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Ground Report : राजस्थान में डेंगू-मलेरिया के बढ़ते मामलों ने बढ़ाई टेंशन, डेंगू के 1198 तो मलेरिया के 803 पॉजिटिव केस आए सामने

राजधानी जयपुर समेत पूरे राजस्थान में इन दिनों डेंगू और मलेरिया के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. ऐसे में बिगड़ते हालात पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ ही अन्य विभाग की टीमें भी सड़क पर उतर काम में जुट गई हैं, ताकि समय रहते इन मौसमी बीमारियों पर पूरी तरह से नियंत्रण पाया जा सके.

Dengue malaria cases increasing in Rajasthan
Dengue malaria cases increasing in Rajasthan
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Published : Aug 9, 2023, 7:18 PM IST

Updated : Aug 9, 2023, 7:34 PM IST

डेंगू-मलेरिया ने बढ़ाई टेंशन

जयपुर. प्रदेश में इस साल मानसून में लगातार बारिश हो रही है. इसी बारिश के जल भराव और ह्यूमिडिटी के कारण राजधानी सहित राज्य के विभिन्न जिलों में मच्छर जनित रोग डेंगू और मलेरिया के मामले बढ़े हैं. प्रदेश में इस सीजन डेंगू के 1198 पॉजिटिव केस सामने आए हैं. इनमें से 23 फीसदी मामले अकेले राजधानी जयपुर के हैं. जयपुर में डेंगू के 271 मामले सामने आए हैं तो वहीं दो लोगों की इससे मौत भी हो चुकी है. डेंगू के अलावा प्रदेश में मलेरिया भी तेजी से पैर पसार रहा है. मलेरिया के 803 पॉजिटिव केस सामने आए हैं. इसमें सबसे अधिक 510 पॉजिटिव केस बाड़मेर के है. ऐसे में बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य महकमा सहित सात विभाग मिलकर इसकी रोकथाम के लिए लगातार काम कर रहे हैं.

मौसमी बीमारियों के बीच प्रशासन अलर्ट - दरअसल, प्रदेश में इस बार मानसून मेहरबान है, लेकिन मौसम में गर्मी और उमस भी बरकरार है. हालांकि, रात में तापमान में गिरावट भी दर्ज की जा रही है, जिसकी वजह से हर घर में सर्दी-खांसी, जुकाम, वायरल बुखार, उल्टी, दस्त के मरीज मिल रहे हैं. साथ ही मच्छर पनपने से मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों के आंकड़े भी तेजी से बढ़ गए हैं. जयपुर के एसएमएस अस्पताल की धनवंतरी ओपीडी और चरक भवन में सुबह से ही मरीजों की लंबी लाइन लग रही है. एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ने कहा कि मौसमी बीमारियों को देखते हुए प्रशासन अलर्ट है और दवाओं के स्टॉक भी रखे गए हैं.

Dengue malaria cases increasing in Rajasthan
जिलेवार डेंगू-मलेरिया के केस

इसे भी पढ़ें - जयपुर : डेंगू-मलेरिया ने शुरू किया तांडव, डीजल की कमी के चलते शुरू नहीं हो रही फोगिंग

एसएमएस के अलावा मच्छर जनित रोग से पीड़ित मरीज कांवटिया, जयपुरिया और आरयूएचएस अस्पताल में भी पहुंच रहे हैं. ऐसे में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने अस्पतालों के वार्डों को मच्छर प्रूफ करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, जन स्वास्थ्य निदेशक डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने कहा कि मानसून के दौर में सजग रहने की जरूरत है. दूसरे राज्यों की तुलना में राजस्थान की स्थिति काफी बेहतर है. लेकिन जो प्रभावित जिले हैं, उन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसके साथ ही सात डिपार्टमेंट स्वास्थ्य विभाग, एलएसजी, यूडीएच, आईसीडीएस, एजुकेशन, वेटरनरी और जिला प्रशासन मिलकर डेंगू मलेरिया की रोकथाम के लिए काम कर रहे हैं.

उधर, राजधानी के दोनों निगमों का दावा है कि उनकी ओर से एंटी लार्वा एक्टिविटी की जा रही है. हैरिटेज नगर निगम के स्वास्थ्य उपायुक्त आशीष कुमार ने कहा कि मानसून के दौर में लगातार एंटी लार्वा एक्टिविटी की जा रही है. मच्छरों के लार्वा को मारने के लिए फॉगिंग का कार्यक्रम 1 सितंबर से शुरू होता है, जो दिसंबर तक चलता है. उसके लिए पांच हूपर के साथ अपडेटेड मशीन की व्यवस्था की गई है. वर्तमान में 15 टीम विभिन्न वार्डों में जाकर कीटनाशक दवाओं के साथ एंटी लार्वा एक्टिविटी में जुटे हुए हैं.

Dengue malaria cases increasing in Rajasthan
जिलेवार डेंगू-मलेरिया के केस

वहीं ग्रेटर नगर निगम की हेल्थ ऑफिसर डॉ रश्मि ने बताया कि जहां भी पानी भरा हुआ है, वहां एंटी लार्वा एक्टिविटी कराई जा रही है. वार्ड वाइज प्रोग्राम बनाकर नियमित 6 वार्ड में जहां पानी भरा रहता है वहां फिनाइल और टेमीफोस का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके साथ ही कलेक्टर के निर्देश पर हूपर्स में जिंगल भी चलवाए जा रहे हैं, ताकि लोग जागरुक हो. बहरहाल, मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए एंटी लारवा एक्टिविटीज के अलावा लोगों को खुद भी जागरुक होना होगा. तभी मच्छर जनित रोगों पर नकेल कस पाएगी.

डेंगू-मलेरिया ने बढ़ाई टेंशन

जयपुर. प्रदेश में इस साल मानसून में लगातार बारिश हो रही है. इसी बारिश के जल भराव और ह्यूमिडिटी के कारण राजधानी सहित राज्य के विभिन्न जिलों में मच्छर जनित रोग डेंगू और मलेरिया के मामले बढ़े हैं. प्रदेश में इस सीजन डेंगू के 1198 पॉजिटिव केस सामने आए हैं. इनमें से 23 फीसदी मामले अकेले राजधानी जयपुर के हैं. जयपुर में डेंगू के 271 मामले सामने आए हैं तो वहीं दो लोगों की इससे मौत भी हो चुकी है. डेंगू के अलावा प्रदेश में मलेरिया भी तेजी से पैर पसार रहा है. मलेरिया के 803 पॉजिटिव केस सामने आए हैं. इसमें सबसे अधिक 510 पॉजिटिव केस बाड़मेर के है. ऐसे में बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य महकमा सहित सात विभाग मिलकर इसकी रोकथाम के लिए लगातार काम कर रहे हैं.

मौसमी बीमारियों के बीच प्रशासन अलर्ट - दरअसल, प्रदेश में इस बार मानसून मेहरबान है, लेकिन मौसम में गर्मी और उमस भी बरकरार है. हालांकि, रात में तापमान में गिरावट भी दर्ज की जा रही है, जिसकी वजह से हर घर में सर्दी-खांसी, जुकाम, वायरल बुखार, उल्टी, दस्त के मरीज मिल रहे हैं. साथ ही मच्छर पनपने से मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों के आंकड़े भी तेजी से बढ़ गए हैं. जयपुर के एसएमएस अस्पताल की धनवंतरी ओपीडी और चरक भवन में सुबह से ही मरीजों की लंबी लाइन लग रही है. एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ने कहा कि मौसमी बीमारियों को देखते हुए प्रशासन अलर्ट है और दवाओं के स्टॉक भी रखे गए हैं.

Dengue malaria cases increasing in Rajasthan
जिलेवार डेंगू-मलेरिया के केस

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एसएमएस के अलावा मच्छर जनित रोग से पीड़ित मरीज कांवटिया, जयपुरिया और आरयूएचएस अस्पताल में भी पहुंच रहे हैं. ऐसे में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने अस्पतालों के वार्डों को मच्छर प्रूफ करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, जन स्वास्थ्य निदेशक डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने कहा कि मानसून के दौर में सजग रहने की जरूरत है. दूसरे राज्यों की तुलना में राजस्थान की स्थिति काफी बेहतर है. लेकिन जो प्रभावित जिले हैं, उन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसके साथ ही सात डिपार्टमेंट स्वास्थ्य विभाग, एलएसजी, यूडीएच, आईसीडीएस, एजुकेशन, वेटरनरी और जिला प्रशासन मिलकर डेंगू मलेरिया की रोकथाम के लिए काम कर रहे हैं.

उधर, राजधानी के दोनों निगमों का दावा है कि उनकी ओर से एंटी लार्वा एक्टिविटी की जा रही है. हैरिटेज नगर निगम के स्वास्थ्य उपायुक्त आशीष कुमार ने कहा कि मानसून के दौर में लगातार एंटी लार्वा एक्टिविटी की जा रही है. मच्छरों के लार्वा को मारने के लिए फॉगिंग का कार्यक्रम 1 सितंबर से शुरू होता है, जो दिसंबर तक चलता है. उसके लिए पांच हूपर के साथ अपडेटेड मशीन की व्यवस्था की गई है. वर्तमान में 15 टीम विभिन्न वार्डों में जाकर कीटनाशक दवाओं के साथ एंटी लार्वा एक्टिविटी में जुटे हुए हैं.

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जिलेवार डेंगू-मलेरिया के केस

वहीं ग्रेटर नगर निगम की हेल्थ ऑफिसर डॉ रश्मि ने बताया कि जहां भी पानी भरा हुआ है, वहां एंटी लार्वा एक्टिविटी कराई जा रही है. वार्ड वाइज प्रोग्राम बनाकर नियमित 6 वार्ड में जहां पानी भरा रहता है वहां फिनाइल और टेमीफोस का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके साथ ही कलेक्टर के निर्देश पर हूपर्स में जिंगल भी चलवाए जा रहे हैं, ताकि लोग जागरुक हो. बहरहाल, मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए एंटी लारवा एक्टिविटीज के अलावा लोगों को खुद भी जागरुक होना होगा. तभी मच्छर जनित रोगों पर नकेल कस पाएगी.

Last Updated : Aug 9, 2023, 7:34 PM IST
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