जयपुर. कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को 21 राज्यों में अपनी 21 महिला नेताओं को महिला आरक्षण बिल 2024 के चुनाव में लागू करने की मांग के साथ मैदान में उतारा. इनमें से राजस्थान के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा को भेजा गया. अलका लांबा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार ने विशेष सत्र बुलाया, लेकिन मुद्दा किसी को बताया नहीं गया, जिसके चलते कभी वन नेशन वन इलेक्शन और कभी इंडिया और भारत के नाम को लेकर समय की बर्बादी की गई और मुद्दे से भटकाने का प्रयास किया गया.
लाम्बा ने कहा कि विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक रखा गया, तो कांग्रेस को भी खुशी हुई कि आधी आबादी को उसका पूरा अधिकार देश की लोकसभा और विधानसभा में 33% सदस्यों के रूप में मिलने जा रहा है, लेकिन एक विधेयक जिस पर देश के पूरे विपक्ष ने एकता दिखाई और एकजुट रहा लेकिन केंद्र में शासन कर रही भाजपा ने ही उसके रास्ते में रोड़े अटका दिए.
अलका लांबा ने कहा कि वर्तमान महिला आरक्षण कानून ऐसा है, जैसे किसी ने सालों तक खाना नहीं खाया हो और उसकी थाली में खाना तो रखा गया लेकिन यह कह दिया गया कि आप वह खाना खा नहीं सकते और मोदी जी को थैंक यू भी बोले. अलका लांबा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की मांग है कि महिला आरक्षण बिल तुरंत लागू हो और उससे जनगणना और परिसीमन जैसे शर्तों को हटाया जाए और ओबीसी महिलाओं को भी महिला आरक्षण में लाभ मिले.
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अलका लांबा ने कहा कि महिला आरक्षण बिल में रोडे अटकने वाले आरएसएस विचारधारा के लोग और बृजभूषण शरण सिंह और पूर्व मंत्री निहालचंद मेघवाल जैसे सांसद हैं, जिनके खिलाफ महिलाओं को पीड़ित करने के आरोप लगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 33% आरक्षण के पक्ष में है और इसका उदाहरण प्रियंका गांधी ने 40% महिलाओं को उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में टिकट देकर दे भी दिया.
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उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जब प्रियंका गांधी ने महिलाओं को उम्मीदवार बनाया तो उन्हें लगा था कि महिला के सामने भाजपा भी महिला प्रत्याशी उतारेंगी. लेकिन भाजपा ने बाहुबली और धनबल का उपयोग करने वाले कई अपराधी प्रवृत्ति के ऐसे नेताओं को उतार दिया जिन्होंने महिलाओं के चरित्र पर भी सवाल उठाए, लेकिन कांग्रेस की महिलाओं ने चुनाव लड़ा ऐसे में अब कांग्रेस पार्टी चाहती है कि यह कानून बने और महिलाओं को उनका पूरा अधिकार 2024 के विधानसभा चुनाव में ही मिल जाए.
जनता करे सांसदों में परिवर्तन: अलका लांबा ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे पर कहा कि राजधानी जयपुर में कई जगह परिवर्तन के पोस्ट मोदी के समर्थन में लगाए गए हैं, जबकि राजस्थान में तो भाजपा के ही सांसद हैं. ऐसे में शायद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब खुद ही चाहते हैं कि जनता उनके सांसदों को चुनाव में हराकर कांग्रेस के सांसद बने और परिवर्तन कर दे.