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जिला उपभोक्ता आयोग का आदेश: बिल्डर नई दीवार बनाए या 4.25 लाख रुपए बतौर खर्च दे

जिला उपभोक्ता आयोग, जयपुर-चतुर्थ ने एक परिवादी के मकान में आए दरार के मामले में बिल्डर को नई दीवार बनाने या इसकी खर्च राशि देने का निर्देश दिया है.

District consumer commission
जिला उपभोक्ता आयोग
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 11, 2024, 9:19 PM IST

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग, जयपुर-चतुर्थ ने सांगानेर के जयपुरा गांव की प्रभु प्रधानसिटी में परिवादी की ओर से खरीदे गए मकान में आई दरार के मामले में बिल्डर तनय अग्रवाल व सुनील को नई दीवार बनाने या इसकी खर्च राशि 425319 रुपए परिवादी को देने का निर्देश दिया है. इसके अलावा परिवादी को हुई परेशानी के लिए अलग से 35 हजार रुपए हर्जाना देने का निर्देश दिया है. आयोग के अध्यक्ष राजेन्द्र पारीक व सदस्य विनोद सैनी ने यह आदेश रेखा करोल के परिवाद पर दिया.

परिवाद में कहा गया कि परिवादी ने 36 लाख रुपए में विपक्षी बिल्डर की आवासीय योजना प्रभु प्रधान सिटी में एक मकान खरीदा था. मकान खरीदने के कुछ दिन बाद फरवरी 2019 में मकान में दरार आ गई. बिल्डर को सूचना देने पर इंजीनियर ने चैक किया, तो दीवार में दो एमएम का अंतर मिला. जिस पर आर्किटेक्ट को मकान दिखाया, तो उसने कहा कि बिल्डर ने पड़ोस की दीवार से सटाकर छत बना दी है और ऐसे में आधार नहीं होने के कारण ही मकान में दरार आई है.

पढ़ें: रिजर्वेशन टिकट में यात्री को मेल की जगह फीमेल लिखा, फिर बेटिकट मानकर जुर्माना वसूला: उपभोक्ता आयोग ने रेलवे पर लगाया 50 हजार हर्जाना

बिल्डर ने लाभ कमाने के लिए यह भारी गलती की है और इसकी मरम्मत पर 4,25,319 रुपए खर्चा आना बताया. इसे परिवादिया ने उपभोक्ता आयोग में चुनौती देते हुए कहा कि मकान बेचते समय विपक्षी बिल्डर ने सही गुणवत्ता का भरोसा दिलाया था, लेकिन विधिक नोटिस के बाद भी बिल्डर ने अपनी गलती को नहीं सुधारा है. इसलिए बिल्डर से हर्जा-खर्चा सहित नई दीवार बनवाई जाए या उसके खर्च की राशि दिलवाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने बिल्डर पर हर्जाना लगाते हुए नई दीवार बनाने या उसकी लागत देने को कहा है.

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग, जयपुर-चतुर्थ ने सांगानेर के जयपुरा गांव की प्रभु प्रधानसिटी में परिवादी की ओर से खरीदे गए मकान में आई दरार के मामले में बिल्डर तनय अग्रवाल व सुनील को नई दीवार बनाने या इसकी खर्च राशि 425319 रुपए परिवादी को देने का निर्देश दिया है. इसके अलावा परिवादी को हुई परेशानी के लिए अलग से 35 हजार रुपए हर्जाना देने का निर्देश दिया है. आयोग के अध्यक्ष राजेन्द्र पारीक व सदस्य विनोद सैनी ने यह आदेश रेखा करोल के परिवाद पर दिया.

परिवाद में कहा गया कि परिवादी ने 36 लाख रुपए में विपक्षी बिल्डर की आवासीय योजना प्रभु प्रधान सिटी में एक मकान खरीदा था. मकान खरीदने के कुछ दिन बाद फरवरी 2019 में मकान में दरार आ गई. बिल्डर को सूचना देने पर इंजीनियर ने चैक किया, तो दीवार में दो एमएम का अंतर मिला. जिस पर आर्किटेक्ट को मकान दिखाया, तो उसने कहा कि बिल्डर ने पड़ोस की दीवार से सटाकर छत बना दी है और ऐसे में आधार नहीं होने के कारण ही मकान में दरार आई है.

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बिल्डर ने लाभ कमाने के लिए यह भारी गलती की है और इसकी मरम्मत पर 4,25,319 रुपए खर्चा आना बताया. इसे परिवादिया ने उपभोक्ता आयोग में चुनौती देते हुए कहा कि मकान बेचते समय विपक्षी बिल्डर ने सही गुणवत्ता का भरोसा दिलाया था, लेकिन विधिक नोटिस के बाद भी बिल्डर ने अपनी गलती को नहीं सुधारा है. इसलिए बिल्डर से हर्जा-खर्चा सहित नई दीवार बनवाई जाए या उसके खर्च की राशि दिलवाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने बिल्डर पर हर्जाना लगाते हुए नई दीवार बनाने या उसकी लागत देने को कहा है.

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