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डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी: एसएमएस में बढ़ी प्लेटलेट्स की मांग, प्रदेश में अब तक 9000 से अधिक मामले

राजस्थान में डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे (Dengue cases increased in Rajasthan) हैं. डेंगू के मामलों की संख्या 9061 हो चुकी है. इनमें से अकेले जयपुर में 3485 मामले आ चुके हैं. इसके चलते अस्पताल में प्लेटलेट्स की डिमांड बढ़ गई है.

Dengue cases increased in Rajasthan
डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी: एसएमएस में बढ़ी प्लेटलेट्स की मांग, प्रदेश में अब तक 9000 से अधिक मामले
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Published : Nov 8, 2022, 12:00 AM IST

जयपुर. प्रदेश में डेंगू के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही (Dengue cases increased in Rajasthan) है. प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में एकाएक प्लेटलेट्स की मांग बढ़ गई है. आमतौर पर डेंगू से पीड़ित मरीजों को प्लेटलेट्स की आवश्यकता होती है. इसे देखते हुए एसएमएस अस्पताल के ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स को अधिक मात्रा में स्टोर किया जा रहा है ताकि जरूरतमंद मरीजों को समय पर प्लेटलेट्स उपलब्ध हो सके.

प्रदेश में बारिश का सीजन खत्म हो चुका है और अब सर्दी का एहसास होना शुरू हो गया है. लेकिन सर्दी के इस मौसम में डेंगू का वायरस एक्टिव हो गया है. आंकड़ों की बात करें तो अभी तक प्रदेश में बड़ी संख्या में डेंगू पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं जिनमें सर्वाधिक मामले राजधानी जयपुर से देखने को मिले हैं. चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में अभी तक करीब 9061 मामले डेंगू के सामने आ चुके हैं. अकेले जयपुर में 3485 मामले डेंगू के देखने को मिले हैं. जबकि सरकारी आंकड़ों की बात करें तो अभी तक 6 मरीजों की मौत डेंगू से बताई जा रही है.

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में पिछले कुछ दिनों में डेंगू के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. चिकित्सकों के अनुसार डेंगू के मामले बारिश के मौसम में देखने को मिलते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों में इसके वायरस में बदलाव आया है और अब सर्दियों में डेंगू का डंक सबसे अधिक देखने को मिल रहा है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के अतिरिक्त अधीक्षक डॉ मनोज शर्मा का कहना है कि आमतौर पर अक्टूबर माह में डेंगू के मामलों में कमी देखने को मिलती है क्योंकि डेंगू के मरीज बारिश के मौसम में सबसे अधिक सामने आते हैं. लेकिन सर्दियों में डेंगू के केस कम होने के बजाय लगातार बढ़ रहे हैं. इनमें सिंप्टोमेटिक और एसिंप्टोमेटिक मरीज भी देखने को मिल रहे हैं.

पढ़ें: डेंगू के वायरस के पैटर्न में बदलाव, बीमारी से बढ़े मौत के आंकड़े, चिकित्सा विभाग के दावे से उलट जमीनी हालात

सवाई मानसिंह अस्पताल के ब्लड बैंक के एचओडी डॉ अमित शर्मा का कहना है कि डेंगू के बढ़ते मामलों के बाद ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की मांग अचानक बढ़ गई है. अस्पताल में मौजूदा समय में हर दिन 25 से 30 यूनिट प्लेटलेट्स मरिजों को उपलब्ध कराई जा रही है. हालांकि पिछले साल के मुकाबले अभी तक हालात ठीक बने हुए हैं. पिछले वर्ष की बात करें तो प्रदेश में तकरीबन 19 हजार से अधिक डेंगू के पॉजिटिव मामले देखने को मिले थे और लगभग 50 से अधिक मरीजों की मौत हुई थी.

पढ़ें: राजस्थान: डेंगू के अब तक 11 हजार से अधिक मामले आए सामने, 28 मौत

ये स्ट्रेन एक्टिव: चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू की चपेट में आने के बाद मरीज में तेज बुखार, मसूड़ों से खून आना, पेट में लगातार दर्द और उल्टी होना, शरीर के अन्य भागों से ब्लीडिंग होना और मुख्यतः प्लेटलेट्स कम होने लगती है. चिकित्सकों का यह भी कहना है कि आमतौर पर डेंगू के चार स्ट्रेन अभी तक सामने आए हैं जिनमें से फिलहाल डेनवी 1, डेनवी 2 स्ट्रेन एक्टिव नजर आ रहा है. चिकित्सकों का कहना है कि फिलहाल जो मामले डेंगू के सामने आ रहे हैं वे काफी कॉम्प्लिकेटेड नजर आ रहे हैं. ऐसे में रिसर्च किया जा रहा है कि फिलहाल जो स्ट्रेन डेंगू का सामने आया है, उसमें कोई म्यूटेशन तो नजर नहीं आ रहा. नए मामलों में सीवियर केस देखने को मिल रहे हैं. हालांकि इससे पहले डेंगू के सिर्फ एसिंप्टोमेटिक केस ही सामने आ रहे थे.

जयपुर. प्रदेश में डेंगू के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही (Dengue cases increased in Rajasthan) है. प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में एकाएक प्लेटलेट्स की मांग बढ़ गई है. आमतौर पर डेंगू से पीड़ित मरीजों को प्लेटलेट्स की आवश्यकता होती है. इसे देखते हुए एसएमएस अस्पताल के ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स को अधिक मात्रा में स्टोर किया जा रहा है ताकि जरूरतमंद मरीजों को समय पर प्लेटलेट्स उपलब्ध हो सके.

प्रदेश में बारिश का सीजन खत्म हो चुका है और अब सर्दी का एहसास होना शुरू हो गया है. लेकिन सर्दी के इस मौसम में डेंगू का वायरस एक्टिव हो गया है. आंकड़ों की बात करें तो अभी तक प्रदेश में बड़ी संख्या में डेंगू पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं जिनमें सर्वाधिक मामले राजधानी जयपुर से देखने को मिले हैं. चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में अभी तक करीब 9061 मामले डेंगू के सामने आ चुके हैं. अकेले जयपुर में 3485 मामले डेंगू के देखने को मिले हैं. जबकि सरकारी आंकड़ों की बात करें तो अभी तक 6 मरीजों की मौत डेंगू से बताई जा रही है.

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में पिछले कुछ दिनों में डेंगू के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. चिकित्सकों के अनुसार डेंगू के मामले बारिश के मौसम में देखने को मिलते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों में इसके वायरस में बदलाव आया है और अब सर्दियों में डेंगू का डंक सबसे अधिक देखने को मिल रहा है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के अतिरिक्त अधीक्षक डॉ मनोज शर्मा का कहना है कि आमतौर पर अक्टूबर माह में डेंगू के मामलों में कमी देखने को मिलती है क्योंकि डेंगू के मरीज बारिश के मौसम में सबसे अधिक सामने आते हैं. लेकिन सर्दियों में डेंगू के केस कम होने के बजाय लगातार बढ़ रहे हैं. इनमें सिंप्टोमेटिक और एसिंप्टोमेटिक मरीज भी देखने को मिल रहे हैं.

पढ़ें: डेंगू के वायरस के पैटर्न में बदलाव, बीमारी से बढ़े मौत के आंकड़े, चिकित्सा विभाग के दावे से उलट जमीनी हालात

सवाई मानसिंह अस्पताल के ब्लड बैंक के एचओडी डॉ अमित शर्मा का कहना है कि डेंगू के बढ़ते मामलों के बाद ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की मांग अचानक बढ़ गई है. अस्पताल में मौजूदा समय में हर दिन 25 से 30 यूनिट प्लेटलेट्स मरिजों को उपलब्ध कराई जा रही है. हालांकि पिछले साल के मुकाबले अभी तक हालात ठीक बने हुए हैं. पिछले वर्ष की बात करें तो प्रदेश में तकरीबन 19 हजार से अधिक डेंगू के पॉजिटिव मामले देखने को मिले थे और लगभग 50 से अधिक मरीजों की मौत हुई थी.

पढ़ें: राजस्थान: डेंगू के अब तक 11 हजार से अधिक मामले आए सामने, 28 मौत

ये स्ट्रेन एक्टिव: चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू की चपेट में आने के बाद मरीज में तेज बुखार, मसूड़ों से खून आना, पेट में लगातार दर्द और उल्टी होना, शरीर के अन्य भागों से ब्लीडिंग होना और मुख्यतः प्लेटलेट्स कम होने लगती है. चिकित्सकों का यह भी कहना है कि आमतौर पर डेंगू के चार स्ट्रेन अभी तक सामने आए हैं जिनमें से फिलहाल डेनवी 1, डेनवी 2 स्ट्रेन एक्टिव नजर आ रहा है. चिकित्सकों का कहना है कि फिलहाल जो मामले डेंगू के सामने आ रहे हैं वे काफी कॉम्प्लिकेटेड नजर आ रहे हैं. ऐसे में रिसर्च किया जा रहा है कि फिलहाल जो स्ट्रेन डेंगू का सामने आया है, उसमें कोई म्यूटेशन तो नजर नहीं आ रहा. नए मामलों में सीवियर केस देखने को मिल रहे हैं. हालांकि इससे पहले डेंगू के सिर्फ एसिंप्टोमेटिक केस ही सामने आ रहे थे.

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