जयपुर. लगभग 51 दिनों बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार को व्हीलचेयर छोड़ अपने पैरों पर खड़े हो गए हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज प्रदेश इलेक्शन कमेटी की बैठक में बिना किसी व्हीलचेयर के पहुंचे थे. हालांकि उनके स्टाफ ने सावधानी के तौर पर व्हीलचेयर साथ रखी थी, लेकिन स्टाफ उसे दूसरी गाड़ी में वापस लेकर लौट गया, हालांकि सीएम गहलोत के पैरों पर अब तक पट्टियां बंधी हुई हैं.
व्हीलचेयर के सहारे ही काम निपटाए : अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जल्द ही चुनावी दौरों पर निकलना शुरू करेंगे. आपको बता दें कि अशोक गहलोत के 29 जून को मुख्यमंत्री आवास पर स्लिप होकर गिर गए थे. इसके चलते उनके दोनों पैरों के अंगूठे में फ्रैक्चर हुआ था. अपने पैरों में लगी चोट को लेकर उन्होंने कई बार भाजपा नेताओं पर निशाना भी साधा था. उन्होंने कहा था कि भाजपा नेताओं ने उनकी चोट पर संवेदना जताने की जगह मजाक उड़ाया है. चोट के चलते बीते 2 महीनों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जयपुर में ज्यादातर समय मुख्यमंत्री आवास में ही रहे और उन्होंने व्हीलचेयर के सहारे ही सरकारी और चुनाव संबंधित काम निपटाए.
बीते 2 सप्ताह से सीएम गहलोत व्हीलचेयर से मुख्यमंत्री आवास के बाहर जाकर भी काम करना शुरू कर चुके थे. बांसवाड़ा में कांग्रेस की रैली, एसएमएस स्टेडियम में राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों का उद्घाटन और 15 अगस्त के कार्यक्रम में उन्होंने व्हीलचेयर के साथ ही शिरकत की थी. आज उन्होंने उसे व्हीलचेयर को पूरी तरह से त्याग दिया.