बीकानेर. पूरी दुनिया में पर्यटन की दृष्टि से बीकानेर की पहचान बना अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव 9 से 12 जनवरी तक आयोजित होगा. अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव के माध्यम से वैश्विक टूरिज्म में बीकानेर को नई पहचान मिल रही है. इस आयोजन से स्थानीय कला और संस्कृति को जोड़ने और पर्यटन के लिहाज से बीकानेर को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो और यहां आने वाले सैलानी यहां की संस्कृति से रूबरू हो इसको लेकर सोमवार को अधिकारियों की बैठक हुई. अंतर्राष्ट्रीय ऊंट महोत्सव पर्यटन की दृष्टि से बीकानेर का एक बड़ा आयोजन है. इस साल 9 से 12 जनवरी तक इसका आयोजन होगा. हालांकि पर्यटन विभाग के लिहाज से 11 और 12 जनवरी को आयोजन है लेकिन स्थानीय जिला प्रशासन ने 9 और 10 जनवरी को आयोजन में 2 दिन और बढ़ा दिए और आयोजन को 4 दिन का करने का प्रयास किया है.
हर वर्ग को जोड़ने की कोशिश : ऊंट उत्सव की तैयारी के संबंध में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन ) डॉ. दुलीचंद मीना, अतिरिक्त जिला कलेक्टर (शहर) रमेश देव, सीईओ जिला परिषद सोहनलाल सहित पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने आयोजन से जुड़े विभिन्न विभागों तथा अन्य एजेंसियों के प्रतिनिधियों के साथ उत्सव की रूपरेखा के संबंध में विस्तार से चर्चा की. बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर डॉ. मीना ने कहा कि यहां के पारंपरिक वेशभूषा और खान-पान से जुड़े पक्ष भी इसमें शामिल किए जाएं. ADM सिटी रमेश देव ने कहा कि बीकानेर के विभिन्न सांस्कृतिक संगठनों को इस उत्सव के आयोजन में भागीदार बनाएं. स्थानीय कलाकारों को भी यहां मंच उपलब्ध हो सके इसके लिए नई गतिविधियां शामिल करें. सीईओ जिला परिषद सोहनलाल ने कहा की रायसर में होने वाले आयोजन के लिए सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था, सड़क मरम्मत इत्यादि समय पर करवा दिए जाएंगे. उन्होंने पुलिस से समस्त आयोजन स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्थाएं माकूल रखने को कहा. उपनिदेशक पर्यटन अनिल राठौड़ ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव का मुख्य आयोजन 11 और 12 जनवरी को होगा.
होंगे विभिन्न आयोजन : मुख्य आयोजन के पहले दिन 11 जनवरी को एनआरसीसी में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएगी. इनमें ऊंट नृत्य, फर कटिंग , ऊंट सजावट , ऊंट दौड़ घुड दौड़ सहित विभिन्न आयोजन होंगे. इसी दिन जूनागढ़ से करणी सिंह स्टेडियम तक शोभा यात्रा का आयोजन किया जाएगा. जिसमें स्थानीय लोक कलाकार सजे धजे ऊंटो पर शोभायात्रा का हिस्सा बनेंगे. एनसीसी ,एन एस एस के कैडेट्स सहित अन्य प्रतिभागी इसमें भागीदारी निभाएंगे. इसी दिन डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में पारंपरिक वेशभूषा आधारित शो मिस बीकानेर और ढोला मरवण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा. डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में रात को सांस्कृतिक संध्या में लोक कलाकारों द्वारा आकर्षक प्रस्तुतियां दी जाएगी.
धोरों में दूसरे दिन आयोजन : 12 जनवरी को मुख्य आयोजन रायसर में होगा, जहां ग्रामीण खेलों और विभिन्न प्रतियोगिताए आकर्षण का केन्द्र होंगे. इसके तहत पगड़ी बांधना, कुश्ती ,कबड्डी , खो खो, देसी विदेशी पर्यटकों के लिए साफा बांधना, मटका दौड़ सहित विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएगी. इन धोरों में ही सैंड आर्ट एग्जिबिशन, हैंडीक्राफ्ट, मेहंदी रंगोली प्रतियोगिता जैसे आयोजन होंगे. साथ ही यहां कैमल सफारी का आयोजन भी किया जाएगा. रायसर के धोरों में रात को फोक नाइट का आयोजन किया जाएगा जिसमें विभिन्न कलाकारों द्वारा आकर्षित प्रस्तुतियां दी जाएगी. साथ ही जसनाथजी सम्प्रदाय के प्रसिद्ध अग्नि नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी.
कल्चरल नाइट कार्यक्रम : बैठक में होटल फेडरेशन आफ राजस्थान के प्रतिनिधियों द्वारा जूनागढ़ परिसर में कल्चरल नाइट का आयोजन का प्रस्ताव दिया गया. यह आयोजन 9 तथा 10 जनवरी को कल्चरल नाइट के रूप में होगा. जिसमें स्थानीय पारंपरिक वेशभूषा , आभूषण आधारित फैशन शो और स्थानीय व्यंजनों आधारित स्टॉल्स आदि का प्रदर्शन होगा.