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जयपुर के रेनवाल में डपिंग यार्ड बनी मुसीबत, खुले में डाला जाता है कचरा

नगरपालिका द्वारा कचरा डालने के लिए बनाया गया डपिंग यार्ड लोगों के लिए मुसीबत बन गया है. इसमें बाउंड्रीवाल न होने से गायें प्लास्टिक की थैलियां खा लेती हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है. आने जाने वाले लोगों के साथ ही आसपास रहने वालों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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बाउंड्रीवाल न होने से डपिंग यार्ड बना मुसीबत...
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Published : Dec 5, 2019, 2:41 PM IST

रेनवाल (जयपुर). रेनवाल कस्बे में नगरपालिका द्वारा कचरा डालने के लिए बनाया गया डपिंग यार्ड. अब वहां के लोगों के लिए मुसीबत का कारण बना हुआ है. डपिंग यार्ड की बाउंड्रीवाल न होने से गायें प्लास्टिक की थैलियां खा खाकर मौत के मुंह में जा रही हैं. करीब एक साल से मुंडली-रणजीतपुरा रोड़ पर डपिंग यार्ड की चिन्हित जगह पर शहर का कचरा डाला जा रहा है. वहां अभी तक कोई बाउंड्री नहीं बनी है.

पहले जिला कलेक्टर द्वारा उक्त जगह से आगे 10 बीघा जमीन डपिंग यार्ड के लिए आवंटित की गई थी, पर तेजाजी का मंदिर नजदीक होने के कारण से ग्रामीणों ने इसका विरोध किया था. उसके बाद पंचायत के आखरी छोर पर डपिंग यार्ड चिन्हित किया. नगरपालिका ने उक्त जगह पर कचरा डालना तो शुरू कर दिया, लेकिन यहां न तो इसके चारों ओर कोई बाउंड्रीवाल बनवाई गई है और न ही किसी तरह की फेसिंग करवाई गई है. नतीजा कचरे पर हर समय गायें, कुते और सुअर जमा रहते हैं. इसके साथ ही प्लास्टिक खाने से कई गाय और मवेशी अब तक मर भी चुके हैं.

बाउंड्रीवाल न होने से डपिंग यार्ड बना मुसीबत...

यह भी पढ़ें : झीलों की नगरी में सर्दी का सितम, तापमान 11 डिग्री सेल्सियस पहुंचा

यही नहीं, इसके साथ-साथ ही बाउंड्रीवाल के अभाव में कचरा चारो तरफ उड़ता रहता है, जिस वजह से आने-जाने वाले लोगों के साथ ही आसपास रहने वालों को भी परेशान होना पड़ रहा है. डपिंग यार्ड पर बाउंड्रीवाल के अलावा रिसाईकिल, डिस्पोजल की व्यवस्था भी नहीं है. पूरा गीला और सुखा कचरा एक ही जगह पर डाला जा रहा है. इसको देख कर स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ती नजर आ रही हैं.

रेनवाल (जयपुर). रेनवाल कस्बे में नगरपालिका द्वारा कचरा डालने के लिए बनाया गया डपिंग यार्ड. अब वहां के लोगों के लिए मुसीबत का कारण बना हुआ है. डपिंग यार्ड की बाउंड्रीवाल न होने से गायें प्लास्टिक की थैलियां खा खाकर मौत के मुंह में जा रही हैं. करीब एक साल से मुंडली-रणजीतपुरा रोड़ पर डपिंग यार्ड की चिन्हित जगह पर शहर का कचरा डाला जा रहा है. वहां अभी तक कोई बाउंड्री नहीं बनी है.

पहले जिला कलेक्टर द्वारा उक्त जगह से आगे 10 बीघा जमीन डपिंग यार्ड के लिए आवंटित की गई थी, पर तेजाजी का मंदिर नजदीक होने के कारण से ग्रामीणों ने इसका विरोध किया था. उसके बाद पंचायत के आखरी छोर पर डपिंग यार्ड चिन्हित किया. नगरपालिका ने उक्त जगह पर कचरा डालना तो शुरू कर दिया, लेकिन यहां न तो इसके चारों ओर कोई बाउंड्रीवाल बनवाई गई है और न ही किसी तरह की फेसिंग करवाई गई है. नतीजा कचरे पर हर समय गायें, कुते और सुअर जमा रहते हैं. इसके साथ ही प्लास्टिक खाने से कई गाय और मवेशी अब तक मर भी चुके हैं.

बाउंड्रीवाल न होने से डपिंग यार्ड बना मुसीबत...

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यही नहीं, इसके साथ-साथ ही बाउंड्रीवाल के अभाव में कचरा चारो तरफ उड़ता रहता है, जिस वजह से आने-जाने वाले लोगों के साथ ही आसपास रहने वालों को भी परेशान होना पड़ रहा है. डपिंग यार्ड पर बाउंड्रीवाल के अलावा रिसाईकिल, डिस्पोजल की व्यवस्था भी नहीं है. पूरा गीला और सुखा कचरा एक ही जगह पर डाला जा रहा है. इसको देख कर स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ती नजर आ रही हैं.

Intro:जयपुर जिले के रेनवाल कस्बे में नगरपालिका द्वारा कचरा डालने के लिए बनाया गया डपिंग यार्ड मुसीबत का कारण बना हुआ है। डपिंग यार्ड के बाउंड्रीवाल नहीं होनें से गाये प्लास्टिक की थेलियां खा-खाकर मौत के मुंह में जा रही है। करीब एक वर्ष से मुंडली-रणजीतपुरा रोड़ पर डपिंग यार्ड की चिन्हित जगह पर शहर का कचरा डाला जा रहा है। Body:पहले जिला कलेक्टर द्वारा उक्त जगह से अागे 10बीघा जमीन डपिंग यार्ड के लिए आवंटित की थी, लेकिन तेजाजी का मंदिर नजदीक होने से ग्रामीणों ने इसका विरोध किया। जिसके बाद पंचायत के आखरी छोर पर डपिंग यार्ड चिन्हित किया गया। नगरपालिका ने उक्त जगह पर कचरा डालना तो शुरू कर दिया, लेकिन यहां न तो इसके बाउंड्रीवाल बनवाई गई और ना ही किसी तरह की फेसिंग करवाया गया। नतीजा कचरे पर हर समय गायें, कुते व सुअर जमा रहते है। प्लास्टिक खाने से कई गाय व मवेशी अब तक मर चुके है।Conclusion:इसके साथ ही बाउंड्रीवाल के अभाव में कचरा चारो तरफ उडता रहता है, नतीजा आने जाने वालो के साथ आसपास रहने वालों को परेशान होना पड़ रहा है। डपिंग यार्ड पर बाउंड्रीवाल के अलावा रिसाईकिल, डिस्पोजल की व्यवस्था नहीं है। पूरा गीला व सुखा कचरा एक ही जगह पर डाला जा रहा है। जिसक देखकर स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उडती नजर आ रही है।

विजूयल- नगरपालिका के डपिंग यार्ड पर कचरे पर जमा गायें व अन्य जानवर।
बाईट- आसपास बसे लोग, जिनको परेशानी का सामना करना पड रहा है।

—ईटीवी भारत के लिए शिवराज सिंह शेखावत, रेनवाल(जयपुर) की रिपोर्ट।
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