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कल से गूंजेगी शहनाईयां: देवउठनी एकादशी के साथ शुरू होंगे मांगलिक कार्य, होटल, धर्मशालाएं फुल

शुक्रवार को देवउठनी एकादशी से मांगलिक कार्यों की शुरूआत होगी. इसके चलते बाजारों में रौनक लौटने लगी है. रेनवाल में हालात ये हैं कि शादियों के समारोहों के चलते विवाह स्थलों, होटल और धर्मशालाएं पूरी तरह बुक हो चुकी (Hotel and marriage halls booked) हैं.

Dev Uthani Ekadashi on Nov 4, hotel and marriage halls booked
कल से गूंजेगी शहनाईयां: देवउठनी एकादशी के साथ शुरू होंगे मांगलिक कार्य, होटल, धर्मशालाएं फुल
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Published : Nov 3, 2022, 10:03 PM IST

जयपुर. 4 माह से बंद मांगलिक कार्य शुक्रवार यानी देवउठनी एकादशी के साथ फिर से शुरू (Dev Uthani Ekadashi on Nov 4) होंगे. विवाह सीजन शुरू होने से इन दिनों राजधानी के रेनवाल सहित क्षेत्र के बाजार में चहल-पहल जाेराें पर है. शादी-विवाह की धूम के चलते व्यापारियों के चेहरे खिले हुए हैं. दीपावली से एक सप्ताह पहले से व्यापार ने गति पकड़ ली थी जो अब विवाह सीजन शुरू होने से व्यापार में और तेजी आ गई है.

इन दिनों खाद्य सामग्री की दुकानों सहित, साफा-शेरवानी, रेडीमेड़, कपड़े, ज्वेलरी आदि की दुकानों पर ग्राहक बढ़ रहे हैं. विवाह समारोहों को लेकर शहर की सभी धर्मशालाएं, होटल व मैरिज गार्डन बुक हो चुके हैं. दुकानदार भी व्यापार चलने पर खुश हैं. इस बार खुशी इस बात की भी है कि दो साल बाद बिना किसी पाबंदी के विवाह समारोह होंगे. जबकि दो साल से कोरोना महामारी के चलते कई तरह की पाबंदियां थीं. कई मौकों पर तो विवाह समारोह हुए ही नहीं थे. लोगों ने मजबूरी के चलते सीमित तरह से विवाह कार्यक्रम किए थे, लेकिन इस साल किसी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं होने पर विवाह समारोह की धूम है.

पढ़ें: इस साल शादी के बंधन में बंधने वालों के लिए खुशखबरी, विवाह के 15 शुभ मुहूर्त

इस बार दीपावली का सीजन में बाजार में अच्छा चला है. देवउठनी एकादशी पर विवाह शुरू होने व दो माह में करीब 10 विवाह मूर्हत होने से रेनवाल सहित क्षेत्र की तकरीबन सभी धर्मशालाएं, होटलें व वैवाहिक गार्डन बुक हो चुके हैं. साथ ही एडवांस बुकिंग के चलते टेंट हाउस, इलेक्ट्रिकल्स, हलवाई, पंडित, नाई, धोबी, चाट-पकोड़े, घोड़ी, बैंड बाजे सहित विवाह में काम करने वाले लोग रोजगार मिलने से व्यस्त हो गए हैं. इस बार ग्रामीण क्षेत्र में विवाह समारोह अधिक होने की संभावना है.

पढ़ें: #etvbharatdharma: देवउठनी एकादशी से शुरू होगे मांगलिक कार्य

पं. वेदप्रकाश ज्योतिषी ने बताया कि 4 नवंबर को देवउठनी एकादशी से विवाह समारोहों की शुरुआत होगी. विवाह का मुहुर्त नवंबर माह में 4, 8, 25, 26 व 28 को है. जबकि दिसंबर में 2, 4, 7, 8 व 9 को विवाह मूर्हत है. इसके बाद 14 दिसंबर से मलमास शुरू हो जाएंगे, जो 14 जनवरी मकर संक्रांति तक रहेंगे. मलमास में भी शादी विवाह के मूर्हत नहीं हैं.

जयपुर. 4 माह से बंद मांगलिक कार्य शुक्रवार यानी देवउठनी एकादशी के साथ फिर से शुरू (Dev Uthani Ekadashi on Nov 4) होंगे. विवाह सीजन शुरू होने से इन दिनों राजधानी के रेनवाल सहित क्षेत्र के बाजार में चहल-पहल जाेराें पर है. शादी-विवाह की धूम के चलते व्यापारियों के चेहरे खिले हुए हैं. दीपावली से एक सप्ताह पहले से व्यापार ने गति पकड़ ली थी जो अब विवाह सीजन शुरू होने से व्यापार में और तेजी आ गई है.

इन दिनों खाद्य सामग्री की दुकानों सहित, साफा-शेरवानी, रेडीमेड़, कपड़े, ज्वेलरी आदि की दुकानों पर ग्राहक बढ़ रहे हैं. विवाह समारोहों को लेकर शहर की सभी धर्मशालाएं, होटल व मैरिज गार्डन बुक हो चुके हैं. दुकानदार भी व्यापार चलने पर खुश हैं. इस बार खुशी इस बात की भी है कि दो साल बाद बिना किसी पाबंदी के विवाह समारोह होंगे. जबकि दो साल से कोरोना महामारी के चलते कई तरह की पाबंदियां थीं. कई मौकों पर तो विवाह समारोह हुए ही नहीं थे. लोगों ने मजबूरी के चलते सीमित तरह से विवाह कार्यक्रम किए थे, लेकिन इस साल किसी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं होने पर विवाह समारोह की धूम है.

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इस बार दीपावली का सीजन में बाजार में अच्छा चला है. देवउठनी एकादशी पर विवाह शुरू होने व दो माह में करीब 10 विवाह मूर्हत होने से रेनवाल सहित क्षेत्र की तकरीबन सभी धर्मशालाएं, होटलें व वैवाहिक गार्डन बुक हो चुके हैं. साथ ही एडवांस बुकिंग के चलते टेंट हाउस, इलेक्ट्रिकल्स, हलवाई, पंडित, नाई, धोबी, चाट-पकोड़े, घोड़ी, बैंड बाजे सहित विवाह में काम करने वाले लोग रोजगार मिलने से व्यस्त हो गए हैं. इस बार ग्रामीण क्षेत्र में विवाह समारोह अधिक होने की संभावना है.

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पं. वेदप्रकाश ज्योतिषी ने बताया कि 4 नवंबर को देवउठनी एकादशी से विवाह समारोहों की शुरुआत होगी. विवाह का मुहुर्त नवंबर माह में 4, 8, 25, 26 व 28 को है. जबकि दिसंबर में 2, 4, 7, 8 व 9 को विवाह मूर्हत है. इसके बाद 14 दिसंबर से मलमास शुरू हो जाएंगे, जो 14 जनवरी मकर संक्रांति तक रहेंगे. मलमास में भी शादी विवाह के मूर्हत नहीं हैं.

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