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नीमकाथाना जिले का दर्जा समाप्त करने पर राज्य सरकार से मांगा जवाब - RAJASTHAN HIGH COURT

नीमकाथाना जिले का दर्जा समाप्त करने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

राजस्थान हाइकोर्ट
राजस्थान हाइकोर्ट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 23, 2025, 2:11 PM IST

जयपुर : राजस्थान हाइकोर्ट ने नव सृजित नीमकाथाना जिले का दर्जा समाप्त करने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने मामले को समान प्रकरण में गंगापुर सिटी के मामले में रामकेश मीणा की ओर से पूर्व में दायर याचिका के साथ 28 जनवरी को सूचीबद्ध करने को कहा है. सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश पूर्व विधायक रमेश चंद्र खंडेलवाल की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद पेश हुए. उनकी ओर से याचिका में जवाब पेश करने के लिए समय मांगा गया. इस पर खंडपीठ ने याचिका को रामकेश मीणा की याचिका के साथ सूचीबद्ध करने को कहा है. याचिका में अधिवक्ता निखिल सैनी की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार ने रामलुभाया कमेटी की सिफारिशों और तय मापदंडों के आधार पर नीमकाथाना सहित अन्य जिलों का सृजन किया था. इसके बाद यहां सरकारी कार्यालय और बस स्टैंड आदि के लिए जमीन आवंटित हो चुकी हैं. इसके साथ ही जिला कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को भी जिले में नियुक्त किया गया.

पढ़ें. भजनलाल कैबिनेट का बड़ा फैसला, गहलोत राज में बने 9 नए जिले और 3 संभाग निरस्त, अब 41 जिले रहेंगे

वहीं, कानून व्यवस्था पर भी प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया गया और इससे क्षेत्र में अपराध दर में भी कमी आई. इसी बीच सरकार बदलने के बाद गत 29 दिसंबर को अधिसूचना जारी कर नीमका थाना से जिले का दर्जा छीन लिया गया. याचिका में कहा गया कि समान स्थिति के कुछ अन्य जिलों को राजनीतिक कारणों से बरकरार रख गया है, जबकि करीब तीन दशक से नीमकाथाना को जिला बनाने की मांग की जा रही थी. ऐसे में जिला रद्द करने की अधिसूचना को निरस्त किया जाए. गौरतलब है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अगस्त, 2023 में तीन संभाग और 19 जिलों का गठन किया था. वर्तमान भाजपा सरकार ने गत दिसंबर माह में नव सृजित तीनों संभाग व 9 जिलों को निरस्त करते हुए आठ जिलों को यथावत रखा था.

जयपुर : राजस्थान हाइकोर्ट ने नव सृजित नीमकाथाना जिले का दर्जा समाप्त करने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने मामले को समान प्रकरण में गंगापुर सिटी के मामले में रामकेश मीणा की ओर से पूर्व में दायर याचिका के साथ 28 जनवरी को सूचीबद्ध करने को कहा है. सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश पूर्व विधायक रमेश चंद्र खंडेलवाल की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद पेश हुए. उनकी ओर से याचिका में जवाब पेश करने के लिए समय मांगा गया. इस पर खंडपीठ ने याचिका को रामकेश मीणा की याचिका के साथ सूचीबद्ध करने को कहा है. याचिका में अधिवक्ता निखिल सैनी की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार ने रामलुभाया कमेटी की सिफारिशों और तय मापदंडों के आधार पर नीमकाथाना सहित अन्य जिलों का सृजन किया था. इसके बाद यहां सरकारी कार्यालय और बस स्टैंड आदि के लिए जमीन आवंटित हो चुकी हैं. इसके साथ ही जिला कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को भी जिले में नियुक्त किया गया.

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वहीं, कानून व्यवस्था पर भी प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया गया और इससे क्षेत्र में अपराध दर में भी कमी आई. इसी बीच सरकार बदलने के बाद गत 29 दिसंबर को अधिसूचना जारी कर नीमका थाना से जिले का दर्जा छीन लिया गया. याचिका में कहा गया कि समान स्थिति के कुछ अन्य जिलों को राजनीतिक कारणों से बरकरार रख गया है, जबकि करीब तीन दशक से नीमकाथाना को जिला बनाने की मांग की जा रही थी. ऐसे में जिला रद्द करने की अधिसूचना को निरस्त किया जाए. गौरतलब है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अगस्त, 2023 में तीन संभाग और 19 जिलों का गठन किया था. वर्तमान भाजपा सरकार ने गत दिसंबर माह में नव सृजित तीनों संभाग व 9 जिलों को निरस्त करते हुए आठ जिलों को यथावत रखा था.

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