जयपुर. राजधानी में गुरुवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2020 के 13 वें संस्करण का आगाज हो चुका है. फेस्टिवल का उद्घाटन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया. इस दौरान कला एवं संस्कृति मंत्री बीड़ी कल्ला, मुख्य सचेतक महेश जोशी और राजीव अरोरा मौजूद रहे. मुख्यमंत्री गहलोत ने साहित्यकार बिज्जी की ओर से लिखी 'टाइमलेस टेल्स फ्रॉम मारवाड़' पुस्तक का विमोचन किया.
सीएम गहलोत ने मंच से प्रतिष्टित लेखक बिज्जी के बारे में कहा, कि बिज्जी की लोक कथाओं ने विशेष पहचान बनाई है. इनकी कथाओं में नैतिकता, प्रकृति और पर्यावरण को बचाने का संदेश मिलता है. उन्होंने कहा, कि बिज्जी राजस्थानी भाषा से लगाव रखते हैं, उनका पूरा साहित्य राजस्थानी भाषा मे किया गया है, जो गर्व की बात है.
सीएम ने कहा, कि साहित्य के महाकुंभ में आने वाले देश दुनिया के साहित्यकार और विचारक बेबाकी से देश के हालातों पर चर्चा करेंगे और इनकी चर्चाओं से कहीं ना कहीं भारत सरकार में बैठे लोगों तक संदेश पहुंचेगा. उन्होंने कहा, कि देश की मौजूदा स्थिति पर चर्चा होना जरूरी है.
पढ़ें- अस्पतालों में जरूरी सुविधाओं, उपकरणों के लिए दानदाता करें सहयोगः मुख्यमंत्री गहलोत
सीएम गहलोत ने कहा, कि साहित्यकारों के लिए ये एक अच्छा मंच है, जहां पर साहित्यकार मन की बात करने के साथ-साथ काम की बात भी करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा, कि लोकतंत्र के अंदर आवाज नहीं दबानी चाहिए, असहमति को लोकतंत्र में स्पष्ट जगह मिलनी चाहिए. सीएम ने ये भी कहा, कि अगर लोकतंत्र के अंदर असहमति को राजद्रोह की श्रेणी में जगह देंगे तो ये लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है.
गहलोत ने जेएलएफ की तरह ही राजस्थान के साहित्यकारों के लिए भी अलग से साहित्य फेस्टिवल करने की घोषणा की. सीएम गहलोत ने कहा, कि सरकार का प्रयास है, कि सभी प्रतिभाओं को सम्मान मिले. गहलोत ने ये भी कहा, कि जयपुर लिटरेचर फेस्ट की शुरुआत 12 साल पहले हुई थी और मेरा सौभाग्य है, कि उस समय मैं राजस्थान का मुख्यमंत्री था.
गहलोत के मुताबिक फेस्टिवल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है. लोगों को पूरे सालभर जेएलएफ का इंतजार रहता है. जेएलएफ में अब तक 5 हजार से भी ज्यादा साहित्यकार और तीन लाख से ज्यादा साहित्य प्रेमी हिस्सा ले चुके हैं.