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'एवीएन बोटोलिज्म वायरस' से हुई है पक्षियों की मौत, IVRI बरेली की रिपोर्ट में हुई पुष्टि: सीएम गहलोत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को अरण्य भवन में वन विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि सांभर झील में पक्षियों की मौत के लिए एवीएन बोटोलिज्म वायरस जिम्मेदार है. इस बात की पुष्टि आईवीआरआई बरेली की जांच रिपोर्ट से हुई है. उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए.

IVRI बरेली की रिपोर्ट, एवीएन बोटोलिज्म वायरस, IVRI Bareilly Report, AVN Botolism Virus
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Published : Nov 21, 2019, 7:38 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को जयपुर के अरण्य भवन में वन विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली. जहां बैठक में मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों से सांभर झील में हुई प्रवासी पक्षियों की मौत को लेकर फीडबेक लिया.

सांभर झील में पक्षियों की मौत मामले पर सीएम गहलोत ने कहा केंद्र सरकार मामले को गंभीरता से ले

इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि सरकार के एक्शन के बाद पक्षियों की मौतों का आंकड़ा कम होता जा रहा है. यह सरकार की सजगता का ही नतीजा है कि पक्षियों की मौत कम हो गई. सांभर झील में पक्षियों की मौत के लिए एवीएन बोटोलिज्म वायरस जिम्मेदार है. इस बात की पुष्टि आईवीआरआई बरेली की जांच रिपोर्ट से हुई है.

पढ़ें- अरण्य भवन में गहलोत ने वन विभाग के अधिकारियों संग की बैठक, Sambhar Lake में पक्षियों की मौत के मामले पर लिए फीडबैक

सीएम गहलोत ने कहा कि बरेली से जांच रिपोर्ट आ चुकी है. वन विभाग की ओर से भी पक्षियों को बचाने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब पहले वाली स्थिति नहीं रही है, जल्द ही इस पर पूरी तरह से काबू पा लिया जाएगा. वन विभाग की टीम पूरी तरह से मुस्तैद है. सीएम ने कहा कि सरकार की तरफ से आगे भी पक्षियों को बचाने के लिए प्रयास जारी रहेंगे.

सीएम गहलोत ने केंद्रीय वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को भी पत्र लिखकर भारत सरकार की टीम की ओर से जांच करने की बात कही है. पक्षियों की मौतों के कारण क्या रहे, आगे से ऐसा नहीं हो इसके लिए भी रिसर्च होनी चाहिए. जिससे भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा पैदा नहीं हो.

पढ़ें- सांभर झील में पक्षियों की मौत के बाद अब केवलादेव में हुआ अलर्ट जारी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार को सचिव स्तर के अफसर को भेजना चाहिए. सांभर में पक्षियों की मौत के मामले में केंद्र सरकार के पास ही विशेषज्ञ हैं. पक्षियों को बचाने में राज्य सरकार कोई कमी नहीं छोड़ रही है अब भारत सरकार को भी इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए.

सीएम ने कहा कि सांभर झील क्षेत्र में रिसोर्ट बनाने सहित अन्य शिकायतों पर सीएस की अध्यक्षता में बैठक कर विचार होगा. वहीं, समीक्षा बैठक में वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई, सीएस डीबी गुप्ता, वन एवं पर्यटन की प्रमुख सचिव श्रेया गुहा, हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्सेज दीपक भटनागर, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर सहित वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को जयपुर के अरण्य भवन में वन विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली. जहां बैठक में मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों से सांभर झील में हुई प्रवासी पक्षियों की मौत को लेकर फीडबेक लिया.

सांभर झील में पक्षियों की मौत मामले पर सीएम गहलोत ने कहा केंद्र सरकार मामले को गंभीरता से ले

इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि सरकार के एक्शन के बाद पक्षियों की मौतों का आंकड़ा कम होता जा रहा है. यह सरकार की सजगता का ही नतीजा है कि पक्षियों की मौत कम हो गई. सांभर झील में पक्षियों की मौत के लिए एवीएन बोटोलिज्म वायरस जिम्मेदार है. इस बात की पुष्टि आईवीआरआई बरेली की जांच रिपोर्ट से हुई है.

पढ़ें- अरण्य भवन में गहलोत ने वन विभाग के अधिकारियों संग की बैठक, Sambhar Lake में पक्षियों की मौत के मामले पर लिए फीडबैक

सीएम गहलोत ने कहा कि बरेली से जांच रिपोर्ट आ चुकी है. वन विभाग की ओर से भी पक्षियों को बचाने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब पहले वाली स्थिति नहीं रही है, जल्द ही इस पर पूरी तरह से काबू पा लिया जाएगा. वन विभाग की टीम पूरी तरह से मुस्तैद है. सीएम ने कहा कि सरकार की तरफ से आगे भी पक्षियों को बचाने के लिए प्रयास जारी रहेंगे.

सीएम गहलोत ने केंद्रीय वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को भी पत्र लिखकर भारत सरकार की टीम की ओर से जांच करने की बात कही है. पक्षियों की मौतों के कारण क्या रहे, आगे से ऐसा नहीं हो इसके लिए भी रिसर्च होनी चाहिए. जिससे भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा पैदा नहीं हो.

पढ़ें- सांभर झील में पक्षियों की मौत के बाद अब केवलादेव में हुआ अलर्ट जारी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार को सचिव स्तर के अफसर को भेजना चाहिए. सांभर में पक्षियों की मौत के मामले में केंद्र सरकार के पास ही विशेषज्ञ हैं. पक्षियों को बचाने में राज्य सरकार कोई कमी नहीं छोड़ रही है अब भारत सरकार को भी इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए.

सीएम ने कहा कि सांभर झील क्षेत्र में रिसोर्ट बनाने सहित अन्य शिकायतों पर सीएस की अध्यक्षता में बैठक कर विचार होगा. वहीं, समीक्षा बैठक में वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई, सीएस डीबी गुप्ता, वन एवं पर्यटन की प्रमुख सचिव श्रेया गुहा, हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्सेज दीपक भटनागर, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर सहित वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे.

Intro:पक्षियों को बचाने में राज्य सरकार कोई कमी नहीं छोड़ रही अब भारत सरकार को भी इसे गंभीरता से लेना चाहिए- सीएम अशोक गहलोत

जयपुर
एंकर- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज जयपुर के अरण्य भवन में वन विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में वन विभाग के अधिकारियों से सांभर झील में हुई प्रवासी पक्षियों की मौत को लेकर फीडबेक लिया।


Body:सीएम गहलोत ने कहा कि सरकार के एक्शन के बाद पक्षियों की मौतों का आंकड़ा कम होता जा रहा है। यह सरकार की सजगता का ही नतीजा है कि पक्षियों की मौत कम हो गई। सांभर झील में पक्षियों की मौत के लिए एवीएन बोटोलिज्म वायरस जिम्मेदार है। इस बात की पुष्टि आईवीआरआई बरेली की जांच रिपोर्ट से हुई है। सीएम गहलोत ने कहा कि बरेली जांच रिपोर्ट आ चुकी है। वन विभाग की ओर से भी पक्षियों को बचाने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। सीएम ने कहा कि आप पहले वाली स्थिति नहीं रही है, जल्द ही इस पर पूरी तरह से काबू पा लिया जाएगा। वन विभाग की टीम पूरी मुस्तैद है। सीएम ने कहा कि सरकार की तरफ से आगे भी पक्षियों को बचाने के लिए प्रयास जारी रहेंगे। केंद्रीय वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर भारत सरकार की टीम द्वारा जांच करने की बात कही है। पक्षियों की मौतों के कारण क्या रहे, आगे से ऐसा नहीं हो इसके लिए भी रिसर्च होना चाहिए। ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा पैदा नहीं हो। सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार को सचिव स्तर के अफसर को भेजना चाहिए। सांभर पक्षियों की मौत के मामले में केंद्र सरकार के पास ही विशेषज्ञ है। पक्षियों को बचाने में राज्य सरकार कोई कमी नहीं छोड़ रही है अब भारत सरकार को भी इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। सीएम ने कहा कि सांभर झील क्षेत्र में रिसोर्ट बनाने सहित अन्य शिकायतों पर सीएस की अध्यक्षता में बैठक कर विचार होगा।
बैठक में वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई, सीएस डीबी गुप्ता, वन एवं पर्यटन की प्रमुख सचिव श्रेया गुहा, हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्सेज दीपक भटनागर, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर सहित वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

बाईट- अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री




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