जयपुर. राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर गहलोत और पायलट के बीच अब भी शीतयुद्ध जारी है. दोनों नेताओं के समर्थक गाहे-बगाहे अपने नेता के पक्ष में बयान देते रहते हैं. एक ओर पायलट समर्थक विधायक लगातार सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग करते रहे हैं तो वहीं, दूसरी ओर गहलोत समर्थक गहलोत को ही राजस्थान की जनता की पहली पसंद बताते रहे हैं. इसी बीच उदयपुर में कार्यकर्ताओं के बीच सियासी नियुक्तियां के न होने के मसले पर मंत्री रामलाल जाट ने बिना किसी का नाम लिए सचिन पायलट पर बड़ा हमला किया. मंत्री ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार के खिलाफ बोलना और दो लाइन राहुल गांधी की तारीफ कर अपनी ही सरकार की मुखालफत करने वाले नेता दोगलापन कर रहे हैं. ये वो नेता हैं, जो नहीं चाहते हैं कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रिपीट हो.
समय के मुताबिक मिलता है सबको मौका - उन्होंने कहा कि यह तरीका गलत है और अगर किसी को कांग्रेस में रहना है तो कांग्रेस के पक्ष में काम करना चाहिए. जाट ने कहा कि उम्र के मुताबिक हर किसी को पद मिलता है. कोई भी शख्स सियासत में स्थायी नहीं है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी परमानेंट मुख्यमंत्री नहीं हैं, जब तक जनता उन्हें चाहेगी तब तक वो मुख्यमंत्री रहेंगे. वहीं, उन्होंने कहा कि समय के मुताबिक हर किसी को मौका मिलता है. बावूजद इसके नेता मुख्यमंत्री पद की मांग करते रहे हैं, लेकिन कांग्रेस में एक बार जो फैसला आलाकमान कर देता है तो उसे ही सभी मानते हैं. खैर, कुछ नेता ऐसे भी हैं, जो आलाकमान के फैसले को मानने की बजाय उस फैसले के खिलाफ दबी जुबान मोर्चा व गुटबंदी करते हैं. जैसा कि प्रदेश में कई बार देखने को भी मिला है.
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ऐसे तो मुश्किल है हमारा चुनाव जीतना - जाट ने आगे कहा कि राजस्थान को लेकर कभी दिल्ली, कभी साउथ और कभी नॉर्थ ईस्ट के लोग बयानबाजी करते रहे हैं, जिन्हें राजस्थान की भौगोलिक स्थिति का भी ज्ञान नहीं है. मंत्री ने कहा कि भाजपा और आरएसएस में अनुशासन है, इसलिए वो चुनाव जीतते हैं. वहां किसी के टिकट कटने से कोई फर्क नहीं पड़ता है. लेकिन हमारी पार्टी में अनुशासनहीनता चरम पर है. भाजपा में पीएम मोदी भी अनुशासन में रहते हैं. यही कारण है कि भाजपा में किसी भी शख्स का टिकट कभी भी कट जाता है, लेकिन कोई भी खुले तौर पर पार्टी के खिलाफ आवाज बुलंद नहीं करता है और यही वजह है कि भाजपा को चुनाव में जीत हासिल होती है. कांग्रेस में भी जब अनुशासन था तो कांग्रेस भी इसी तरह टिकट काटकर चुनाव जीतती थी, लेकिन आज हमारा अनुशासन बिगड़ गया है. हमारे खिलाफ बोलने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है. अगर अनुशासनहीनता करने वाले नेताओं पर कार्रवाई नहीं होगी तो हम चुनाव भी नहीं जीत पाएंगे.
कोई भी बन सकता है सीएम - मंत्री ने कहा कि आज आलाकमान की पसंद अशोक गहलोत हैं तो हम उनके साथ खड़े हैं. हो सकता है कि आगे सत्ता में आए तो पायलट, डोटासरा, प्रताप सिंह खाचरियावास, खिलाड़ी लाल बैरवा या फिर वो स्वयं सीएम बना दिए जाए. जाट ने कहा कि कांग्रेस के नेता भले ही अनुशासन में न हो, लेकिन उनकी कार्यकर्ताओं से यही अपील है कि वो अनुशासन में रहें और जब सत्ता आएगी तो जो फैसला आलाकमान करेगा वो सबको मान्य होगा.
बिना नाम लिए पायलट पर निशाना - सियासी नियुक्तियों के मसले पर मंत्री रामलाल जाट ने कुछ दिन पहले उदयपुर में कहा था कि हमारी पार्टी में भी एक कोरोना आ गया था. जिसके चलते नियुक्तियां और संगठन को पदाधिकारी नहीं मिल सके. हालांकि, कार्यक्रम के इतर जब उनसे इस बारे में सवाल किया गया तो मंत्री ने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम नेतृत्व में विश्वास करें और जो लोग फैसला करते हैं, उनकी बात माने. राजस्थान में इस बार नियुक्तियों में देरी हुई है और इसके पीछे कांग्रेस के नेताओं के आपसी झगड़े ही कारण हैं.