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Protest Against Right To Health Bill : कल चिकित्सकों का देशव्यापी हड़ताल, कार्रवाई की तैयारी में सरकार

राइट टू हेल्थ बिल के खिलाफ डॉक्टर्स का प्रदर्शन जारी है. इसी बीच अगर सरकार और चिकित्सकों के बीच वार्ता सफल नहीं होती है तो 27 मार्च को देशभर में चिकित्सक हड़ताल पर जा सकते हैं.

Protest Against Right To Health Bill
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Published : Mar 26, 2023, 1:01 PM IST

कल चिकित्सकों का देशव्यापी हड़ताल

जयपुर. राइट टू हेल्थ बिल का विरोध कर रहे हो चिकित्सकों और सरकार के बीच आज वार्ता हो सकती है. वहीं, सरकार हड़ताल कर रहे चिकित्सकों पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है. दरअसल, सरकार ने पुलिस और चिकित्सा विभाग से अस्पतालों के रिकॉर्ड मांगे हैं. इसी बीच अगर सरकार और चिकित्सकों के बीच वार्ता सफल नहीं होती है तो 27 मार्च को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर देशभर में चिकित्सक हड़ताल पर जा सकते हैं.

प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपील करते हुए चिकित्सकों से काम पर लौटने का आह्वान किया है और बीते दिन सरकार से वार्ता का न्योता भी दिया. लेकिन चिकित्सक सरकार से वार्ता करने नहीं पहुंचे. ऐसे में माना जा रहा है कि आज सरकार और चिकित्सकों के बीच वार्ता हो सकती है. राइट टू हेल्थ बिल वापस लेने की मांग कर रहे डॉक्टर्स और राज्य सरकार अब आर-पार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं. लगातार आठवें दिन डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार के कारण प्रदेश के निजी अस्पतालों में मरीजों को इमरजेंसी में भी इलाज नहीं मिला. जिस कारण से इमरजेंसी में मरीजों ने जयपुर के एसएमएस से लेकर जिलों के सरकारी अस्पतालों में इलाज लिया.

पढ़ें : Protest Against Right To Health Bill : महिला चिकित्सक अस्पताल में ताला लगाकर बेच रहीं हैं गोलगप्पे

जयपुर पुलिस आयुक्तालय ने सभी थानाधिकारियों को पत्र जारी किया गया हैं. जिसमें उनके थाना क्षेत्र के निजी अस्पतालों के बारे में जानकारी मांगी गई है. वहीं, निदेशालय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं की ओर से भी आदेश जारी कर सभी सीएमएचओ से निजी अस्पतालों के बारे में जानकारी मांगी गई है. इसमें आंदोलन कर रहे सरकारी और निजी अस्पताल-डॉक्टर्स का नाम, संचालक/मालिक का नाम, अस्पताल में बेड्स की संख्या और वर्तमान में वह चालू है या बंद. इसके बारे में पूरा रिकॉर्ड मांगा हैं. वहीं, इंडियन मेडिकल एसो. ने सरकार की ओर से सूचना मांगे जाने के बाद सोमवार को राष्ट्रीय लेवल पर चिकित्सा हड़ताल रखने की घोषणा की. जिसके तहत देशभर में निजी अस्पतालों में बंद रखा जाएगा.

एसएमएस ने संभाला मोर्चा : निजी अस्पतालों के कार्य बहिष्कार के बाद सरकारी अस्पतालों में मरीजों का दबाब बढ़ा है. एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ने कहा कि त्योहारी सीजन के कारण मरीजों की संख्या कम हैं. वहीं, एसएमएस में मरीज पहुंच रहे है जिन्हें इलाज की सख्त जरूरत है. इसको लेकर अस्पताल ने व्यवस्थाएं कर दी है. एसएमएस का डॉक्टर किसी भी यूनिट में जाकर इलाज दे रहा हैं. सभी को ऑन कॉल अलर्ट रहने को कह दिया हैं.

पढ़ें : Protest Against Right To Health Bill: जयपुर में आज सड़क पर होगा इलाज! RTH के विरोध में डॉक्टर्स निकालेंगे कार रैली

छह हजार मरीज पहुंचे एसएमएस : शनिवार को एसएमएस की ओपीडी में 6 हजार मरीज पहुंचे. शुक्रवार को ओपीडी 5347 की थी. इनमें से 300 भर्ती हुए. एसएमएस इमरजेंसी में शनिवार को 400 से अधिक और शुक्रवार को 589 मरीज इलाज के लिए पहुंचे थे. ट्रॉमा इमरजेंसी में 320 मरीज पहुंचे. शनिवार को 20 हजार से अधिक टेस्ट और शुक्रवार को 23952 टेस्ट हुए.

कल चिकित्सकों का देशव्यापी हड़ताल

जयपुर. राइट टू हेल्थ बिल का विरोध कर रहे हो चिकित्सकों और सरकार के बीच आज वार्ता हो सकती है. वहीं, सरकार हड़ताल कर रहे चिकित्सकों पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है. दरअसल, सरकार ने पुलिस और चिकित्सा विभाग से अस्पतालों के रिकॉर्ड मांगे हैं. इसी बीच अगर सरकार और चिकित्सकों के बीच वार्ता सफल नहीं होती है तो 27 मार्च को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर देशभर में चिकित्सक हड़ताल पर जा सकते हैं.

प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपील करते हुए चिकित्सकों से काम पर लौटने का आह्वान किया है और बीते दिन सरकार से वार्ता का न्योता भी दिया. लेकिन चिकित्सक सरकार से वार्ता करने नहीं पहुंचे. ऐसे में माना जा रहा है कि आज सरकार और चिकित्सकों के बीच वार्ता हो सकती है. राइट टू हेल्थ बिल वापस लेने की मांग कर रहे डॉक्टर्स और राज्य सरकार अब आर-पार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं. लगातार आठवें दिन डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार के कारण प्रदेश के निजी अस्पतालों में मरीजों को इमरजेंसी में भी इलाज नहीं मिला. जिस कारण से इमरजेंसी में मरीजों ने जयपुर के एसएमएस से लेकर जिलों के सरकारी अस्पतालों में इलाज लिया.

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जयपुर पुलिस आयुक्तालय ने सभी थानाधिकारियों को पत्र जारी किया गया हैं. जिसमें उनके थाना क्षेत्र के निजी अस्पतालों के बारे में जानकारी मांगी गई है. वहीं, निदेशालय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं की ओर से भी आदेश जारी कर सभी सीएमएचओ से निजी अस्पतालों के बारे में जानकारी मांगी गई है. इसमें आंदोलन कर रहे सरकारी और निजी अस्पताल-डॉक्टर्स का नाम, संचालक/मालिक का नाम, अस्पताल में बेड्स की संख्या और वर्तमान में वह चालू है या बंद. इसके बारे में पूरा रिकॉर्ड मांगा हैं. वहीं, इंडियन मेडिकल एसो. ने सरकार की ओर से सूचना मांगे जाने के बाद सोमवार को राष्ट्रीय लेवल पर चिकित्सा हड़ताल रखने की घोषणा की. जिसके तहत देशभर में निजी अस्पतालों में बंद रखा जाएगा.

एसएमएस ने संभाला मोर्चा : निजी अस्पतालों के कार्य बहिष्कार के बाद सरकारी अस्पतालों में मरीजों का दबाब बढ़ा है. एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ने कहा कि त्योहारी सीजन के कारण मरीजों की संख्या कम हैं. वहीं, एसएमएस में मरीज पहुंच रहे है जिन्हें इलाज की सख्त जरूरत है. इसको लेकर अस्पताल ने व्यवस्थाएं कर दी है. एसएमएस का डॉक्टर किसी भी यूनिट में जाकर इलाज दे रहा हैं. सभी को ऑन कॉल अलर्ट रहने को कह दिया हैं.

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छह हजार मरीज पहुंचे एसएमएस : शनिवार को एसएमएस की ओपीडी में 6 हजार मरीज पहुंचे. शुक्रवार को ओपीडी 5347 की थी. इनमें से 300 भर्ती हुए. एसएमएस इमरजेंसी में शनिवार को 400 से अधिक और शुक्रवार को 589 मरीज इलाज के लिए पहुंचे थे. ट्रॉमा इमरजेंसी में 320 मरीज पहुंचे. शनिवार को 20 हजार से अधिक टेस्ट और शुक्रवार को 23952 टेस्ट हुए.

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