कोटपूतली (जयपुर). क्षेत्र में बड़े ही दुर्भाग्य की बात है, जहां राज्य सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधि विकास के बड़े-बड़े वादे तो करते हैं, लेकिन धरातल पर परिणाम कुछ और ही होते हैं. ऐसा ही एक नजारा कोटपूतली में देखने को मिला, जहां डिपो जयपुर ग्रामीण का सबसे बड़ा बस है. बावजूद इसके यहां बस स्टैंड नहीं है, जिसके कारण बसों के ठहराव को लेकर यात्री जनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. शहर में चारों तरफ जाम की स्थिति बनी रहती है.
यही नहीं ना तो यहां यात्रियों के लिए कोई टिकट काउंटर है और ना ही किसी प्रकार की कोई सुविधा है. जयपुर ग्रामीण का सबसे बड़ा कस्बा होने के बावजूद यहां परिवहन व्यवस्था देखी जाए तो स्थिति बद से बदतर है. इसके बाद भी ना तो किसी प्रशासनिक अधिकारी की और ना ही किसी जनप्रतिनिधि की इस पर नजर पड़ती है.
स्थानीय बस डिपो प्रबंधक का कहना है कि समस्या है, लेकिन समाधान नहीं निकल पा रहा है. प्रशासनिक तंत्र को बार-बार अवगत कराने के बावजूद और जनप्रतिनिधियों को बताने के बावजूद भी कोई हल नहीं निकल रहा है. जिसके कारण यात्रियों को भी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, जबकि डिपो पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन में अव्वल है और सुविधाओं के नाम पर जीरो है.
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यात्रियों का कहना है कि कोटपूतली जयपुर दिल्ली के बीच बड़ा कस्बा होने के बावजूद यात्रियों को चलती बसों में से उतरने को मजबूर होना पड़ता है, बसों के पीछे भागने को मजबूर होना पड़ता है, यहां तक कि बैठने की भी कोई सुविधा नहीं है. प्रबंधक ने बताया कि कोटपूतली बस डिपो में अभी 63 बसे हैं और यात्रियों का भार भी काफी रहता है. उच्च अधिकारियों को बार-बार अवगत करवाने के बावजूद बस स्टैंड का समाधान नहीं हो पा रहा है.