जयपुर. विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद अब राजधानी जयपुर के इसी साल के अंत में होने वाले निगम के चुनाव पर सबकी नजर टिक गई है. खास बात यह है कि महापौर के सीधे चुनाव होने के चलते अब बड़े नेता भी जयपुर के महापौर की सीट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. इनमें कई नेता ऐसे भी हैं जो विधानसभा या लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं, तो कई नेता वह भी हैं जो लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में टिकट से वंचित रह गए थे.
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जयपुर शहर में करीब एक दर्जन ऐसे नेता हैं. जो जयपुर महापौर के टिकट के लिए अपनी दावेदारी जता रहे हैं. दरअसल, सत्ता में लौटते ही गहलोत सरकार ने महापौर का सीधा चुनाव करवाने का निर्णय ले लिया है. जिससे बड़े नेता भी इस रेस में शामिल हो गए हैं. वहीं अब यह बिल्कुल साफ हो गया है कि राजधानी जयपुर में इस बार दो महापौर बनेंगे. ऐसे में अब नेता केवल लॉटरी खुलने का इंतजार कर रहे हैं कि किस कैटेगरी का नाम लॉटरी में निकलता है. लॉटरी के जरिए ही यह तय हो पाएगा कि महापौर के लिए महिला, ओबीसी, सामान्य किसके लिए निकलता है. लेकिन लॉटरी से पहले ही बड़े नेताओं ने अपने लिए लॉबिंग शुरू कर दी है.
यह बड़े नेता चाहते हैं महापौर का टिकट
जयपुर महापौर के चुनाव की टिकट की दौड़ में कांग्रेस के जो बड़े नेता भी शामिल है. उनमें कांग्रेस के राजस्थान संगठन महामंत्री महेश शर्मा, सांसद का चुनाव लड़ी और राजस्थान कांग्रेस महासचिव ज्योति खंडेलवाल. विधानसभा का चुनाव लड़ी राजस्थान कांग्रेस उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा, विधानसभा और लोकसभा चुनाव में टिकट से वंचित रहे सुनील शर्मा, राजस्थान कांग्रेस उपाध्यक्ष राजीव अरोड़ा, राजस्थान कांग्रेस महासचिव गिरिराज गर्ग और कांग्रेस सचिव मंजू शर्मा इस दौड़ में शामिल है.
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वहीं चुनाव में भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम चुके वर्तमान जयपुर महापौर विष्णु लाटा भी कांग्रेस की टिकट की दौड़ में है. इनके साथ ही आधा दर्जन नेता और हैं जो महापौर का टिकट मांग रहे हैं. हालांकि महापौर का टिकट पाने में सबसे पहले इंतजार इन नेताओं को लॉटरी खुलने का है. क्योंकि आधे से ज्यादा नेता तो लॉटरी खुलने के साथ ही इस रेस से बाहर हो जाएंगे.