जयपुर. राजस्थान में 2 महीने में दूसरी बार सफाई कर्मचारी झाड़ू डाउन हड़ताल करने जा रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से सफाई कर्मचारी के 30 हजार पदों पर भर्ती की घोषणा के बाद पहले 13184 पदों पर भर्ती निकाली गई. जिसे सफाई कर्मचारियों के आंदोलन के चलते रोका गया और उसके बाद से अब तक भर्ती की संशोधित विज्ञप्ति जारी नहीं की गई. इससे खफा सफाई कर्मचारियों ने बीते दिनों स्वायत्त शासन विभाग को फाइनल अल्टीमेटम दिया था. वहीं सोमवार को सफाई कर्मचारियों ने आमसभा कर मंगलवार से सामूहिक कार्य बहिष्कार का एलान किया है.
प्रदेश में आखिरी बार 2018 में सफाई कर्मचारी पद पर आरक्षण पद्धति से भर्ती हुई थी, लेकिन इस बार वाल्मीकि समाज सफाई श्रमिक संघ, सफाई कर्मचारी भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने और 2018 से पहले संविदा या कॉन्ट्रैक्ट बेस पर काम करने वालों को प्राथमिकता देने की मांग पर अड़ा हुआ है. बीते दिनों स्वायत्त शासन विभाग की ओर से सफाई कर्मचारी के 13184 पदों की भर्ती विज्ञप्ति जारी की गई थी. जिसके बाद वाल्मीकि समाज ने खुलकर इसका विरोध किया था.
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मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार सभी 30000 पदों पर वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देते हुए भर्ती विज्ञप्ति जारी करने की मांग की थी. उस वक्त सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के चलते प्रदेश में सफाई व्यवस्था बिगड़ने के कारण विभाग की ओर से भर्तियों को स्थगित करने का फैसला लिया गया. साथ ही आश्वस्त किया गया कि जल्द संशोधित विज्ञप्ति भी जारी की जाएगी. 1 महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद संशोधित भर्ती विज्ञप्ति जारी नहीं की गई. जिससे गुस्साए सफाई कर्मचारियों ने एक बार फिर हड़ताल पर जाने का एलान किया है.
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वाल्मीकि समाज के जयपुर में करीब 6 हजार से ज्यादा सफाई कर्मचारी हैं. इसके अलावा प्रदेश के अन्य प्रमुख जिलों में भी इस हड़ताल का असर देखने को मिलेगा. हालांकि अभी तक सफाई कर्मचारियों से किसी भी स्तर पर वार्ता नहीं की गई है. वहीं वाल्मीकि समाज सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने स्पष्ट कर दिया कि ना सिर्फ सफाई कर्मचारी बल्कि वाल्मीकि समाज से जुड़े हुए सफाई का कार्य करने वाले अन्य लोग भी हड़ताल का हिस्सा होंगे. हालांकि 2018 में भर्ती हुए अन्य जातियों के सफाई कर्मचारियों ने खुद को इस हड़ताल से दूर रखते हुए, शहर में उचित सफाई व्यवस्था बनाए रखने का दावा किया है.