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बच्चों को बंधक बना श्रम कराने का मामला, कोर्ट ने सुनाई 14 साल की सजा - Rajasthan Hindi news

बच्चों को बंधक बनाकर उनसे बाल श्रम कराने के आरोप में कोर्ट ने अभियुक्त को 14 साल की (Children being forced to work as hostages) सजा और 2.16 लाख के अर्थदंड से दंडित किया है.

Children being forced to work as hostages
Children being forced to work as hostages
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Published : Dec 20, 2022, 8:45 PM IST

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-6 महानगर द्वितीय ने बच्चों को बंधक बनाकर उनसे बाल श्रम कराने (Children forced to work in Jaipur) वाले मिथिलेश कुमार को 14 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 2 लाख 16 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि 4 सितंबर 2019 को जालुपुरा थाना पुलिस को बचपन बचाओ आंदोलन के प्रोजेक्ट मैनेजर से सूचना मिली थी कि संसार चंद रोड के एक मकान में नाबालिग बच्चों से श्रम कराया जा रहा है. सूचना पर पुलिस ने मकान में दबिश दी. यहां अभियुक्त 12 बच्चों से जबरन चूड़ियां बनवाने का काम करता हुआ मिला.

पढ़ें. मासूमों से बाल श्रम कराने वाले अभियुक्त भाइयों को 14 साल की सजा

बच्चों ने पूछताछ में बताया कि अभियुक्त छह माह पहले उन्हें गांव से जयपुर घुमाने के नाम पर लाया था. यहां लाने के बाद अभियुक्त ने उन्हें जबरन चूड़ी बनाने के काम में लगा दिया. अभियुक्त उनसे सुबह 9 बजे से रात 11 बजे तक चूडियां बनवाता है. यदि कोई बच्चा कम काम करता है या काम करने से मना करता है तो अभियुक्त उससे मारपीट भी करता है. इसके अलावा उन्हें एक कमरे में रखा जाता है और बाहर भी नहीं जाने दिया जाता. इस पर अदालत ने पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-6 महानगर द्वितीय ने बच्चों को बंधक बनाकर उनसे बाल श्रम कराने (Children forced to work in Jaipur) वाले मिथिलेश कुमार को 14 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 2 लाख 16 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि 4 सितंबर 2019 को जालुपुरा थाना पुलिस को बचपन बचाओ आंदोलन के प्रोजेक्ट मैनेजर से सूचना मिली थी कि संसार चंद रोड के एक मकान में नाबालिग बच्चों से श्रम कराया जा रहा है. सूचना पर पुलिस ने मकान में दबिश दी. यहां अभियुक्त 12 बच्चों से जबरन चूड़ियां बनवाने का काम करता हुआ मिला.

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बच्चों ने पूछताछ में बताया कि अभियुक्त छह माह पहले उन्हें गांव से जयपुर घुमाने के नाम पर लाया था. यहां लाने के बाद अभियुक्त ने उन्हें जबरन चूड़ी बनाने के काम में लगा दिया. अभियुक्त उनसे सुबह 9 बजे से रात 11 बजे तक चूडियां बनवाता है. यदि कोई बच्चा कम काम करता है या काम करने से मना करता है तो अभियुक्त उससे मारपीट भी करता है. इसके अलावा उन्हें एक कमरे में रखा जाता है और बाहर भी नहीं जाने दिया जाता. इस पर अदालत ने पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.

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