जयपुर. राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (RSLDC) की ओर से छात्रों की स्किल डेवलपमेंट को लेकर कई कार्य किए जा रहे हैं. युवाओं को प्रशिक्षण देकर ट्रेंड करने के साथ ही कई इंडस्ट्रीज के साथ मिलकर प्लेसमेंट भी करवाया जा रहा है. स्किल डेवलपमेंट को लेकर RSLDC की ओर से सोमवार को जयपुर के जवाहर सर्किल स्थित एक निजी होटल में सीएक्सओ कॉन्क्लेव 2023 का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में प्रशिक्षण से लेकर नौकरी और खुद का बिजनेस कर रहे युवाओं ने स्किल डेवलपमेंट के तहत सीखे गए हुनर का बखान किया.
स्किल डेवलपमेंट के लिए 200 करोड़ का बजट : राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम की प्रबंध निदेशक रेणु जयपाल ने बताया कि स्किल डेवलपमेंट और प्लेसमेंट को लेकर विभाग की ओर से काफी प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि छात्रों को अच्छा रोजगार मिल सके. प्रशिक्षण का खर्चा विभाग की ओर से वहन किया जाता है. राजस्थान के मुख्यमंत्री ने स्किल डेवलपमेंट को प्रमोट करने के लिए करीब 200 करोड़ रुपए के बजट की घोषणा की है. इसके तहत इंडस्ट्री से एमओयू करके छात्रों को रोजगार दिलाने का प्रयास किया जा रहा है.
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सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से स्किल डेवलपमेंट के सेंटर चल रहे हैं. इनमें हम कोशिश करते हैं कि छात्रों को अच्छी ट्रेनिंग मिल सके. लड़कियों को हॉस्पिटैलिटी, फाइनेंस, ब्यूटी पार्लर समेत अन्य कामों की ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि वह अपने पैरों पर खड़ी हो सकें. इसके साथ ही जॉब फेयर भी किए जा रहे हैं. इससे उन्हें प्राइवेट सेक्टर में भी अच्छी जॉब मिल सकेगी. इसी क्रम में 23 और 24 मार्च को भरतपुर में मेगा जॉब करने जा रहे हैं. ट्रेनिंग के साथ ही कई इंडस्ट्रीज को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा.
14 इंडस्ट्री के साथ एमओयू : प्रबंध निदेशक रेणु जयपाल ने बताया कि जयपुर में सोमवार को आयोजित सीएक्सओ कॉन्क्लेव के तहत 14 इंडस्ट्री के साथ एमओयू हुआ. यह बेरोजगारी को दूर करने के लिए एक बहुत अच्छा कदम है. विभाग का प्रयास यही है कि छात्रों को अच्छी ट्रेनिंग देकर अच्छी जॉब दिलवा सकें. छात्र अपना छोटा मोटा काम धंधा शुरू कर पैरों पर खड़े हो सकेंगे. बेरोजगारी की वजह से कई बार तनाव में आकर छात्र सुसाइड कर लेते हैं. ऐसे में छात्रों का मनोबल बढ़ाने के लिए स्किल डेवलपमेंट और जॉब फेयर कार्यक्रम किए जा रहे हैं.
ग्रामीण विकास मंत्रालय, स्टेट रूरल लाइवलीवुड मिशन, सेक्टर स्किल काउंसिल्स, इंडस्ट्रीज एवं ट्रेनिंग पार्टनर्स के सहयोग से कॉन्क्लेव आयोजित किया गया है. कॉन्क्लेव में नियोक्ता एवं ट्रेनिंग पार्टनर के बीच गैप खत्म करने, प्रशिक्षित एवं प्रशिक्षण ले रहे युवाओं के रोजगार अवसरों के लिए पोटेंशियल नियोक्ताओं की पहचान करने, स्किल सेक्टर में वर्तमान और भावी मांग को समझने के साथ ही स्किल पाठ्यक्रमों में बाजार की मांग अनुसार बदलाव करने पर फोकस किया गया. इस दौरान ग्रीन जॉब्स, पॉवर, टूरिज्म, टेक्सटाइल, ऑटोमोटिव, रिटेल, हेल्थकेयर और इलेक्ट्रॉनिक्स पर पैनल ने डिस्कस किया.