जयपुर. जब किसी राज्य में किसी पार्टी की सरकार बनती है और उसमें उस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का पूरा योगदान होता है. इसके साथ ही पार्टी का शीर्ष नेतृत्व खुद ब खुद ही ताकतवर हो जाता है. उससे पार्टी के कार्यकर्ताओं का पूरे देश में आलाकमान पर भरोसा बढ़ जाता है. कांग्रेस पार्टी में भी बीते कुछ सालों से आलाकमान कुछ कमजोर हुआ था जिसके परिणाम राजस्थान में सीधे तौर पर देखने को मिले. जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हो या पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट दोनों की लड़ाई में आलाकमान के निर्णय नहीं माने गए. सचिन पायलट का 2020 में गहलोत के विरोध में मानेसर अपने समर्थक विधायकों के साथ जाना हो या 25 सितंबर 2022 को कांग्रेस आलाकमान की ओर से बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक का गहलोत समर्थक विधायकों की ओर से बहिष्कार कर इस्तीफे दिए जाने हो. इन घटनाओं ने साफ कर दिया था कि केंद्र के बाद राज्यों में भी कांग्रेस आलाकमान कमजोर हो गई. इसके साथ ही स्थानीय नेताओं ने निर्णय अपने हिसाब से लेना शुरू कर दिया.
पहले हिमाचल अब कर्नाटक जीत से आलाकमान हुआ मजबूत, गहलोत पायलट को राजस्थान में चलना होगा आलाकमान के अनुसार : बीते 6 महीनों में पहले हिमाचल और फिर कर्नाटक जैसे 2 राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनना और उसमें प्रियंका गांधी और राहुल गांधी की अहम भूमिका ने साफ कर दिया है कि अब जनता का भरोसा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर बढ़ा है. ऐसे में पिछले साढे 4 साल से एक कमजोर आलाकमान के सामने अपने हिसाब से फैसले लेने वाले गहलोत और पायलट दोनों को अब कांग्रेस आलाकमान के फैसले मानने होंगे. वरना दोनों ही नेताओं को कांग्रेस आलाकमान को आंख दिखाने के नतीजे भी भुगतने पड़ सकते हैं.
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संगठन में बदलाव और सत्ता में हिस्सेदारी का बनेगा फार्मूला मंत्रीमंडल बदलाव आलाकमान के अनुसार सम्भव : कर्नाटक में मिली जबरदस्त जीत के बाद अब राजस्थान में कांग्रेस आलाकमान संगठन में जो बदलाव करने हैं वो कांग्रेस आलाकमान अपने अनुसार करेगा. इसके साथ ही सचिन पायलट सत्ता में हिस्सेदारी की जो बात कर रहे हैं. उसके लिए मंत्रीमंडल में भी बदलाव किया जा सकता है. चाहे संगठन में बदलाव या विस्तार करना हो या मंत्रीमंडल में फेरबदल दोनों परिस्थितियों में ही आलाकमान का असर साफ तौर पर दिखेगा. बदलाव में भी गहलोत और पायलट नहीं बल्कि आलाकमान में भरोसा जताने वाले और कांग्रेस फर्स्ट की बात करने वाले नेताओं को हिस्सेदारी ज्यादा मिलेगी.