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Ground Report : जानें कैसा होगा देश का पहला कोचिंग हब, छात्रों को मिलेंगी ये सुविधाएं

चलिए आपको राजधानी जयपुर में बने रहे देश के पहले कोचिंग हब के बारे में बताते हैं. साथ ही यहां मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जान आप भी (Country first coaching hub being built in Jaipur) खुश हो जाएंगे...

Country first coaching hub being built in Jaipur
Country first coaching hub being built in Jaipur
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Published : Jun 4, 2023, 6:03 PM IST

जयपुर में देश का पहला कोचिंग हब

जयपुर. राजधानी जयपुर के गोपालपुरा बाईपास, लाल कोठी, वैशाली नगर, मालवीय नगर और परकोटा क्षेत्र में सैकड़ों कोचिंग संचालित हैं. इन संस्थानों में भवन विनियमों की पालना नहीं हो रही और कुछ कोचिंग में विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त सुविधाओं का भी अभाव है. साथ ही इन क्षेत्रों में ट्रैफिक और पार्किंग की समस्या भी बनी रहती है. ऐसे में आवासन मंडल की ओर से कोचिंग हब बनाया जा रहा है. पहले चरण में 5 टावर का काम लगभग पूरा हो चुका है. इसमें न सिर्फ छात्रों, बल्कि कोचिंग संचालकों की सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया है.

140 कोचिंग सेंटर हो सकेंगे संचालित - जयपुर के प्रताप नगर सेक्टर 16 में हल्दीघाटी मार्ग पर लगभग 67 हजार वर्गमीटर जमीन पर कोचिंग हब विकसित किया जा रहा है. यहां उपलब्ध जमीन के 40 प्रतिशत क्षेत्र में ही निर्माण कराया गया है, जबकि 60 प्रतिशत क्षेत्र खुला रखा गया है. कोचिंग हब के पहले चरण का काम अपने अंतिम दौर में चल रहा है. प्रोजेक्ट इंचार्ज हंसराज ने बताया कि इसी महीने ये काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. यहां 500 वर्ग फीट से 6200 वर्ग फीट तक के आकार के 140 कोचिंग सेंटर के लिए स्पेस डिजाइन किए हैं, जहां 40 हजार से ज्यादा छात्र पढ़ सकेंगे. एक भवन एडमिन ब्लॉक बनाया जा रहा है, जहां सभी कोचिंग संचालकों को एडमिशन और दूसरे गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए स्थान भी उपलब्ध कराया जा सकेगा.

Country first coaching hub being built in Jaipur
राजधानी जयपुर में बन रहा कोचिंग हब

सभी टावर को जोड़ती हुई बेसमेंट पार्किंग - कोचिंग हब में कुल 8 एजुकेशन टावर बनाए जाएंगे. पहले चरण में 5 पावर का काम लगभग पूरा हो चुका है. सात मंजिला इन टावर्स में 1 लाख वर्ग फीट क्षेत्रफल निर्मित किया गया और सभी टावर्स को जोड़ती हुई बेसमेंट पार्किंग तैयार की गई है. जहां लगभग 839 चौपहिया और 1269 दोपहिया वाहन पार्क हो सकेंगे. वहीं, कॉरिडोर में भी विजिटर्स पार्किंग की व्यवस्था की गई है.

पढ़ेंः JEE ADVANCED 2023: इस साल प्रश्नों की संख्या कम, पूर्णांक में नहीं कोई बदलाव

स्पोर्ट्स एरिना और लाइब्रेरी भी तैयार - कोचिंग हब में पढ़ने वाले छात्रों पर पड़ने वाले मानसिक तनाव को रिलीज करने के लिए वैलनेस सेंटर बनाया जा रहा है. यहां वॉकिंग ट्रेक, साइक्लिंग ट्रेक, ओपन एयर जिम, इनडोर जिम, हेल्थ चेकअप सेंटर, बास्केटबॉल कोर्ट, टेनिस कोर्ट योगा और मेडिटेशन सेंटर को अंतिम रूप दिया जा रहा है. साथ ही साइक्लोजिकल कन्सलटेंट भी नियुक्त किए जाएंगे. छात्रों के सेल्फ स्टडी के लिए 32 हजार 325 वर्गफीट क्षेत्र में सेन्ट्रल लाईब्रेरी तैयार की जा रही है, जबकि 34 हज़ार 280 वर्गफीट क्षेत्र में लगभग 1200 व्यक्तियों की बैठक क्षमता का ऑडिटोरियम बनकर तैयार हो गया है.

ये सुविधाएं होंगी उपलब्ध - दो टावर के ग्राउंड फ्लोर पर 4 कैफेटेरिया भी बनाया गया है. करीब 25 लोगों की क्षमता वाली 4 हाई स्पीड लिफ्ट, फायर एग्जिट सीढ़ियां, सभी मंजिलों पर मेल-फीमेल टॉयलेट, भवनों को सुरक्षा के लिहाज से भूकंप रोधी डिजाइन, अत्याधुनिक फायर सेफ्टी उपकरण लगाए जा रहे हैं. छात्रों के आने-जाने के लिए 18 मीटर चौड़ी सड़कें, सड़कों पर सोलर लाइट्स, सीसीटीवी कैमरा और छायादार बड़े पेड़ लगाए गए हैं. वहीं, एक फूड कोर्ट का प्रावधान भी रखा गया है. कोचिंग हब में होस्टल, गेस्ट हाउस, स्टूडियो अपार्टमेंट, पेईंग गेस्ट की सुविधा भी विकसित की जा रही है.

पढ़ेंः Special : कोचिंग इंस्टीट्यूट रेगुलेशन बिल ठंडे बस्ते में ! नकेल कसने के लिए अपनाया ये रास्ता...

पाठ्यक्रम सामग्री और पर्यावरण का ध्यान - कोचिंग हब को ग्रीन कैंपस बनाने के लिए घना वृक्षारोपण किया जा रहा है. बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है. जबकि सोलर एनर्जी सिस्टम लगाया जा रहा है. वहीं, कोचिंग हब के ठीक बाहर छात्रों को पाठ्यक्रम सामग्री उपलब्ध कराने के लिए कॉर्नर शॉपिंग और 90 शोरूम का निर्माण भी किया गया है. आपको बता दें कि कोचिंग हब की कुल लागत 319 करोड़ है, जबकि शोरूम, एजुकेशन प्लेस और कैफेटेरिया आदि से मंडल को लगभग 450 करोड़ मिलेंगे. कोचिंग हब शुरू हो जाने से राजधानी वासियों को भी ट्रैफिक और पार्किंग की समस्या से निजात मिलेगी.

जयपुर में देश का पहला कोचिंग हब

जयपुर. राजधानी जयपुर के गोपालपुरा बाईपास, लाल कोठी, वैशाली नगर, मालवीय नगर और परकोटा क्षेत्र में सैकड़ों कोचिंग संचालित हैं. इन संस्थानों में भवन विनियमों की पालना नहीं हो रही और कुछ कोचिंग में विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त सुविधाओं का भी अभाव है. साथ ही इन क्षेत्रों में ट्रैफिक और पार्किंग की समस्या भी बनी रहती है. ऐसे में आवासन मंडल की ओर से कोचिंग हब बनाया जा रहा है. पहले चरण में 5 टावर का काम लगभग पूरा हो चुका है. इसमें न सिर्फ छात्रों, बल्कि कोचिंग संचालकों की सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया है.

140 कोचिंग सेंटर हो सकेंगे संचालित - जयपुर के प्रताप नगर सेक्टर 16 में हल्दीघाटी मार्ग पर लगभग 67 हजार वर्गमीटर जमीन पर कोचिंग हब विकसित किया जा रहा है. यहां उपलब्ध जमीन के 40 प्रतिशत क्षेत्र में ही निर्माण कराया गया है, जबकि 60 प्रतिशत क्षेत्र खुला रखा गया है. कोचिंग हब के पहले चरण का काम अपने अंतिम दौर में चल रहा है. प्रोजेक्ट इंचार्ज हंसराज ने बताया कि इसी महीने ये काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. यहां 500 वर्ग फीट से 6200 वर्ग फीट तक के आकार के 140 कोचिंग सेंटर के लिए स्पेस डिजाइन किए हैं, जहां 40 हजार से ज्यादा छात्र पढ़ सकेंगे. एक भवन एडमिन ब्लॉक बनाया जा रहा है, जहां सभी कोचिंग संचालकों को एडमिशन और दूसरे गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए स्थान भी उपलब्ध कराया जा सकेगा.

Country first coaching hub being built in Jaipur
राजधानी जयपुर में बन रहा कोचिंग हब

सभी टावर को जोड़ती हुई बेसमेंट पार्किंग - कोचिंग हब में कुल 8 एजुकेशन टावर बनाए जाएंगे. पहले चरण में 5 पावर का काम लगभग पूरा हो चुका है. सात मंजिला इन टावर्स में 1 लाख वर्ग फीट क्षेत्रफल निर्मित किया गया और सभी टावर्स को जोड़ती हुई बेसमेंट पार्किंग तैयार की गई है. जहां लगभग 839 चौपहिया और 1269 दोपहिया वाहन पार्क हो सकेंगे. वहीं, कॉरिडोर में भी विजिटर्स पार्किंग की व्यवस्था की गई है.

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स्पोर्ट्स एरिना और लाइब्रेरी भी तैयार - कोचिंग हब में पढ़ने वाले छात्रों पर पड़ने वाले मानसिक तनाव को रिलीज करने के लिए वैलनेस सेंटर बनाया जा रहा है. यहां वॉकिंग ट्रेक, साइक्लिंग ट्रेक, ओपन एयर जिम, इनडोर जिम, हेल्थ चेकअप सेंटर, बास्केटबॉल कोर्ट, टेनिस कोर्ट योगा और मेडिटेशन सेंटर को अंतिम रूप दिया जा रहा है. साथ ही साइक्लोजिकल कन्सलटेंट भी नियुक्त किए जाएंगे. छात्रों के सेल्फ स्टडी के लिए 32 हजार 325 वर्गफीट क्षेत्र में सेन्ट्रल लाईब्रेरी तैयार की जा रही है, जबकि 34 हज़ार 280 वर्गफीट क्षेत्र में लगभग 1200 व्यक्तियों की बैठक क्षमता का ऑडिटोरियम बनकर तैयार हो गया है.

ये सुविधाएं होंगी उपलब्ध - दो टावर के ग्राउंड फ्लोर पर 4 कैफेटेरिया भी बनाया गया है. करीब 25 लोगों की क्षमता वाली 4 हाई स्पीड लिफ्ट, फायर एग्जिट सीढ़ियां, सभी मंजिलों पर मेल-फीमेल टॉयलेट, भवनों को सुरक्षा के लिहाज से भूकंप रोधी डिजाइन, अत्याधुनिक फायर सेफ्टी उपकरण लगाए जा रहे हैं. छात्रों के आने-जाने के लिए 18 मीटर चौड़ी सड़कें, सड़कों पर सोलर लाइट्स, सीसीटीवी कैमरा और छायादार बड़े पेड़ लगाए गए हैं. वहीं, एक फूड कोर्ट का प्रावधान भी रखा गया है. कोचिंग हब में होस्टल, गेस्ट हाउस, स्टूडियो अपार्टमेंट, पेईंग गेस्ट की सुविधा भी विकसित की जा रही है.

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पाठ्यक्रम सामग्री और पर्यावरण का ध्यान - कोचिंग हब को ग्रीन कैंपस बनाने के लिए घना वृक्षारोपण किया जा रहा है. बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है. जबकि सोलर एनर्जी सिस्टम लगाया जा रहा है. वहीं, कोचिंग हब के ठीक बाहर छात्रों को पाठ्यक्रम सामग्री उपलब्ध कराने के लिए कॉर्नर शॉपिंग और 90 शोरूम का निर्माण भी किया गया है. आपको बता दें कि कोचिंग हब की कुल लागत 319 करोड़ है, जबकि शोरूम, एजुकेशन प्लेस और कैफेटेरिया आदि से मंडल को लगभग 450 करोड़ मिलेंगे. कोचिंग हब शुरू हो जाने से राजधानी वासियों को भी ट्रैफिक और पार्किंग की समस्या से निजात मिलेगी.

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