जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणाओं को धरातल पर उतारने का काम शुरू हो गया है. इस क्रम में रविवार को निजी स्कूलों में 12वीं कक्षा तक के छात्रों को भी निःशुल्क शिक्षा देने के संबंध में फीस पुनर्भरण के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई है. इसके तहत राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत अध्ययनरत छात्रों की फीस पुनर्भरण पर 46 करोड़ रुपए का खर्च होंगे.
चुनावी वर्ष में सीएम अशोक गहलोत ने युवाओं और छात्रों पर फोकस करते हुए बजट पेश किया और अब उन घोषणाओं को एक-एक करके स्वीकृति प्रदान की जा रही है. रविवार को स्कूली छात्रों को बड़ी राहत देते हुए सीएम अशोक गहलोत ने 12वीं तक के छात्रों को भी निशुल्क शिक्षा देने के लिए फीस का पुनर्भरण करने को लेकर 46 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं.
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राइट टू एजुकेशन के तहत अब तक छात्रों के लिए कक्षा 1 से 8 तक के निःशुल्क शिक्षा का प्रावधान था, लेकिन गहलोत सरकार ने पिछले बजट में राज्य सरकार के खर्चे पर छात्राओं के लिए निजी स्कूलों में आरटीई के तहत 12वीं तक की एजुकेशन को फ्री करने का प्रावधान किया. इसी क्रम में अब छात्रों को भी कक्षा 12वीं तक निजी विद्यालयों में प्रवेश लेने पर निशुल्क शिक्षा मिल सकेगी. राज्य सरकार की ओर से छात्रों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए ये फैसला लिया गया.
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सरकार की ओर से आरटीई का दायरा बढ़ाने के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न योजनाएं भी चलाई जा रही हैं. इनमें महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल, मुख्यमंत्री निःशुल्क यूनिफॉर्म योजना के साथ मिड-डे मील में दूध उपलब्ध कराने वाली मुख्यमंत्री बाल-गोपाल योजना शामिल है. बताया जा रहा है कि जल्द बाल गोपाल योजना के तहत भी जो दूध अब तक 2 दिन तक पिलाया जा रहा था वह सप्ताह में 6 दिन दिया जाएगा. इस संबंध में 10 अप्रैल को एक अहम बैठक भी होनी है.