जयपुर. देश हो या प्रदेश कोरोना संक्रमण का असर हर जगह और हर क्षेत्र में दिखाई दे रहा है. आर्थिक हालात भी सबके सामने है लेकिन एक और कोरोना देश की अर्थव्यवस्था पर चोट कर रहा है, वहीं दूसरी ओर इसका अवैध खनन पर एक सकारात्मक असर भी देखने को मिला.
सरकारें अब तक जहां अपने पुरजोर प्रयास के बावजूद प्रदेश में अवैध खनन रोकने में नाकाम थी. वहीं कोरोना के कारण प्रदेश में अवैध खनन पर ब्रेक लगा दिए हैं. हालात यह है कि जहां बीते साल 2019-2020 में 13,229 अवैध खनन के प्रकरण सामने आए थे. इस साल अगस्त 2020-2021 में अवैध खनन के प्रकरण घटकर 3800 और रह गए हैं. हालांकि अभी साल समाप्त होने में करीब 7 महीने बाकी हैं.
आपको बता दें की अवैध खनन के मामलों में कमी चुनावी साल 2017-2018 में देखी गई थी, जब 7554 मामले अवैध खनन के दर्ज किए गए थे. उस साल कांग्रेस पार्टी ने अवैध खनन को चुनावी मुद्दा बनाया था. ऐसे में प्रशासन भी ज्यादा मुस्तैद था. लेकिन प्रशासन की मुस्तैदी से भी ज्यादा कोरोना ने अवैध खनन पर चोट की है.
हालांकि दर्ज हुए मामलों की बात की जाए तो चुनावी साल 2017-18 में 253 एफआईआर दर्ज की गई थी. जबकि साल 2020-21 में दर्ज FIR की संख्या 262 है. यानी अवैध खनन के प्रकरण भी इस साल कम सामने आए हैं और उन पर एफआईआर भी पहले की तुलना में ज्यादा दर्ज हुई है.
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गैरतलब है कि चुनावी साल 2017-18 में 7554 अवैध खनन के प्रकरण सामने आए थे. जिनमें 253 एफआईआर दर्ज की गई थी और 7283 वाहन और मशीनों को जब्त किया गया था. जिसमें विभाग ने 43.13 करोड़ की वसूली की थी. लेकिन प्रदेश में सरकार बनने के साथ ही साल 2018-2019 में अवैध खनन प्रकरण के मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी आई और 16,856 अवैध खनन के प्रकरण सामने आए. इनमें 1854 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई और 17,389 वाहन और मशीनों को जप्त किया गया. वहीं विभाग ने 105.2 करोड़ की वसूली भी की.
इसी तरह साल 2019-20 की बात की जाए तो 13,229 मामले अवैध खनन के सामने आए जिनमें 930 एफआईआर दर्ज की गई और 13,355 अवैध खनन में लगे वाहनों और मशीनों को जब्त किया गया. जिसमें विभाग ने 85.42 करोड़ की वसूली भी की.
इस साल जब कोरोना वायरस के असर के चलते अवैध खनन के प्रकरण घटकर महज 3,803 रह गए हैं, जिनमें 262 FIR दर्ज की गई है और 380 अवैध खनन में लगी मशीनों और वाहनों को जब्त किया गया है. इसमें विभाग ने 26.10 करोड़ रुपये वसूल किए हैं.