ETV Bharat / state

Demand of Viratnagar People : नए जिले कोटपुतली-बहरोड़ में नहीं शामिल होना चाहते, आंदोलन की चेतावनी - Rajasthan Hindi News

विराटनगर के लोग नए जिले कोटपुतली-बहरोड़ में शामिल होना नहीं चाहते. वे जयपुर में जिले में ही रहना चाहते हैं. मांग नहीं माने जाने पर सरकार को उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. यहां जानिए पूरा मामला...

विराटनगर की जनता में आक्रोश
विराटनगर की जनता में आक्रोश
author img

By

Published : Mar 28, 2023, 6:12 PM IST

किसने क्या कहा, सुनिए...

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश भर में 19 नए जिले बनाने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री के इस फैसले बाद नए जिले बनाने का कई जगह पर विरोध भी किया जा रहा है. इलाके के लोग नए जिले में शामिल होने से इनकार कर रहे हैं तो कहीं पर नए जिले बनाने की मांग की जा रही है. जयपुर जिले के विराटनगर के लोग भी विरोध जता रहे हैं. उनका कहना है कि वह कोटपुतली-बहरोड़ जिले में शामिल नहीं होना चाहते. उन्हें जयपुर जिले में शामिल रहने दिया जाए या फिर शाहपुरा-विराटनगर के नाम से नया जिला बनाया जाए.

इस संबंध में विराटनगर के लोगों ने मंगलवार को जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि ऐसा नहीं करने पर विराटनगर के लोग उग्र आंदोलन करेंगे. विराटनगर संघर्ष समिति के बैनर तले लोग मंगलवार को जयपुर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया. स्थानीय लोगों में संघर्ष समिति के सदस्यों के साथ ही पूर्व विधायक रामचंद्र सराधना और फूलचंद भिंडा भी मौजूद रहे.

पढ़ें : New Districts in Rajasthan : सीएम गहलोत पर बरसे राठौड़, कहा- बिना हड्डी की जुबान से घोषणा कर रहे हैं

विराटनगर संघर्ष समिति के सदस्य जगदीश यादव ने बताया कि कोटपुतली-बहरोड़ को जिला बना दिया गया है, लेकिन स्थानीय लोग इस नए जिले में शामिल नहीं होना चाहते. उन्होंने कहा कि कोटपुतली में शामिल होना आर्थिक, राजनीतिक और व्यापारिक दृष्टि से स्थानीय लोगों के लिए सही नहीं है. हमारी मांग है कि या तो शाहपुरा-विराटनगर को जिला बनाया जाए या फिर हमें जयपुर जिले में ही शामिल रहने दिया जाए. जगदीश यादव ने कहा कि यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो विराटनगर संघर्ष समिति के बैनर तले हमारा संघर्ष इसी तरह से जारी रहेगा और इसके लिए उग्र आंदोलन कर आमरण अनशन किया जाएगा.

संघर्ष समिति के सदस्य पंकज पाराशर के मुताबिक नए जिलों की घोषणा में विराटनगर स्वयं जिले की दौड़ में था, लेकिन सरकार ने क्षेत्र की जनता को निराश किया है. विराटनगर को जिला नहीं बनाने से क्षेत्रवासियों में सरकार के प्रति आक्रोश भी है. उन्होंने बताया कि व्यवसायिक दृष्टि से विराटनगर और मेड कुंडला का सीधा जुड़ाव जयपुर से है न कि कोटपूतली से. विराटनगर और मेड कुंडला के अधिकांश पंचायत क्षेत्रों की कोटपुतली-बहरोड़ से दूरी जयपुर की अपेक्षा बहुत अधिक है. आम जनता को आने जाने में बहुत ही असुविधा होगी. रोजगार की दृष्टि से विराटनगर एवं मेड कुंडला के हजारों युवाओं की नौकरी या प्राइवेट जॉब जयपुर में करते हैं. शिक्षा और चिकित्सा की दृष्टि से इस क्षेत्र के लोगों की सुविधाएं और उनका झुकाव जयपुर से है. इसके अलावा भी कई अन्य कारण हैं, जिससे विराटनगर के लोग कोटपुतली-बहरोड़ जिले में शामिल नहीं होना चाहते हैं.

किसने क्या कहा, सुनिए...

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश भर में 19 नए जिले बनाने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री के इस फैसले बाद नए जिले बनाने का कई जगह पर विरोध भी किया जा रहा है. इलाके के लोग नए जिले में शामिल होने से इनकार कर रहे हैं तो कहीं पर नए जिले बनाने की मांग की जा रही है. जयपुर जिले के विराटनगर के लोग भी विरोध जता रहे हैं. उनका कहना है कि वह कोटपुतली-बहरोड़ जिले में शामिल नहीं होना चाहते. उन्हें जयपुर जिले में शामिल रहने दिया जाए या फिर शाहपुरा-विराटनगर के नाम से नया जिला बनाया जाए.

इस संबंध में विराटनगर के लोगों ने मंगलवार को जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि ऐसा नहीं करने पर विराटनगर के लोग उग्र आंदोलन करेंगे. विराटनगर संघर्ष समिति के बैनर तले लोग मंगलवार को जयपुर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया. स्थानीय लोगों में संघर्ष समिति के सदस्यों के साथ ही पूर्व विधायक रामचंद्र सराधना और फूलचंद भिंडा भी मौजूद रहे.

पढ़ें : New Districts in Rajasthan : सीएम गहलोत पर बरसे राठौड़, कहा- बिना हड्डी की जुबान से घोषणा कर रहे हैं

विराटनगर संघर्ष समिति के सदस्य जगदीश यादव ने बताया कि कोटपुतली-बहरोड़ को जिला बना दिया गया है, लेकिन स्थानीय लोग इस नए जिले में शामिल नहीं होना चाहते. उन्होंने कहा कि कोटपुतली में शामिल होना आर्थिक, राजनीतिक और व्यापारिक दृष्टि से स्थानीय लोगों के लिए सही नहीं है. हमारी मांग है कि या तो शाहपुरा-विराटनगर को जिला बनाया जाए या फिर हमें जयपुर जिले में ही शामिल रहने दिया जाए. जगदीश यादव ने कहा कि यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो विराटनगर संघर्ष समिति के बैनर तले हमारा संघर्ष इसी तरह से जारी रहेगा और इसके लिए उग्र आंदोलन कर आमरण अनशन किया जाएगा.

संघर्ष समिति के सदस्य पंकज पाराशर के मुताबिक नए जिलों की घोषणा में विराटनगर स्वयं जिले की दौड़ में था, लेकिन सरकार ने क्षेत्र की जनता को निराश किया है. विराटनगर को जिला नहीं बनाने से क्षेत्रवासियों में सरकार के प्रति आक्रोश भी है. उन्होंने बताया कि व्यवसायिक दृष्टि से विराटनगर और मेड कुंडला का सीधा जुड़ाव जयपुर से है न कि कोटपूतली से. विराटनगर और मेड कुंडला के अधिकांश पंचायत क्षेत्रों की कोटपुतली-बहरोड़ से दूरी जयपुर की अपेक्षा बहुत अधिक है. आम जनता को आने जाने में बहुत ही असुविधा होगी. रोजगार की दृष्टि से विराटनगर एवं मेड कुंडला के हजारों युवाओं की नौकरी या प्राइवेट जॉब जयपुर में करते हैं. शिक्षा और चिकित्सा की दृष्टि से इस क्षेत्र के लोगों की सुविधाएं और उनका झुकाव जयपुर से है. इसके अलावा भी कई अन्य कारण हैं, जिससे विराटनगर के लोग कोटपुतली-बहरोड़ जिले में शामिल नहीं होना चाहते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.