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विधानसभा में राजस्थानी में बोले BJP MLA, राजस्थान स्थापना दिवस 30 मार्च को नहीं, बल्कि...

भाजपा विधायक जोगेश्वर गर्ग ने सोमवार को राजस्थान विधानसभा में कहा कि राजस्थान स्थापना दिवस (BJP MLA on Rajasthan foundation day) 30 मार्च को नहीं बल्कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को हुई.

BJP MLA Jogeshwar Garg in Assembly says, Rajasthan foundation day real date is different
विधानसभा में राजस्थानी में बोले BJP MLA, राजस्थान स्थापना दिवस 30 मार्च को नहीं, बल्कि...
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Published : Jan 30, 2023, 11:41 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को भाजपा विधायक जोगेश्वर गर्ग ने अपनी बात राजस्थानी भाषा में रखी और इसकी शुरुआत उन्होंने राजस्थान दिवस की तारीख 30 मार्च को नहीं होने की बात के साथ की. जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि हम राजस्थान दिवस 30 मार्च को इसलिए मनाते है क्योंकि उस दिन राजस्थान की स्थापना हुई. लेकिन राजस्थान की स्थापना 30 मार्च को नहीं, बल्कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को हुई थी. वह दिन इसलिए तय किया क्योंकि उस दिन चैत्र सुदी एकम नए साल का दिन था. संयोग यह था कि उस दिन 30 मार्च थी. अब हमें 30 मार्च याद रह गई, लेकिन वर्ष प्रतिपदा हम भूल गए. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार अंग्रेजी को प्रमोट करने की जगह हिंदी के बाद राजस्थानी भाषा को राजभाषा घोषित करे ताकि राजस्थानी लोगों को इसका लाभ मिले.

विधायक जोगेश्वर गर्ग ने राजस्थानी में अपनी बात रखते हुए चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना और वसुंधरा सरकार के समय लघु भामाशाह योजना की तुलना की. उन्होंने कहा कि भामाशाह स्वास्थ्य योजना राजस्थान में लागू हुई थी. इसको मॉडल मानकर भारत सरकार ने आयुष्मान भारत योजना लागू की. आयुष्मान भारत योजना पूरे देश में लागू है, केवल राजस्थान में ही लागू नहीं. क्योंकि भामाशाह योजना लागू करते तो वसुंधरा का नाम हो जाता और आयुष्मान भारत योजना लागू करते तो मोदी का नाम हो जाता. ऐसे में चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना नाम से नई योजना लागू की गई. गर्ग ने कहा कि इसमें थोड़ा बहुत फायदा तो मिला, लेकिन प्रवासी भारतीय जो कमाई के लिए बाहर गए हुए उनके वोटर आईडी राजस्थान के हैं. वह अपना इलाज दूसरे राज्य में नहीं करवा सकते.

पढ़ें: Rajasthan Budget Session 2023 : सदन में गूंजा किरोड़ी के धरने का मुद्दा, वेल में आए विधायक, कहा- सरकार नहीं ले रही सुध

केसीसी घटाकर कर दी 1.5 लाख से 25 हजार: जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस सरकार की ऋण माफी पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि सरकार एक बैंक का नाम बता दे जिसमें किसान का कर्जा माफ हुआ हो. एक किसान का नाम बता दो जिसके 2 लाख माफ हुए हों. सिर्फ ग्राम सेवा सहकारी समिति का पैसा माफ हुआ वो भी 12, 15, 20 या 25 हजार. उन्होंने कहा कि राजस्थान के किसानों को जो परेशानी हुई उसका उदाहरण मैं खुद हूं. जिसे पहले केसीसी में ऋण माफी से पहले 1 लाख 25000 मिलते थे.

पढ़ें: Crops Damaged in Rajasthan: राज्य में बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान, कृषि मंत्री ने पेश की प्रारंभिक रिपोर्ट

ऋण माफी योजना लागू हुई जिसका मुझे लाभ नहीं मिला. लेकिन जब केसीसी का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन वापस शुरू हुआ, उसमें ऋण सीमा तो रखी गई 125000 लेकिन पहली बार मुझे मिले 25000, दूसरी बार में 10% बढ़ाकर 27000 और तीसरी बार में 30,000. सरकार ने यह नई मुसीबत किसानों के सामने खड़ी कर दी. क्योंकि जो किसान डेढ़ लाख रुपए का एंटाइटल है उसे 25 से 30 हजार रुपए मिले. तो फिर वह बाकी पैसा गहने गिरवी रख कर लाने को मजबूर है.

पढ़ें: Rajasthan Vidhansabha 2023: सदन में फिर उठा मंत्रियों के 'गायब' होने का मुद्दा, स्पीकर ने बुलाई बैठक

जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि यह दावा किया जा रहा है कि राजस्थान विद्युत उत्पादन में आत्मनिर्भर है. 23489 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है. अगर ऐसा है तो फिर वह बिजली गई कहां? किसानों को क्यों नहीं मिल रही, घरों में क्यों नहीं मिल रही, कटौती क्यों करनी पड़ रही है, कारखाने बंद क्यों पड़े हैं, सरकार इसका जवाब दे. वहीं सरकार की इंदिरा रसोई योजना पर भी उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा कि भाजपा सरकार 8 रुपए की थाली देती थी जिसमें 32 रुपए अनुदान देती थी. जबकि इंदिरा रसोई में सरकार 8 रुपए की थाली तो देती है, लेकिन उसे 25 रुपए की थाली मिलती है. जिससे साफ पता लगता है कि उसमें क्वालिटी क्या है.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को भाजपा विधायक जोगेश्वर गर्ग ने अपनी बात राजस्थानी भाषा में रखी और इसकी शुरुआत उन्होंने राजस्थान दिवस की तारीख 30 मार्च को नहीं होने की बात के साथ की. जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि हम राजस्थान दिवस 30 मार्च को इसलिए मनाते है क्योंकि उस दिन राजस्थान की स्थापना हुई. लेकिन राजस्थान की स्थापना 30 मार्च को नहीं, बल्कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को हुई थी. वह दिन इसलिए तय किया क्योंकि उस दिन चैत्र सुदी एकम नए साल का दिन था. संयोग यह था कि उस दिन 30 मार्च थी. अब हमें 30 मार्च याद रह गई, लेकिन वर्ष प्रतिपदा हम भूल गए. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार अंग्रेजी को प्रमोट करने की जगह हिंदी के बाद राजस्थानी भाषा को राजभाषा घोषित करे ताकि राजस्थानी लोगों को इसका लाभ मिले.

विधायक जोगेश्वर गर्ग ने राजस्थानी में अपनी बात रखते हुए चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना और वसुंधरा सरकार के समय लघु भामाशाह योजना की तुलना की. उन्होंने कहा कि भामाशाह स्वास्थ्य योजना राजस्थान में लागू हुई थी. इसको मॉडल मानकर भारत सरकार ने आयुष्मान भारत योजना लागू की. आयुष्मान भारत योजना पूरे देश में लागू है, केवल राजस्थान में ही लागू नहीं. क्योंकि भामाशाह योजना लागू करते तो वसुंधरा का नाम हो जाता और आयुष्मान भारत योजना लागू करते तो मोदी का नाम हो जाता. ऐसे में चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना नाम से नई योजना लागू की गई. गर्ग ने कहा कि इसमें थोड़ा बहुत फायदा तो मिला, लेकिन प्रवासी भारतीय जो कमाई के लिए बाहर गए हुए उनके वोटर आईडी राजस्थान के हैं. वह अपना इलाज दूसरे राज्य में नहीं करवा सकते.

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केसीसी घटाकर कर दी 1.5 लाख से 25 हजार: जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस सरकार की ऋण माफी पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि सरकार एक बैंक का नाम बता दे जिसमें किसान का कर्जा माफ हुआ हो. एक किसान का नाम बता दो जिसके 2 लाख माफ हुए हों. सिर्फ ग्राम सेवा सहकारी समिति का पैसा माफ हुआ वो भी 12, 15, 20 या 25 हजार. उन्होंने कहा कि राजस्थान के किसानों को जो परेशानी हुई उसका उदाहरण मैं खुद हूं. जिसे पहले केसीसी में ऋण माफी से पहले 1 लाख 25000 मिलते थे.

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ऋण माफी योजना लागू हुई जिसका मुझे लाभ नहीं मिला. लेकिन जब केसीसी का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन वापस शुरू हुआ, उसमें ऋण सीमा तो रखी गई 125000 लेकिन पहली बार मुझे मिले 25000, दूसरी बार में 10% बढ़ाकर 27000 और तीसरी बार में 30,000. सरकार ने यह नई मुसीबत किसानों के सामने खड़ी कर दी. क्योंकि जो किसान डेढ़ लाख रुपए का एंटाइटल है उसे 25 से 30 हजार रुपए मिले. तो फिर वह बाकी पैसा गहने गिरवी रख कर लाने को मजबूर है.

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जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि यह दावा किया जा रहा है कि राजस्थान विद्युत उत्पादन में आत्मनिर्भर है. 23489 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है. अगर ऐसा है तो फिर वह बिजली गई कहां? किसानों को क्यों नहीं मिल रही, घरों में क्यों नहीं मिल रही, कटौती क्यों करनी पड़ रही है, कारखाने बंद क्यों पड़े हैं, सरकार इसका जवाब दे. वहीं सरकार की इंदिरा रसोई योजना पर भी उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा कि भाजपा सरकार 8 रुपए की थाली देती थी जिसमें 32 रुपए अनुदान देती थी. जबकि इंदिरा रसोई में सरकार 8 रुपए की थाली तो देती है, लेकिन उसे 25 रुपए की थाली मिलती है. जिससे साफ पता लगता है कि उसमें क्वालिटी क्या है.

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