भी मदद करेंगे.
कैसी होगी व्यवस्थान ? :
- पहले चरण में लाइव क्लास की शुरुआत पांच विषयों से की जाएगी.
- गणित, फिजिक्स, बायोलॉजी, हिंदी और अंग्रेजी विषय की होगी क्लास.
- रिजल्ट के आधार पर दूसरे विषयों की क्लासेस भी होंगी शुरू.
- क्लास के लिए निदेशालय ने जारी किया टाइम-टेबल.
किस दिन किस विषय की संचालित होंगी कक्षाएं ? :
- सोमवार को गणित और भौतिक विज्ञान.
- मंगलवार को रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान.
- बुधवार को अंग्रेजी और हिंदी.
- गुरुवार को गणित और भौतिक विज्ञान.
- शुक्रवार को रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान.
ये क्लासेस सुबह 12:30 से 1:00 और शाम को 4:00 से 4:30 बजे तक संचालित होंगी. इन लाइव क्लास का प्रसारण स्मार्ट क्लास रूम और आईसीटी लैब में किया जाएगा. साथ ही क्लास को रिकॉर्ड कर दोबारा सुनकर समझने के लिए यूट्यूब चैनल से भी जोड़ा जाएगा.
आपको बता दें कि आज भी प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं. रिक्त पदों को भरने के लिए भर्ती परीक्षाएं हो चुकी है, लेकिन रिजल्ट जारी होने बाकी हैं. वहीं, स्कूलों में आए दिन किसी ना किसी विषय का कोई ना कोई शिक्षक अवकाश पर होता है, ऐसे में इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ता है. छात्रों की पढ़ाई बाधित होती है और लर्निंग गैप भी बढ़ता है. इसी लर्निंग गैप को कम करने के लिए शिक्षा निदेशालय ने ये तरीका निकाला है.