जयपुर. हेरिटेज नगर निगम में अब तक बीजेपी और निर्दलीय पार्षद ही पक्षपात का आरोप लगाते (Councillors Upset from Heritage Nagar Nigam) आए हैं. लेकिन 9 फरवरी 2021 को हुई पहली और आखिरी बोर्ड मीटिंग में प्रत्येक वार्ड में सैंक्शन हुए डेढ़ करोड़ के काम नहीं होने से खफा कांग्रेस के पार्षद भी अपने ही बोर्ड के खिलाफ मुखर हो रहे हैं. खासकर कांग्रेस के वो सीनियर पार्षद जो पहले बीजेपी बोर्ड में भी पार्षद रहे हैं. अब वे कांग्रेस बोर्ड में उन्हें नजरअंदाज करने का आरोप लगा रहे हैं.
नवंबर 2020 में 47 कांग्रेस और 9 निर्दलीय पार्षदों के समर्थन से कांग्रेस प्रत्याशी मुनेश गुर्जर को (Congress councillors Accused Heritage Nigam) हेरिटेज निगम का महापौर चुना गया था. उस वक्त सरकार ने निर्दलीय पार्षदों को कांग्रेस पार्षदों की तरह बराबर हक दिए जाने का ऐलान करते हुए निगम में गठित होने वाली समितियों में भी चेयरमैन बनाने का आश्वासन दिया था. लेकिन ये महज आश्वासन बनकर रह गया. इससे खफा निर्दलीय पार्षद सरकार को खुली चुनौती दे चुके हैं. कांग्रेस के सीनियर पार्षदों ने भी उन्हें नजरअंदाज करते हुए अपने ही बोर्ड के खिलाफ मोर्चा खोला है.
पढ़ें. हेरिटेज निगम में मच रहा बवाल, पार्षद बोर्ड बैठक और कर्मचारी सैलरी को लेकर लामबंद...
दरअसल, 9 फरवरी 2021 को हुई हेरिटेज नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक में सभी वार्डों में डेढ़ करोड़ के काम कराए जाने का प्रस्ताव पास हुआ था. बावजूद इसके कुछ कांग्रेस पार्षदों के वार्डों में 5 करोड़ के काम हो गए तो कुछ में ये आंकड़ा 80 लाख तक ही पहुंच पाया है. हेरिटेज निगम में सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र में आने वाले कांग्रेस पार्षद उत्तम शर्मा ने बताया कि अभी हाल ही में 5 करोड़ 70 लाख की राशि से चौमूं हाउस परिवहन मार्ग वाली सड़क बनी है. मिशन कंपाउंड में भी सिविल लाइन चल रही है. वहां भी सड़क बनेगी. इसके बाद रमेश मार्ग और आजाद मार्ग पर भी वर्क ऑर्डर कैंसिल हो चुका है. एमआई रोड कंप्लीट हो चुकी है. उन्होंने कहा कि उनके मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास विकास पुरुष हैं, वह कहीं काम कराते हैं तो रुकावट होती ही नहीं है.
दो साल बाद भी नहीं बनी समिति : जबकि कांग्रेस के किशनपोल विधानसभा क्षेत्र से आने वाली सीनियर पार्षद आयशा सिद्दीकी ने कहा कि नगर निगम हेरिटेज का बोर्ड बने 2 साल हो चुके हैं. समितियां बननी चाहिए, ये पार्षदों का अधिकार है. यदि समितियां बन जाएंगी तो काम अच्छे से हो पाएंगे. उन्होंने बताया कि 9 फरवरी 2021 को जो बोर्ड की पहली और आखिरी बैठक हुई थी, तब हर वार्ड के विकास के लिए डेढ़ करोड़ सैंक्शन किया गया था. लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी 80 लाख का ही काम हो पाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि वो कांग्रेस की सीनियर पार्षद हैं, बावजूद इसके उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है.
कुछ ऐसा ही आरोप आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र से आने वाले सीनियर पार्षद उमर दराज ने लगाया है. उन्होंने कहा कि जब से कांग्रेस का बोर्ड बना है, आज तक सीनियर पार्षदों को नजरअंदाज ही किया जा रहा है. उन्होंने सवाल उठाया कि कांग्रेस में सीनियर पार्षदों की वैल्यू कहां है, और जहां तक सवाल रहा समितियों का तो 2 साल बीत गए, लेकिन समितियां नहीं बनाई गईं.
उन्होंने अपनी ही बोर्ड को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बोर्ड की बैठक बुलाने के पीछे डर है कि समितियां बनी नहीं है, इसलिए विरोध होगा. बीते दिनों निर्दलीय पार्षदों ने निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए सरकार को समितियों का गठन करने और बोर्ड बैठक कराने को लेकर चेतावनी भी दी थी. इस दौरान कई कांग्रेस के पार्षद भी शामिल हुए थे. ऐसे में कांग्रेस बोर्ड में अब बंद कमरों में नहीं बल्कि खुले में बगावत हो रही है.