जयपुर. राजस्थान में स्कूली पाठ्यक्रम में परिवर्तन के बाद स्कूलों में एक और बड़ा परिवर्तन किया गया है. यह बदलाव अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर है. इस बार स्कूलों में योगा दिवस मनाने को लेकर कोई शेड्यूल नहीं है. वहीं शिक्षा मंत्री ने गोविंद सिंह डोटासरा ने योगा दिवस नहीं मनाने के निर्णय का खंडन किया है.
दरअसल, शिक्षा विभाग द्वारा सत्र में बदलाव के बाद अब माना जा रहा था कि स्कूलों में योग दिवस नहीं मनाया जाएगा. इसको लेकर पूर्व शिक्षा मंत्री देवनानी ने सरकार को कठघरे में भी खड़ा किया, लेकिन शिक्षा मंत्री डोटासरा ने योग दिवस नहीं मानने की बात का खंडन किया है. उन्होंने कहा है कि सत्र का समय बदलने से योग दिवस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. डोटासरा ने कहा है कि अगर 15 अगस्त रविवार को आएगा तो क्या हम स्वतंत्र दिवस नहीं मनाते हैं. उन्होंने कहा है सरकार ने प्रदेश में योग दिवस मनाने का निर्णय लिया है. प्रदेश सरकार ने परिपत्र जारी कर सभी विद्यालयों और कार्यलयों में योग दिवस मनाने का निर्देश दिए हैं. परिपत्र में कहा गया है कि सरकार का आदेश है कि योग दिवस मनाना है तो हम पूर्ण मनोयोग के साथ योग दिवस मनाएंगे. लेकिन केवल एक दिन के लिए एक कार्यक्रम के लिए सरकार कैलेन्डर में फेरबदल करे ये सही नहीं है.
वहीं मंत्री डोटासरा ने कहा है कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने पहले के शैक्षणिक कैलेंडर के साथ छेड़छाड़ की थी. नए शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार अब शिक्षक 24 जून को विद्यालय में उपस्थिति दर्ज करवाएगा. वहीं बच्चे 1 जुलाई से स्कूल पहुंचेंगे. डोटासरा ने कहा की अभिभावकों, बच्चों और शिक्षक संगठन की लंबे समय से सत्र में बदलाव की मांग कर रहा था. जिसके चलते शैक्षणिक कैलेंडर में बदलाव किया गया है. वहीं पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने विद्यालयों का समय बदला था, ना विद्यालय जाने का समय सही था ना आने का.
डोटासरा ने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने विद्यालयों में जाने आने के समय मे छेड़छाड़ की है. साथ ही बच्चों के ड्रेस और साइकिल के रंगों में छेड़छाड़ की है. ऐसे में पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के बीते पांच साल छेड़खानी में ही निकल गए, लेकिन अब जो कैलेंडर जारी हुआ है उसका शिक्षक संगठनों, अभिभावक और बच्चों ने भी स्वागत किया है. उधर, पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने ट्विटर पर पलटवार करते हुए ट्वीट करते हुए कहा कि अब कांग्रेस को योग से भी डर लगने लगा है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि विश्व ने योग दिवस को अपनाया, लेकिन राजस्थान के स्कूलों में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ना मनाया जाना. इस दिन के महत्व कम करने का प्रयास है.