जयपुर. यू ट्यूब पर वीडियो लाइक करने पर मोटी कमाई का झांसा देकर महिला मनोविज्ञानी से 43 लाख रुपए की ठगी करने के चारों आरोपियों की चार दिन की रिमांड अवधि रविवार को पूरी हुई. अवकाश होने के कारण आरोपियों को न्यायिक अधिकारी के घर पर पेश किया गया, जहां से दो आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है. जबकि दो आरोपियों को एसओजी ने फिर से दो दिन के रिमांड पर लिया है.
एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि महिला मनोविज्ञानी से 43 लाख रुपए की ठगी के आरोपियों लेहरू लाल तेली, युवराज मीणा, किशन लाल प्रजापत और गोवर्धन रैगर की चार दिन की रिमांड अवधि पूरी होने पर रविवार को फिर पेश किया गया. इनमें से लेहरू लाल तेली और युवराज मीणा को फिर से दो दिन की रिमांड पर लिया गया है. जबकि किशन लाल प्रजापत और गोवर्धन रैगर को न्यायिक अभिरक्षा (जेल) भेज दिया गया है. अब लेहरू लाल और युवराज से साइबर धोखाधड़ी, महिलाओं को ब्लैकमेल करने और ऑनलाइन गेमिंग को लेकर पूछताछ की जाएगी.
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बता दें कि जयपुर निवासी महिला डॉ. अंकिता सिंह ने 4 अप्रैल को एसओजी के साइबर थाने में यू ट्यूब पर वीडियो लाइक करने पर मोटी कमाई का झांसा देकर 43 लाख रुपए ठगने का मामला दर्ज करवाया था. उनसे 11 बैंक खातों में 43 लाख रुपए जमा करवाए गए थे. इन खातों और इनसे जुड़े मोबाइल नंबर की जांच जांच के आधार पर एसओजी साइबर थाने की टीम ने भीलवाड़ा के बेई निवासी युवराज मीणा, चित्तौड़गढ़ के आकोला निवासी लेहरू लाल तेली और चित्तौड़गढ़ के संगेसरा निवासी किशनलाल प्रजापत और गोवर्धन रैगर को गिरफ्तार किया था.
महिलाओं को ब्लैकमेल करने के भी सबूत मिले : एसओजी की जांच में पता चला है कि साइबर ठगी का मास्टरमाइंड लेहरू लाल तेली सोशल मीडिया पर मैसेज कर महिलाओं को ब्लैकमेल भी करता था. एसओजी को लेहरू लाल और अलग-अलग महिलाओं के बीच हुई चैट की जानकारी उसके फोन की जांच में मिली है. ऐसे में अंदेशा है कि बड़े पैमाने पर वह महिलाओं को ब्लैकमेल करता था. फिलहाल, एसओजी की टीम इन महिलाओं की पहचान कर रही है. लेहरू लाल और युवराज से पूछताछ में इस बारे में कुछ और खुलासे होने की संभावना है.