जयपुर. कांग्रेस नेता अजय माकन ने राजस्थान प्रभारी का पद छोड़ दिया है. बता दें, 25 सितंबर को राजस्थान में विधायक दल की बैठक नहीं होने से आहत होकर माकन ने यह पद छोड़ा है. हालांकि सभी महासचिव पहले ही अपने पदों से इस्तीफा दे चुके हैं.
भले ही मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष बनने के साथ ही सभी कांग्रेस महासचिव और प्रभारियों ने अपने इस्तीफे दे दिए थे, लेकिन सभी प्रभारियों को खड़गे ने स्टीयरिंग कमेटी का सदस्य बना लिया था. ऐसे में वर्तमान में सभी प्रभारी अपना काम स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य के तौर पर देख रहे हैं, लेकिन आज राजस्थान के प्रभारी रहे अजय माकन ने राजस्थान के प्रभारी का पद छोड़ दिया है.
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खड़गे से की अपील- दरअसल, 25 सितंबर को राजस्थान में विधायक दल की बैठक नहीं होने और राजस्थान के नए हालातों के चलते राजस्थान का प्रभारी का पद छोड़ने की इच्छा जता दी थी. माकन ने अपने लेटर में 4 दिसंबर को भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में प्रवेश करने और सरदारशहर उपचुनाव को देखते हुए खड़गे से अपील की है कि वह जल्द से जल्द नया प्रभारी नियुक्त कर दें. इन दिनों माकन का एक लेटर भी वायरल हो रहा है.
माकन का जो लेटर वायरल हो रहा है, उसके अनुसार वह अब दिल्ली के मामलों पर एनजीओ और ट्रेड यूनियन के साथ मिलकर प्रदूषण और अन्य मुद्दों पर काम करना चाहते हैं. माकन ने राजस्थान प्रभारी का पद छोड़ने के साथ ही यह भी कहा है कि वह 40 साल से कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय हैं और राहुल गांधी के समर्थक हैं जिनके भरोसे को मैं हमेशा पूरा करूंगा.
विधायकों ने लगाए थे गंभीर आरोप- अशोक गहलोत गुट के विधायकों ने अजय माकन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. मंत्री शांति धारीवाल ने साफ तौर पर कहा था कि राजस्थान में जो भी कुछ हुआ उसमें अजय माकन की बड़ी भूमिका थी. माकन सरकार के खिलाफ बगावत कर चुके नेता को सत्ता देने के लिए पक्षपात कर रहे थे. मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा था कि माकन हमारे परिवार के मुखिया हैं. हमारी आवाज को सुनना, समझना और उसे आलाकमान तक पहुंचाना उनकी जिम्मेदारी थी.