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गुजरात की तर्ज पर राजस्थान में आर्थिक आरक्षण लागू करने की मांग

प्रदेश में गुजरात की तर्ज पर आर्थिक आरक्षण लागू करने की मांग उठने लगी है. जिसको लेकर क्षात्र फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता कर मांग की. साथ ही नियमों में संशोधन के लिए विधानसभा सत्र में सभी जनप्रतिनिधियों से आरक्षण मुद्दे को उठाने की मांग भी रखी हैं.

गुजरात तर्ज पर आर्थिक आरक्षण लागू करने की रखी मांग
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Published : Jul 14, 2019, 7:28 PM IST

जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग को 10% आरक्षण दिया है. जिसे गुजरात की तरह प्रदेश में लागू करने के लिए क्षात्र फाउंडेशन ने मांग की है. फाउंडेशन के संयोजक यशवर्धन सिंह ने पिंकसिटी प्रेसक्लब में प्रेसवार्ता कर अपनी मांग रखी.

गुजरात तर्ज पर आर्थिक आरक्षण लागू करने की रखी मांग

बता दें कि राजस्थान सहित पूरे भारत में पिछले 25 सालों से सामान्य वर्ग द्वारा आरक्षण की मांग को लेकर मुहिम चलाई गई. जिसमें राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र राज्य में उग्र आंदोलन भी किए गए. लंबे समय से चली आ रही इस मांग को 2018 में केंद्र सरकार ने संविधान संशोधन द्वारा आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग को भी आरक्षण का हकदार मानते हुए इस आरक्षण को लागू किया. जिसमें केंद्र सरकार ने आरक्षण का दायरा निश्चित कर दिया.

ऐसे में फाउंडेशन के पदाधिकारियों का कहना है कि इसमें केंद्र सरकार द्वारा एक शर्त रखी गई. जिसमें परिवार की आय 8 लाख, 5 एकड़ से कम कृषि भूमि हो और 1 हजार वर्ग फुट से कम का मकान हो. केंद्र सरकार की इस सुनिश्चित शर्त से पिछड़ा सामान्य वर्ग इसका लाभ नहीं उठा पा रहा है. ऐसे में प्रदेश की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सरकार गुजरात की तर्ज पर 10% आरक्षण लागू करें.

वहीं नियमों में संशोधन के लिए विधानसभा सत्र में सभी विधायकों और प्रतिपक्ष से आरक्षण मुद्दे को उठाने की मांग रखी हैं. यदि विधानसभा क्षेत्र में आरक्षण के नियमों में संशोधन नहीं किया गया तो आगे बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग को 10% आरक्षण दिया है. जिसे गुजरात की तरह प्रदेश में लागू करने के लिए क्षात्र फाउंडेशन ने मांग की है. फाउंडेशन के संयोजक यशवर्धन सिंह ने पिंकसिटी प्रेसक्लब में प्रेसवार्ता कर अपनी मांग रखी.

गुजरात तर्ज पर आर्थिक आरक्षण लागू करने की रखी मांग

बता दें कि राजस्थान सहित पूरे भारत में पिछले 25 सालों से सामान्य वर्ग द्वारा आरक्षण की मांग को लेकर मुहिम चलाई गई. जिसमें राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र राज्य में उग्र आंदोलन भी किए गए. लंबे समय से चली आ रही इस मांग को 2018 में केंद्र सरकार ने संविधान संशोधन द्वारा आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग को भी आरक्षण का हकदार मानते हुए इस आरक्षण को लागू किया. जिसमें केंद्र सरकार ने आरक्षण का दायरा निश्चित कर दिया.

ऐसे में फाउंडेशन के पदाधिकारियों का कहना है कि इसमें केंद्र सरकार द्वारा एक शर्त रखी गई. जिसमें परिवार की आय 8 लाख, 5 एकड़ से कम कृषि भूमि हो और 1 हजार वर्ग फुट से कम का मकान हो. केंद्र सरकार की इस सुनिश्चित शर्त से पिछड़ा सामान्य वर्ग इसका लाभ नहीं उठा पा रहा है. ऐसे में प्रदेश की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सरकार गुजरात की तर्ज पर 10% आरक्षण लागू करें.

वहीं नियमों में संशोधन के लिए विधानसभा सत्र में सभी विधायकों और प्रतिपक्ष से आरक्षण मुद्दे को उठाने की मांग रखी हैं. यदि विधानसभा क्षेत्र में आरक्षण के नियमों में संशोधन नहीं किया गया तो आगे बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

Intro:प्रदेश में गुजरात की तर्ज पर आर्थिक आरक्षण लागू करने की मांग उठने लगी है. जिसको लेकर क्षात्र फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता कर मांग की. साथ ही नियमों में संशोधन के लिए विधानसभा सत्र में सभी जनप्रतिनिधियों से आरक्षण मुद्दे को उठाने की मांग भी रखी हैं.


Body:एंकर : केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग को 10% आरक्षण दिया है. जिसे गुजरात की तरह प्रदेश में लागू करने के लिए क्षात्र फाउंडेशन ने मांग की है. फाउंडेशन के संयोजक यशवर्धन सिंह ने पिंकसिटी प्रेसक्लब में प्रेसवार्ता कर अपनी मांग रखी.

बता दे कि राजस्थान सहित पूरे भारत में पिछले 25 सालों से सामान्य वर्ग द्वारा आरक्षण की मांग को लेकर मुहिम चलाई गई. जिसमें राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र राज्य में उग्र आंदोलन भी किए गए. लंबे समय से चली आ रही इस मांग को 2018 में केंद्र सरकार ने संविधान संशोधन द्वारा आरक्षित वर्ग को आरक्षण का हकदार मानते हुए इस आरक्षण को लागू किया. जिसमें केंद्र सरकार ने आरक्षण का दायरा निश्चित कर दिया.

ऐसे में फाउंडेशन के पदाधिकारियों का कहना है कि इसमें केंद्र सरकार द्वारा एक शर्त रखी गई. जिसमें परिवार की आय 8 लाख, 5 एकड़ से कम कृषि भूमि हो और 1 हजार वर्ग फुट से कम का मकान हो. केंद्र सरकार की इस सनिश्चित शर्त से पिछड़ा सामान्य वर्ग इसका लाभ नहीं उठा पा रहा है. ऐसे में प्रदेश की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सरकार गुजरात की तर्ज पर 8 लाख सालाना आय के आंकड़े को 10% आरक्षण लागू करें.

वही नियमों में संशोधन के लिए विधानसभा सत्र में सभी विधायकों और प्रतिपक्ष से आरक्षण मुद्दे को उठाने की मांग रखी हैं. यदि विधानसभा क्षेत्र में आरक्षण के नियमों में संशोधन नहीं किया गया तो आगे बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

बाइट- यशवर्धन सिंह, संयोजक, क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन



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