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राजस्थान में यहां पिता के निधन के बाद बेटी के सिर पर बंधी 'जिम्मेदारी' की पगड़ी

जयपुर के चाकसू में रविवार को गुलाब देवी ने पिता के निधन के बाद पगड़ी की रस्म ऐसे निभाई और संपन्न की जैसे कोई बेटा करता है. सामाजिक स्वीकृति के बीच गुलाब के माथे पिता की पगड़ी बंधी (Daughter tied a turban after father death) तो उसका चेहरा बदलाव की रोशनी से दमक उठा.

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Published : Aug 7, 2022, 7:41 PM IST

Updated : Aug 7, 2022, 10:55 PM IST

Daughter tied a turban after father death
Daughter tied a turban after father death

चाकसू (जयपुर). भारतीय समाज में पगड़ी की रस्म से अकसर बेटियों को वंचित रखा जाता है. रस्म है कि पिता के अवसान के बाद पुत्र ही पिता की पगड़ी धारण करता है, लेकिन जयपुर जिले के चाकसू में गुलाब देवी ने पिता के निधन के बाद पगड़ी की रस्म (Daughter tied a turban after father death) ऐसे निभाई और संपन्न की, जैसे कोई बेटा करता है.

अब ग्रामीण अंचल में सामाजिक बदलाव की बयार बह रही है. इसकी एक बानगी खाजलपुरा गांव में देखने को मिली. यहां वृद्ध पिता की मौत के बाद उसकी शादीशुदा बेटी के सिर पर जिम्मेदारी की पगड़ी बांधी गई. यह रस्म निभाने के दौरान मौजूद हर शख्स की आंखें नम थी.

पढ़ें- अजमेर : परिवार ने बनाई दूरी...मां ने डेढ़ साल की मासूम से करा दी पगड़ी की रस्म

जानकारी के अनुसार गांव खाजलपुरा के रुपाली वाली ढाणी निवासी रामधन मीणा की आज पगड़ी दस्तूर की रस्म पूरी हुई. जहां वृद्ध पिता की मृत्यु के बाद शादीशुदा बेटी के सिर पर जिम्मेदारी की पगड़ी बांधी गई. बता दें, 15 साल पहले उनकी मां की भी मौत हो गई थी और छोटाे भाई की भी एक तालाब में डूबने से मौत हो गई थी. इसके बाद गुलाब देवी ने परिवार को संभाला और पिता को भी ढाढ़स बंधाई.

वहीं, शादी के बाद गुलाब देवी ने अपने पिता को अपने साथ रखा और देखभाल की. गुलाब देवी का कहना है कि एक तरफ जहां पिता के जाने का गम है तो वहीं उनकी सभी जिम्मेदारियों की सार-संभाल करना गौरवान्वित महसूस करवाती है. उन्होंने कहा कि मैं बेटा तो नहीं हूं, लेकिन बेटा होने का फर्ज पिता के मृत्यु के बाद निभाया. पंच-पटेलों ने कहा कि गुलाब के सिर पर पिता की इच्छाओं के अनुरूप पगड़ी बांधी गई. इसका समाज के लोगों ने भी स्वागत किया.

चाकसू (जयपुर). भारतीय समाज में पगड़ी की रस्म से अकसर बेटियों को वंचित रखा जाता है. रस्म है कि पिता के अवसान के बाद पुत्र ही पिता की पगड़ी धारण करता है, लेकिन जयपुर जिले के चाकसू में गुलाब देवी ने पिता के निधन के बाद पगड़ी की रस्म (Daughter tied a turban after father death) ऐसे निभाई और संपन्न की, जैसे कोई बेटा करता है.

अब ग्रामीण अंचल में सामाजिक बदलाव की बयार बह रही है. इसकी एक बानगी खाजलपुरा गांव में देखने को मिली. यहां वृद्ध पिता की मौत के बाद उसकी शादीशुदा बेटी के सिर पर जिम्मेदारी की पगड़ी बांधी गई. यह रस्म निभाने के दौरान मौजूद हर शख्स की आंखें नम थी.

पढ़ें- अजमेर : परिवार ने बनाई दूरी...मां ने डेढ़ साल की मासूम से करा दी पगड़ी की रस्म

जानकारी के अनुसार गांव खाजलपुरा के रुपाली वाली ढाणी निवासी रामधन मीणा की आज पगड़ी दस्तूर की रस्म पूरी हुई. जहां वृद्ध पिता की मृत्यु के बाद शादीशुदा बेटी के सिर पर जिम्मेदारी की पगड़ी बांधी गई. बता दें, 15 साल पहले उनकी मां की भी मौत हो गई थी और छोटाे भाई की भी एक तालाब में डूबने से मौत हो गई थी. इसके बाद गुलाब देवी ने परिवार को संभाला और पिता को भी ढाढ़स बंधाई.

वहीं, शादी के बाद गुलाब देवी ने अपने पिता को अपने साथ रखा और देखभाल की. गुलाब देवी का कहना है कि एक तरफ जहां पिता के जाने का गम है तो वहीं उनकी सभी जिम्मेदारियों की सार-संभाल करना गौरवान्वित महसूस करवाती है. उन्होंने कहा कि मैं बेटा तो नहीं हूं, लेकिन बेटा होने का फर्ज पिता के मृत्यु के बाद निभाया. पंच-पटेलों ने कहा कि गुलाब के सिर पर पिता की इच्छाओं के अनुरूप पगड़ी बांधी गई. इसका समाज के लोगों ने भी स्वागत किया.

Last Updated : Aug 7, 2022, 10:55 PM IST
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