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जयपुरः बिजली की दरें बढ़ाने से पहले उपभोक्ताओं से मांगी जाएगी आपत्ति

विधानसभा का मौजूदा सत्र खत्म होते ही डिस्कॉम ने बिजली की दरें बढ़ाने के लिए याचिक राज्य विद्युत विनियामक आयोग को सौंप दी है. बिजली की बढ़ी हुई दरें लागू होने से बचने के लिए उपभोक्ता अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं. आपत्तियों के आधार पर अब बिजली विभाग , विद्युत की दरों में बदलाव करेगा.

बिजली की दरें बढ़ाने से पहले उपभोक्ताओं से मांगी जाएगी आपत्ति
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Published : Aug 8, 2019, 3:07 PM IST

जयपुर. विधानसभा का मौजूदा सत्र खत्म होते ही डिस्कॉम ने बिजली की दरें बढ़ाने के लिए याचिक राज्य विद्युत विनियामक आयोग को सौंप दी है. लेकिन आम उपभोक्ता इसमें अपनी आपत्तियां विनियामक आयोग के समक्ष दर्ज करा सकता है. जल्द ही आयोग इस संबंध में सार्वजनिक रूप से आपत्तियां मांगेगा. वही याचिका में जो प्रस्ताव आयोग को सौंपा गया है. उसमें केंद्र की विद्युत नीति में मतभेद साफ तौर पर नजर आ रहा है.

बिजली की दरें बढ़ाने से पहले उपभोक्ताओं से मांगी जाएगी आपत्ति

ये भी पढ़ें - बाड़मेर-यशवंतपुर एक्सप्रेस में लगेंगे एलएचबी कोच, यात्रियों को मिलेगी बेहतर सुविधाएं

प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाने से जुड़ी टेरिफ याचिका विद्युत विनियामक आयोग में दाखिल होने के बाद अब आम उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ने वाली है.लेकिन इस परेशानी से यदि आप बचना चाहते हैं. तो एक जागरूक उपभोक्ता के नाते आयोग में अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं.

गौरतलब है कि विनियामक आयोग दायर याचिका को लेकर आम उपभोक्ताओं से आपत्तियां मांगेगा. इस दौरान ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी आपत्तियां दर्ज कराए तो संभवत आयोग उसका हल निकालने का प्रयास करेगा. हालांकि अब तक देखने में आया है कि आयोग जब आपत्तियां मांगता है. तो गिने-चुने उपभोक्ता ही अपनी आपत्ति दर्ज कराने आयोग तक पहुंचते हैं.

केंद्र और राज्य की विद्युत नीति में भी मतभेद-
जयपुर,अजमेर और जोधपुर विद्युत वितरण निगम ने जो टेरिफ याचिका आयोग को सौंपी है. उसमें उद्योगों को दिन के बजाय रात में 10 फ़ीसदी कम दर से बिजली देने की मंशा जताई है. डिस्कॉम टाइम ऑफ द डे कंसेप्ट अपनाते हुए उद्योगों को रात में 10 फ़ीसदी कम दर पर बिजली देने का प्रस्ताव आयोग को सौंप चुका है.

पढ़ें - जयपुर कलेक्टर को प्रसाद में खिलाया दूषित पेड़ा... आदेश पर सीएमएचओ की टीम ने की कार्रवाई

हालांकि राज्य में ऐसा पहली बार होगा. जब दिन और रात में बिजली की दरें अलग-अलग होगी. लेकिन प्रस्ताव में जो मंशा डिस्कॉम ने जताई है. वह केंद्र की बिजली नीति से बिल्कुल विपरीत होगी. पिछले वहां केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने यह बयान दिया था कि केंद्र की नई बिजली टैरिफ नीति के तहत दिन में सस्ती और रात में अपेक्षाकृत महंगी दर से बिजली उपलब्ध कराई जाएगी. जबकि राज्य में जो प्रस्ताव आयोग के पास गया है, उसमें ठीक इसका उल्टा हो रहा है.

जयपुर. विधानसभा का मौजूदा सत्र खत्म होते ही डिस्कॉम ने बिजली की दरें बढ़ाने के लिए याचिक राज्य विद्युत विनियामक आयोग को सौंप दी है. लेकिन आम उपभोक्ता इसमें अपनी आपत्तियां विनियामक आयोग के समक्ष दर्ज करा सकता है. जल्द ही आयोग इस संबंध में सार्वजनिक रूप से आपत्तियां मांगेगा. वही याचिका में जो प्रस्ताव आयोग को सौंपा गया है. उसमें केंद्र की विद्युत नीति में मतभेद साफ तौर पर नजर आ रहा है.

बिजली की दरें बढ़ाने से पहले उपभोक्ताओं से मांगी जाएगी आपत्ति

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प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाने से जुड़ी टेरिफ याचिका विद्युत विनियामक आयोग में दाखिल होने के बाद अब आम उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ने वाली है.लेकिन इस परेशानी से यदि आप बचना चाहते हैं. तो एक जागरूक उपभोक्ता के नाते आयोग में अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं.

गौरतलब है कि विनियामक आयोग दायर याचिका को लेकर आम उपभोक्ताओं से आपत्तियां मांगेगा. इस दौरान ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी आपत्तियां दर्ज कराए तो संभवत आयोग उसका हल निकालने का प्रयास करेगा. हालांकि अब तक देखने में आया है कि आयोग जब आपत्तियां मांगता है. तो गिने-चुने उपभोक्ता ही अपनी आपत्ति दर्ज कराने आयोग तक पहुंचते हैं.

केंद्र और राज्य की विद्युत नीति में भी मतभेद-
जयपुर,अजमेर और जोधपुर विद्युत वितरण निगम ने जो टेरिफ याचिका आयोग को सौंपी है. उसमें उद्योगों को दिन के बजाय रात में 10 फ़ीसदी कम दर से बिजली देने की मंशा जताई है. डिस्कॉम टाइम ऑफ द डे कंसेप्ट अपनाते हुए उद्योगों को रात में 10 फ़ीसदी कम दर पर बिजली देने का प्रस्ताव आयोग को सौंप चुका है.

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हालांकि राज्य में ऐसा पहली बार होगा. जब दिन और रात में बिजली की दरें अलग-अलग होगी. लेकिन प्रस्ताव में जो मंशा डिस्कॉम ने जताई है. वह केंद्र की बिजली नीति से बिल्कुल विपरीत होगी. पिछले वहां केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने यह बयान दिया था कि केंद्र की नई बिजली टैरिफ नीति के तहत दिन में सस्ती और रात में अपेक्षाकृत महंगी दर से बिजली उपलब्ध कराई जाएगी. जबकि राज्य में जो प्रस्ताव आयोग के पास गया है, उसमें ठीक इसका उल्टा हो रहा है.

Intro:बिजली की बढ़ी हुई दरें लागू होने से बचने के लिए उपभोक्ता कर सकते हैं आपत्ति
विद्युत विनियामक आयोग जल्द मांगेगा आपत्ति
केंद्र और राज्य की बिजली नीति में यहां दिखा मतभेद

जयपुर (इंट्रो)
विधानसभा का मौजूदा सत्र खत्म होते ही डिस्कॉम ने बिजली की दरें बढ़ाने के लिए टैरिफ याचिका का राज्य विद्युत विनियामक आयोग को सौंप दी है लेकिन आम उपभोक्ता इसमें अपनी आपत्तियां विनियामक आयोग के समक्ष दर्ज करा सकता है। जल्दी ही आयोग इस संबंध में सार्वजनिक रूप से आपत्तियां मांगेगा। वही याचिका में जो प्रस्ताव आयोग को सौंपा गया है उसमें और केंद्र की विद्युत नीति में मतभेद साफ तौर पर नजर आता है।

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प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाने से जुड़ी टेरिफ याचिका विद्युत विनियामक आयोग में दाखिल होने के बाद अब आम उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ने वाली है लेकिन इस परेशानी से यदि आप बचना चाहते हैं तो एक जागरूक उपभोक्ता के नाते आयोग में अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं कुछ ही दिनों बाद विनियामक आयोग दायर याचिका को लेकर आम उपभोक्ताओं से आपत्तियां मांगेगा इस दौरान ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी आपत्तियां दर्ज कराएंगे तो संभवत आयोग बिजली दरों मैं इतनी हालांकि अब तक देखने में आया है कि आयोग जब आपत्तियां मांगता है तो गिने-चुने ही उपभोक्ता अपनी आपत्ति दर्ज कराने आयोग तक पहुंचते हैं।

केंद्र और राज्य की विद्युत नीति में भी मतभेद-

जयपुर अजमेर और जोधपुर विद्युत वितरण निगम ने जो टेरिफ याचिका आयोग को सौंपी है उसमें उद्योगों को दिन के बजाय रात में 10 फ़ीसदी कम दर से बिजली देने की मंशा जताई है। डिस्कॉम टाइम ऑफ द डे कंसेप्ट अपनाते हुए उद्योगों को रात में 10 फ़ीसदी कम दर पर बिजली देने का प्रस्ताव आयोग को सौंप चुका है हालांकि राज्य में ऐसा पहली बार होगा जब दिन और रात में बिजली की दरें अलग अलग होगी लेकिन प्रस्ताव में जो मंशा डिस्कॉम ने जताई है वह केंद्र की बिजली नीति से बिल्कुल विपरीत होगी पिछले वहां केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने यह बयान दिया था कि केंद्र की नई बिजली टैरिफ नीति के तहत दिन में सस्ती और रात में अपेक्षाकृत महंगी दर से बिजली उपलब्ध कराई जाएगी, जबकि राज्य में जो प्रस्ताव आयोग के पास गया है उसमें ठीक इसका उल्टा हो रहा है।


(edited vo pkg-hogi sunvai)




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