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जयपुर की ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग बरकरार रखने के लिए बनेगी ठोस रणनीति - solid strategy

जयपुर के विभिन्न जोन की पड़ताल करने के बाद ईटीवी भारत ने ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग की जमीनी हकीकत प्रशासन के सामने रखी. जिसके बाद निगम से लेकर स्वायत्त शासन विभाग के उच्च अधिकारियों ने भी मामले पर संज्ञान लिया. और अब ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग को बनाए रखने के लिए ठोस रणनीति बनाने की बात की जा रही है.

ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग
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Published : Apr 30, 2019, 5:10 PM IST

जयपुर. राजधानी को मिली ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग की जमीनी हकीकत ईटीवी भारत द्वारा प्रशासन के सामने रखे जाने के बाद अब स्वायत्त शासन विभाग ने इस पर संज्ञान लिया है. और अब तक जिस रैंकिंग को लेकर वाहवाही लूटी जा रही थी. उस पर ठोस रणनीति बनाने के साथ ही निगम द्वारा कमियों में सुधार की बात कही जा रही है.

ईटीवी भारत ने बीते सप्ताह जयपुर के विभिन्न जोन की पड़ताल करने के बाद ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग की जमीनी हकीकत प्रशासन के सामने रखी. जिसके बाद निगम से लेकर स्वायत्त शासन विभाग के उच्च अधिकारियों ने भी मामले पर संज्ञान लिया. और अब ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग को बनाए रखने के लिए ठोस रणनीति बनाने की बात की जा रही है. स्वायत्त शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने ओडीएफ और ओडीएफ प्लस प्लस का अंतर स्पष्ट करते हुए बताया कि जनसंख्या के हिसाब से प्रदेश में टॉयलेट उपलब्ध कराए गए हैं. जिसकी वजह से प्रदेश को ओडीएफ रैंकिंग मिली है. जबकि ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग में इसकी स्थिरता और नियमितता की भी जरूरत होती है. कोई भी व्यक्ति खुले में शौच ना करें, शौचालयों का इस्तेमाल करें. इसके लिए अब एक रणनीति बनाई जा रही है.

जयपुर की ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग पर लिया संज्ञान, अब बनेगी ठोस रणनीति

सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग में खुले में शौच के अलावा डोर टू डोर कचरा संग्रहण और उस कचरे का साइंटिफिक प्रोसेसिंग के जरिए डिस्पोजल किया जाना भी शामिल रहता है. जिस पर भी विभाग रणनीति बनाने में जुट गया है. वहीं जयपुर में ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग की खुले में उड़ रही धज्जियां पर स्वायत्त शासन सचिव ने कहा कि नगर निगम के जरिए कमियों में सुधार किया जाएगा.

बहरहाल, ईटीवी भारत ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग की हकीकत को प्रशासन के सामने रखा. ताकि वाहवाही लूटने के बजाय नगर निगम और स्वायत्त शासन विभाग इस पर नियमित मॉनिटरिंग कर इसे व्यवस्थित करें. अब जब विभाग की ओर से ठोस रणनीति की बात की जा रही है. तो इस रणनीति के धरातल पर उतरने का इंतजार होगा.

जयपुर. राजधानी को मिली ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग की जमीनी हकीकत ईटीवी भारत द्वारा प्रशासन के सामने रखे जाने के बाद अब स्वायत्त शासन विभाग ने इस पर संज्ञान लिया है. और अब तक जिस रैंकिंग को लेकर वाहवाही लूटी जा रही थी. उस पर ठोस रणनीति बनाने के साथ ही निगम द्वारा कमियों में सुधार की बात कही जा रही है.

ईटीवी भारत ने बीते सप्ताह जयपुर के विभिन्न जोन की पड़ताल करने के बाद ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग की जमीनी हकीकत प्रशासन के सामने रखी. जिसके बाद निगम से लेकर स्वायत्त शासन विभाग के उच्च अधिकारियों ने भी मामले पर संज्ञान लिया. और अब ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग को बनाए रखने के लिए ठोस रणनीति बनाने की बात की जा रही है. स्वायत्त शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने ओडीएफ और ओडीएफ प्लस प्लस का अंतर स्पष्ट करते हुए बताया कि जनसंख्या के हिसाब से प्रदेश में टॉयलेट उपलब्ध कराए गए हैं. जिसकी वजह से प्रदेश को ओडीएफ रैंकिंग मिली है. जबकि ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग में इसकी स्थिरता और नियमितता की भी जरूरत होती है. कोई भी व्यक्ति खुले में शौच ना करें, शौचालयों का इस्तेमाल करें. इसके लिए अब एक रणनीति बनाई जा रही है.

जयपुर की ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग पर लिया संज्ञान, अब बनेगी ठोस रणनीति

सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग में खुले में शौच के अलावा डोर टू डोर कचरा संग्रहण और उस कचरे का साइंटिफिक प्रोसेसिंग के जरिए डिस्पोजल किया जाना भी शामिल रहता है. जिस पर भी विभाग रणनीति बनाने में जुट गया है. वहीं जयपुर में ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग की खुले में उड़ रही धज्जियां पर स्वायत्त शासन सचिव ने कहा कि नगर निगम के जरिए कमियों में सुधार किया जाएगा.

बहरहाल, ईटीवी भारत ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग की हकीकत को प्रशासन के सामने रखा. ताकि वाहवाही लूटने के बजाय नगर निगम और स्वायत्त शासन विभाग इस पर नियमित मॉनिटरिंग कर इसे व्यवस्थित करें. अब जब विभाग की ओर से ठोस रणनीति की बात की जा रही है. तो इस रणनीति के धरातल पर उतरने का इंतजार होगा.

Intro:जयपुर को मिले ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग की जमीनी हकीकत पर अब स्वायत्त शासन विभाग ने संज्ञान लिया है... अब तक जिस ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग को लेकर वाहवाही लूटी जा रही थी,,, सच्चाई सामने आने के बाद अब उस पर ठोस रणनीति बनाने की बात की जा रही है...


Body:बीते सप्ताह में जयपुर के विभिन्न जोन की पड़ताल करने के बाद ईटीवी भारत ने शहर को मिले ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग की जमीनी हकीकत प्रशासन के सामने रखी... जिसे जानने के बाद निगम से लेकर स्वायत्त शासन विभाग के उच्च अधिकारियों ने भी मामले पर संज्ञान लिया... और अब ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग को बनाए रखने के लिए ठोस रणनीति बनाने की बात की जा रही है... इस संबंध में स्वायत्त शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने ओडीएफ और ओडीएफ प्लस प्लस का अंतर स्पष्ट करते हुए बताया कि जनसंख्या के हिसाब से प्रदेश में टॉयलेट उपलब्ध कराए गए हैं,,, जिसकी वजह से प्रदेश को ओडीएफ रैंकिंग मिली है... जबकि ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग में इसकी स्थिरता और नियमितता की भी जरूरत होती है... कोई भी व्यक्ति खुले में शौच ना करें,,, शौचालयों का इस्तेमाल करें... इसके लिए अब एक रणनीति बनाई जा रही है... उन्होंने कहा कि ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग में खुले में शौच के अलावा डोर टू डोर कचरा संग्रहण,,, और उस कचरे का साइंटिफिक प्रोसेसिंग के जरिए डिस्पोजल किया जाना भी शामिल रहता है... जिस पर भी विभाग रणनीति बनाने में जुट गया है... वहीं जयपुर में ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग की खुले में उड़ रही धज्जियां पर स्वायत्त शासन सचिव ने कहा कि,,, नगर निगम के जरिए जो भी कमी है,,, उन में पूरा सुधार लाया जाएगा....


Conclusion:बहरहाल, ईटीवी भारत ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए,,, ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग की हकीकत को प्रशासन के सामने रखा... ताकि वाहवाही लूटने के बजाय निगम और स्वायत्त शासन विभाग इस पर नियमित मॉनिटरिंग कर इसे व्यवस्थित करें... और अब जब विभाग की ओर से ठोस रणनीति की बात की जा रही है,,, तो इंतजार इस रणनीति के धरातल पर उतरने का होगा...
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