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लोन चुकाने के बाद भी एनओसी जारी नहीं की, बैंक पर लगाया 72 हजार रुपए हर्जाना

जयपुर में बैंक से लोन लेने और उसे चुकाने के बाद भी एनओसी नहीं देने के मामले में स्थाई लोक अदालत ने बैंक पर 72 हजार रुपए का हर्जाना लगाया (Court imposed damages of Rs 72000 on Bank) है. साथ ही अदालत ने लोन की एनओसी 7 दिन में अदालत में पेश करने को कहा है.

Court imposed damages of Rs 72000 on Bank for not releasing NOC of loan
लोन चुकाने के बाद भी एनओसी जारी नहीं की, बैंक पर लगाया 72 हजार रुपए हर्जाना
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Published : Oct 21, 2022, 8:57 PM IST

जयपुर. जिले की स्थाई लोक अदालत ने वर्ष 2015 में ही पूरा लोन चुकाने के बाद भी प्रार्थी को 7 साल तक लोन की एनओसी नहीं देने को गंभीर सेवादोष माना है. इसके साथ ही अदालत ने एचडीएफसी बैंक लिमिटेड पर 72 हजार रुपए हर्जाना लगाते हुए (Court imposed damages of Rs 72000 on Bank) निर्देश दिए हैं कि वह प्रार्थी के दोनों लोन की एनओसी 7 दिन में अदालत में पेश करे.

स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष हरविन्दर सिंह व सदस्य दीपक चाचान ने यह आदेश शाहपुरा निवासी कैलाश चन्द के प्रार्थना पत्र पर दिए. अदालत ने कहा कि लोन चुकाने के बाद एनओसी केवल इस आधार पर नहीं रोक सकते कि वह किसी अन्य पक्षकार के लोन में गारंटर था और वह डिफॉल्टर हो गया है. पूरा लोन चुकाने के बाद उसे एनओसी जारी नहीं करना गंभीर है. हांलाकि अदालत ने स्पष्ट किया कि बैंक किसी अन्य पक्षकार के साथ हुए एग्रीमेंट के अनुसार अलग से कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है.मामले के अनुसार, प्रार्थी ने विपक्षी बैंक से 17.30 लाख और 3 लाख रुपए के दो लोन लिए थे.

पढ़ें: इलाज में लापरवाही बरतने पर निजी अस्पताल के डॉक्टर पर 1.16 लाख का हर्जाना

उसने दोनों लोन की पूरी राशि बैंक को 15 अक्टूबर, 2015 तक भुगतान कर दी, लेकिन बैंक ने उसे लोन की एनओसी जारी नहीं की. प्रार्थी ने जब एनओसी जारी नहीं करने का कारण पूछा तो बैंक ने कहा कि वह मुकेश कुमार जाट के वाणिज्यिक लोन में गारंटर है और मुकेश पर 32.88 लाख रुपए से ज्यादा लोन बकाया है. ऐसे में लोन एग्रीमेंट की शर्तों के अनुसार वह लोन राशि को प्रार्थी से वसूलने के अधिकारी हैं. ऐसे में गारंटी दिए गए लोन की वसूली नहीं होने के कारण ही प्रार्थी के दोनों लोन की एनओसी रोकी गई है. इसे चुनौती देने पर अदालत ने बैंक की इस कार्रवाई को गलत करार देते हुए उसे एनओसी जारी करने का निर्देश दिया और उस पर 72 हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया.

जयपुर. जिले की स्थाई लोक अदालत ने वर्ष 2015 में ही पूरा लोन चुकाने के बाद भी प्रार्थी को 7 साल तक लोन की एनओसी नहीं देने को गंभीर सेवादोष माना है. इसके साथ ही अदालत ने एचडीएफसी बैंक लिमिटेड पर 72 हजार रुपए हर्जाना लगाते हुए (Court imposed damages of Rs 72000 on Bank) निर्देश दिए हैं कि वह प्रार्थी के दोनों लोन की एनओसी 7 दिन में अदालत में पेश करे.

स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष हरविन्दर सिंह व सदस्य दीपक चाचान ने यह आदेश शाहपुरा निवासी कैलाश चन्द के प्रार्थना पत्र पर दिए. अदालत ने कहा कि लोन चुकाने के बाद एनओसी केवल इस आधार पर नहीं रोक सकते कि वह किसी अन्य पक्षकार के लोन में गारंटर था और वह डिफॉल्टर हो गया है. पूरा लोन चुकाने के बाद उसे एनओसी जारी नहीं करना गंभीर है. हांलाकि अदालत ने स्पष्ट किया कि बैंक किसी अन्य पक्षकार के साथ हुए एग्रीमेंट के अनुसार अलग से कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है.मामले के अनुसार, प्रार्थी ने विपक्षी बैंक से 17.30 लाख और 3 लाख रुपए के दो लोन लिए थे.

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उसने दोनों लोन की पूरी राशि बैंक को 15 अक्टूबर, 2015 तक भुगतान कर दी, लेकिन बैंक ने उसे लोन की एनओसी जारी नहीं की. प्रार्थी ने जब एनओसी जारी नहीं करने का कारण पूछा तो बैंक ने कहा कि वह मुकेश कुमार जाट के वाणिज्यिक लोन में गारंटर है और मुकेश पर 32.88 लाख रुपए से ज्यादा लोन बकाया है. ऐसे में लोन एग्रीमेंट की शर्तों के अनुसार वह लोन राशि को प्रार्थी से वसूलने के अधिकारी हैं. ऐसे में गारंटी दिए गए लोन की वसूली नहीं होने के कारण ही प्रार्थी के दोनों लोन की एनओसी रोकी गई है. इसे चुनौती देने पर अदालत ने बैंक की इस कार्रवाई को गलत करार देते हुए उसे एनओसी जारी करने का निर्देश दिया और उस पर 72 हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया.

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