जयपुर. गहलोत कैबिनेट की आज होने वाली बैठक कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों के चलते स्थगित कर दी गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कल दोबारा कैबिनेट की बैठक होगी. ओबीसी के मुद्दे पर (OBC Reservation in Rajasthan) बोलते हुए उन्होंने कहा कि ओबीसी के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा सबसे बात कर रहे हैं. उन्होंने मुझसे भी बात की है और इस विषय पर मंत्रिमंडल में एक बार चर्चा भी हुई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तय हुआ कि अन्याय किसी के साथ नहीं हो, पूर्व सैनिकों का भी सम्मान हो. हमें गर्व है कि हम राजस्थान के जो शहीद हैं उनको पैकेज हमने दिया है. पूर्व सैनिकों के परिवारों को भी दिया. ओबीसी के नौजवानों की मांग भी वाजिब है. पिछली सरकार के समय (CM Gehlot on OBC Reservation) टेक्निकली गलती हुई, पूरा सर्वे किया है. हमने 16 राज्यों में सर्वे करवाया है, जो फॉर्मूला है वह फार्मूला राजस्थान में भी लागू होगा. हम चाहते हैं कि सब डिस्कस करके फैसला करें. अन्याय पूर्व सैनिकों के साथ भी नहीं होगा और ओबीसी के साथ भी नहीं.
गहलोत ने कहा कि कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं, लेकिन भ्रम नहीं फैलाना चाहिए. उनकी मांग को (CM Gehlot Big Statement) हमने एग्जामिन करवाया है. पूर्व सैनिकों को लेकर अधिकारियों से बात भी की है. हम नहीं चाहते कि उनको भी नुकसान हो, क्योंकि उन्होंने देश के लिए सब कुछ न्योछावर किया है. अपनी जान की बाजी लगाकर सेना में भर्ती हुए हैं. दोनों पक्षों के साथ पूरा न्याय होगा, लेकिन मैं अपील करना चाहूंगा कि यह संवेदनशील मामला है. इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य के हित में, ओबीसी के नौजवानों के हित में और पूर्व सैनिकों के हित में फैसला होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले को जातिगत मुद्दा नहीं बनाया जाए, यह कोई जाट और राजपूत का मुद्दा नहीं है. सरकार सबके पक्ष में निर्णय लेगी और न्याय मिलेगा. गहलोत ने कहा कि उससे मुझे दुख हो रहा है कि इसे जाट-राजपूत का मुद्दा बनाया गया. जाट, राजपूत, गुर्जर और मीणा, कोई भी कम्युनिटी हो हमने राजस्थान में सबको नजदीक लाने का प्रयास किया.
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राजस्थान सीएम ने आगे कहा कि मैं पिछली बार मुख्यमंत्री बना था तो गुर्जर और मीणाओं का मौन जुलूस निकलवा कर शांति एकता करवाई थी. गहलोत ने कहा कि 50 साल पहले सुनते थे राजपूतों और जाटों में झगड़े होते थे. आज झगड़े नहीं होते. उनमें आपस में भाइचारा है. वह समय चला गया है, थोड़ा बहुत तो सब जातियों में चलता रहता है. हम नहीं चाहते किसी के बीच दूरियां बढ़े.