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सिलेंडर में आग लगने से मौत, कंपनी पर 51 लाख का जुर्माना

राज्य उपभोक्ता आयोग ने शुक्रवार को हरमाड़ा इलाके के रामसिंह व अन्य की ओर से दायर परिवाद पर सुनवाई करते हुए एचपीसी और श्रावणी गैस एजेंसी पर 51 लाख रुपए का जुर्माना लगाया. सात साल पहले गैस सिलेंडर में आग लगने से दो लोगों की मौत के मामले में आयोग ने आदेश दिया.

सिलेंडर में आग लगने से मौत, कंपनी पर 51 लाख का हर्जाना
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Published : Jul 27, 2019, 4:42 AM IST

जयपुर. राज्य उपभोक्ता आयोग ने एचपीसी कंपनी और श्रावणी गैस एजेंसी को निर्देश दिया है कि परिवादी राम सिंह और उसके बेटे को आग लगने से परिवादी की पत्नी राजाबाला की मौत पर 11 लाख रुपए साथ ही परिवादी सुनीता कंवर और उसके बच्चों को उसके पति धर्मेन्द्र की मौत पर 40 लाख रुपए की जुर्माना राशि दें. इसके साथ ही जुर्माना राशि पर परिवाद दायर करने की तारीख 7 दिसंबर 2012 से 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी दिया जाए.

बता दें कि परिवाद में कहा गया कि उन्होंने श्रावणी गैस एजेंसी से एचपीसी कंपनी का गैस कनेक्शन लिया था. जिसमें 8 मई 2012 को गैस सिलेंडर में रिसाव होने पर गैस एजेंसी को शिकायत की थी. एजेंसी ने मैकेनिक कन्हैया को जांच के लिए घर भेजा था. जिसके जांच और लापरवाही के बाद रिसाव तेज हो गया और चूल्हा जलाने पर सिलेंडर में आग लग गई. जिसके बाद आग लगने से परिवार के दो लोगों की मौत हो गई.

सिलेंडर में आग लगने से मौत, कंपनी पर 51 लाख का हर्जाना

आयोग ने आदेश में कहा कि इस मामले में गैस सिलेंडर दोषपूर्ण हो सकता था. लेकिन गैस एजेंसी के कर्मचारी की भी गलती थी. जिससे मामले में कंपनी व एजेंसी दोनों जिम्मेदार हैं.

जयपुर. राज्य उपभोक्ता आयोग ने एचपीसी कंपनी और श्रावणी गैस एजेंसी को निर्देश दिया है कि परिवादी राम सिंह और उसके बेटे को आग लगने से परिवादी की पत्नी राजाबाला की मौत पर 11 लाख रुपए साथ ही परिवादी सुनीता कंवर और उसके बच्चों को उसके पति धर्मेन्द्र की मौत पर 40 लाख रुपए की जुर्माना राशि दें. इसके साथ ही जुर्माना राशि पर परिवाद दायर करने की तारीख 7 दिसंबर 2012 से 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी दिया जाए.

बता दें कि परिवाद में कहा गया कि उन्होंने श्रावणी गैस एजेंसी से एचपीसी कंपनी का गैस कनेक्शन लिया था. जिसमें 8 मई 2012 को गैस सिलेंडर में रिसाव होने पर गैस एजेंसी को शिकायत की थी. एजेंसी ने मैकेनिक कन्हैया को जांच के लिए घर भेजा था. जिसके जांच और लापरवाही के बाद रिसाव तेज हो गया और चूल्हा जलाने पर सिलेंडर में आग लग गई. जिसके बाद आग लगने से परिवार के दो लोगों की मौत हो गई.

सिलेंडर में आग लगने से मौत, कंपनी पर 51 लाख का हर्जाना

आयोग ने आदेश में कहा कि इस मामले में गैस सिलेंडर दोषपूर्ण हो सकता था. लेकिन गैस एजेंसी के कर्मचारी की भी गलती थी. जिससे मामले में कंपनी व एजेंसी दोनों जिम्मेदार हैं.

Intro:जयपुर। राज्य उपभोक्ता आयोग ने हरमाडा इलाके में सात साल पहले गैस सिलेंडर में आग लगने से दो लोगों की मौत होने पर एचपीसी कंपनी और श्रावणी गैस एजेंसी पर 51 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है। आयोग ने यह आदेश रामसिंह व अन्य की ओर से दायर परिवाद पर सुनवाई करते हुए दिए। Body:आयोग ने कंपनी व गैस एजेंसी को निर्देश दिया है कि वह परिवादी रामसिंह और उसके बेटे को आग लगने से परिवादी की पत्नी राजाबाला की मौत पर 11 लाख रुपए, परिवादी सुनीता कंवर व उसके बच्चों को उसके पति धर्मेन्द्र की मौत पर 40 लाख रुपए हर्जाना राशि दे। इसके साथ ही हर्जाना राशि पर परिवाद दायर करने की तारीख 7 दिसंबर 2012 से 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी दी जाए। आयोग ने आदेश में कहा कि इस मामले में गैस सिलेंडर दोषपूर्ण हो सकता था, लेकिन गैस एजेंसी के कर्मचारी की भी गलती थी। इस दुर्घटना के लिए कंपनी व एजेंसी दोनों जिम्मेदार हैं। 
परिवाद में कहा गया कि उन्होंने श्रावणी गैस एजेंसी से एचपीसी कंपनी का गैस कनेक्शन लिया था। वे सभी संयुक्त परिवार में रहते थे। उन्होंने 8 मई 2012 को गैस सिलेंडर में रिसाव होने पर गैस एजेंसी को शिकायत की थी, लेकिन शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं बाद में 10 मई को वापस शिकायत की तो एजेंसी ने एक अप्रशिक्षित मैकेनिक कन्हैया को घर भेजा। उसने सिलेंडर की जांच की तो रिसाव तेजी से शुरू हो गया। उसने कई बार पिन दबाकर गैस निकाल दी जिससे कमरे में गैस भर गई। परिवारजनों ने जब आपत्ति की तो कन्हैया ने कहा कि यह उसका रोजाना का काम है और सिलेंडर अभी सही करता हूं। ऐसा कहने के बाद जैसे ही उसने रेग्यूलेटर लगाकर चूल्हा जलाया तो सिलेंडर ने आग पकड ली और पूरे कमरे में आग फैल गई। आग लगने से परिवाद के दो लोगों की मौत भी हो गई। दुर्घटना गैस एजेंसी के कर्मचारी की लापरवाही व कंपनी के दोषपूर्ण सिलेंडर के कारण हुई है। 


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