जयपुर. भीलवाड़ा जिले के कोटड़ी में एक मासूम नाबालिग बच्ची को दुष्कर्म के बाद भट्टी में जलाने के मामले पर प्रदेश की गहलोत सरकार अब चौतरफा घिर गई है. बीजेपी ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर तक उठा दिया है. प्रदेश की बदहाल कानून व्यवस्था और महिला-बच्चियों के साथ हो रही दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने गहलोत सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई. वहीं बीजेपी की राष्ट्रीय सचिव डॉ अलका गुर्जर भावुक हो गईं और उनके आंसू छलक पड़े.
प्रदेश का सीएम और गृह मंत्री निष्क्रिय ही नहीं अक्षमः अरुण चतुर्वेदी ने इस दौरान कहा कि दो दिन पहले भीलवाड़ा के कोटडी में जो घटना हुई है, उसने सबके दिलों को हिला दिया है. राजस्थान में खेत, खलिहान और पशुओं को संभालना पारंपरिक दृष्टि से सदियों से चला आ रहा है. उस दृष्टि से एक बच्ची पशुओं को चराने घर से निकलती है. शाम को रिपोर्ट की जाती है बेटी लापता है, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं होती. बाद में भट्टी में जली हुई हड्डियां मिलती हैं, यह सुनकर रूह कांप जाती है. राजस्थान का मुख्यमंत्री और गृहमंत्री आज पूरी तरह से निष्क्रिय ही नहीं बल्कि पूरी तरह से अक्षम भी है.
थाने और चौकियां गिरवी-चतुर्वेदी: चतुर्वेदी ने कहा कि इस सरकार से न्याय और कानून व्यवस्था की उम्मीद इसलिए भी नहीं कर सकते क्योंकि इनके कई मंत्रियों के बेटी और भतीजे महिला हिंसा और दुष्कर्म जैसे मामलों में शामिल हैं. चतुर्वेदी ने कहा कि जौहरी लाल के बेटे पर कोर्ट के आदेश के बाद मुकदमा दर्ज हुआ. हाल ही में बाबूलाल के भतीजे को लेकर भी इसी तरह का मामला सामने आया जिसमें भी पुलिस लगातार लीपापोती करती दिखी. चतुर्वेदी ने कहा कि राजस्थान की पुलिस क्राइम कंट्रोल और कानून व्यवस्था में पूरी तरह फेल हो गई है. ऐसा लगता है कि थानों और चौकियों को सत्ताधारी विधायकों और मंत्रियों के यहां गिरवी रख दिया, नीलाम कर दिया हो.
भावुक हुईं राष्ट्रीय सचिवः भाजपा की राष्ट्रीय सचिव अलका गुर्जर ने कहा कि आज बड़े भारी मन से आपके बीच आए हैं. प्रदेश में हो रही घटनाओं से मन दहल जाता है. लगातार रेप और उत्पीड़न के मामले सामने आ रहे है, लेकिन सरकार को सिर्फ अपनी कुर्सी की पड़ी है. 4 दिन पहले एक बच्ची की पानी की बोतल में यूरिन डाल दिया गया था, लेकिन शासन और प्रशासन मौन रहता है. अब तो हद हो गई एक तंदूर कांड हमने देखा था दिल्ली में, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज है और एक तंदूर कांड वीरों की धरती पर दो दिन पहले हुआ है. एक बच्ची को जिंदा जला दिया जाए, ये सब राजस्थान को कभी मंजूर नहीं.
इसी दौरान अलका गुर्जर भावुक हो जाती हैं और उनकी आंखों से आंसू छलक जाते हैं. अलका गुर्जर ने मुख्यमंत्री से कहा कि राजस्थान में जो जंगलराज है, उसको खत्म कर दीजिए. गुर्जर ने कहा कि जिस तरह से सीएम गहलोत महिलाओं को लेकर राजनीति कर रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि महिला का सम्मान कोई राजनितिक मुद्दा नहीं होता. शर्म आती है ऐसी राजनीति करने वालों पर.