जयपुर. 83वें पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन गुरुवार राजस्थान विधानसभा में संपन्न हुआ. इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज एक बार फिर केंद्र सरकार के सामने राजस्थान में चल रही चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना की तर्ज पर पूरे देश में राइट टू हेल्थ, विदेशों की तर्ज पर आम लोगों को सोशल सिक्योरिटी देने के लिए सोशल सिक्योरिटी एक्ट बनाने और ओल्ड पेंशन स्कीम को पूरे देश में लागू करने की मांग की है. गहलोत ने कहा कि सरकारों का उद्देश्य जनता को राहत देना है. ऐसे में इन सभी बातों को पीठासीन अधिकारियों के जरिए मैं केंद्र सरकार तक पहुंचाता हूं कि वह इन योजनाओं को पूरे देश के लिए लागू करें.
गहलोत ने दी सैद्धांतिक सहमति: इस दौरान स्पीकर सीपी जोशी ने विधानसभा को वित्तीय स्वायत्तता देने के मामले में अपनी बात रखी और कहा कि पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन की तरह जो सुझाव आते हैं और फैसले होते हैं उनका फायदा मिलता है. स्पीकर सीपी जोशी ने सभी पीठासीन अधिकारियों की भावना को प्रभावी तरीके से व्यक्त किया है. ऐसे में लोकसभा में 1964 में जिस तरह प्रस्ताव पास किया गया, उसी तरह मैं भी सैद्धांतिक रूप से इस बात पर सहमति व्यक्त करता हूं कि राजस्थान विधानसभा को वित्तीय स्वायत्तता मिले. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं वैसे भी स्पीकर सीपी जोशी की कोई बात नहीं टालता हूं और वह भी मेरी बात नहीं टालते हैं. हालांकि घोषणा की जगह सैद्धांतिक स्वीकृति देने पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि पीठासीन अधिकारियों की तालियां और ज्यादा बजतीं, अगर आप पूरी घोषणा करते.
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