जयपुर. डीजीपी एमएल लाठर के रिटायरमेन्ट के बाद ही दोपहर 2 बजे के बाद राजस्थान पुलिस परिवार को उनका नया मुखिया मिल जाएगा (New DGP Umesh Mishra). 1989 बैच के आईपीएस ऑफिसर उमेश मिश्रा आज दोपहर बाद राजस्थान पुलिस के 35वें डीजीपी का पदभार ग्रहण करेंगे. उमेश मिश्रा को आज दोपहर में लाठर डीजीपी का चार्ज देंगे. डीजीपी का पदभार ग्रहण करने के बाद उमेश मिश्रा के सामने 7 सबसे बड़ी चुनौतियां होेंगी और उनमें से सबसे पहले नंबर पर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव होंगे.
हालांकि डीजी इंटेलिजेंस के पद पर रहते हुए उमेश मिश्रा इन आने वाली चुनौतियों से अच्छी तरह से परिचित है और उम्मीद यही जताई जा रही है कि इन तमाम चुनौतियों से निपटने के लिए उमेश मिश्रा ने पहले से प्लानिंग कर रखी होगी.
यह रहेंगी चुनौतियां
- डीजीपी का पदभार ग्रहण करने के बाद उमेश मिश्रा के सामने सात चुनौतियों में से पहले नंबर की चुनौती होगी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव. चुनाव में हवाला का पैसा और अवैध शराब को काबू करना ही सबसे बड़ी चुनौती होगी.
- दूसरी सबसे बड़ी चुनौती होगी हथियार माफिया, खनन माफिया, ड्रग्स माफिया समेत अन्य माफिया व अपराध को काबू करना.
- तीसरी बड़ी चुनौती रहेगी महिला संबधी अपराध को बढने से रोकना, इनमें छोटी बच्चियों के साथ होने वाले यौन अत्याचार भी शामिल हैं.
- डीजीपी मिश्रा के लिए चौथी चुनौती होगी आने वाले दो साल के दौरान दस हजार से भी ज्यादा नए पुलिसकर्मियों की भर्ती बिना किसी विवाद के कराना.
- पांचवी चुनौती साइबर अपराध पर नियंत्रण होने वाली है.
- छठी चुनौती है पुलिस बेड़े में व्यापक भ्रष्टाचार को काबू करना. राजस्थान पुलिस हर साल रिश्वत लेने के मामले में टॉप तीन विभागों में शामिल रहती है.
- सातवीं और सबसे अहम चुनौती होने वाली है प्रदेश में होने वाले सड़क हादसों को काबू करना. हर डीजीपी नए साल के मौके पर प्रदेश में होने वाले सड़क हादसों को काबू करने के लिए शपथ लेते हैं, लेकिन इस शपथ पर काम नहीं हो पाता. हर साल सड़क हादसे बढ़ रहे हैं, इस साल अब तक करीब दस हजार से भी ज्यादा लोगों की सड़क हादसों में मौत हो चुकी है.
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