जयपुर. बीजेपी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए 41 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है. इसके जारी होने के साथ ही भाजपा में विरोध के स्वर भी उठने शुरू हो गए हैं. पार्टी ने इस बार पुराने प्रत्याशियों का टिकट काटकर नए प्रत्याशियों पर दांव खेला है. इनमें से एक सीट है झोटवाड़ा विधानसभा- जहां पर भाजपा ने जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को मैदान में उतारा है. राठौड़ का नाम सामने आने के साथ ही क्षेत्र में कुछ कार्यकर्ता उन्हें बाहरी बताते हुए उनका विरोध कर रहे हैं, राठौड़ के विरोध पर ईटीवी भारत ने जब उनसे बातचीत की तो उन्होंने कहा कि साल 1990 में जब मैं 21 साल का हुआ तब मैं पहली बार वैशालीनगर में अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. तभी से वह इसी झोटवाड़ा विधानसभा सीट के मतदाता हैं. तो बाहरी कैसे हो सकते हैं ? उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के कुछ फैसले से कई बार हम सभी सहमत नहीं होते, लेकिन यह भाजपा है. बीजेपी के हर कार्यकर्ता के लिए राष्ट्र सर्वोपरि है और उसी के लिए सभी मिल जुलकर काम करते हैं और करेंगे.
जो जिम्मेदारी मिली है उसे निभाऊंगा : कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि स्थानीय लोगों के बीच मैं तो पहले भी था, अब पार्टी ने नई जिम्मेदारी दी है. इसके लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का आभार जताता हूं कि उन्होंने मुझ पर विश्वास जताया है. मुझे यह मौका दिया है जिसे मैं पूरी ईमानदारी के साथ पूरा करूँगा. राठौड़ ने कहा कि 10 साल की राजनीति में मैंने अपने काम के जरिए इमेज बनाने की कोशिश की. भगवान का आशीर्वाद है कि मुझे अलग-अलग भूमिका को संभालने का मौका मिला. भारतीय सेना में रह कर देश की सेवा की, दुश्मन के सामने छाती तानकर खड़ा रहा. केंद्रीय मंत्री और सांसद रहते हुए राजस्थान की जनता की सेवा की. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो विश्वास जताया है उस पर खरा उतरना है. प्रदेश में डबल इंजन की सरकार बनानी है, जिससे राजस्थान का विकास होगा, सपनों का राजस्थान बनेगा.
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भ्रष्टाचार, महिला सुरक्षा और युवा बड़े मुद्दे होंगे : राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि जो बड़े मुद्दे हैं उसमें बेरोजगारी, महिला सुरक्षा, भ्रष्ट्राचार, किसान कर्ज माफी है. इन्ही मुद्दों को लेकर जनता के बीच में जाएंगे. उन्होंने कहा कि राजस्थान में जिस तरह से पेपर लीक हुए उसने युवाओं के सपनों को तोड़ा है. इन पांच साल में 19 से ज्यादा पेपर लीक हुए. महिला को सुरक्षा मुहैया कराने में सरकार नाकाम रही, आज बहन बेटियां घर से बाहर निकलने में डरती हैं. भ्रष्ट्राचार का खुला खेल चला, विधायकों को मुख्यमंत्री बना दिया जिन्होंने पांच साल प्रदेश की जनता को लूटा. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में जिस तरह की अराजकता का माहौल रहा उससे पूंजी निवेश नहीं हुआ. इंडस्ट्री के लिए जो माहौल चाहिए वह नहीं बन पाया. इस सरकार की तुष्टिकरण की नीतियों ने प्रदेश की आम आवाम के साथ धोखा किया. भ्रष्टाचारी और अलगाववादियों का आतंक राजस्थान में बना है, उसे भागना नहीं है बल्कि खत्म करना है, राजस्थान में भाजपा की सरकार बनेगी.
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1990 से वैशालीनगर में वोट डाल रहा हूं, बाहरी कैसे ? : राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि जो भी कह रहे हैं कि मैं बाहरी हूं क्या वह जानते नहीं है कि राजनीति में जिम्मेदारियां पार्टी तय करती है. जिम्मेदारी बदलती रहती है किसी के लिए पक्की नहीं होती है, मेरी खुद की पक्की नहीं है. यह भारतीय जनता पार्टी है जहां पर अलग-अलग कार्यकर्ताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी दी जाती है. रही बात मेरे बाहरी होने की तो 1990 से यहीं का वोटर हूं, 21 साल की उम्र में पहला वोट इसी झोटवाड़ा विधानसभा सीट के वैशालीनगर में किया था. वैशाली नगर के पोलिंग बूथ पर अभी भी मैं वोट कास्ट करता हूँ, मैं यहीं का मतदाता हूं तो बाहरी कैसे हो सकता हूं ? राठौड़ ने कहा कि बाहरी का तो सवाल ही नहीं, राजस्थान का हूं, सेना में रहा देश की सेवा की, खेलों में देश का नाम किया. उसके बाद राजनीति में आया हूं, 10 साल से जयपुर की जनता की सेवा कर रहा हूं. मेरे ऊपर ₹1 का भी दाग नहीं है.
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विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा थी : विधायक का टिकट मिलने के बाद राठौड़ ने पूछा कि क्या आप विधायक का चुनाव लड़ना चाहते थे ? क्या आपने पार्टी के सामने अपनी इच्छा जताई तो उन्होंने कहा कि मेरी परम इच्छा थी कि मुझे राजस्थान के अंदर जिस तरह का कुशासन 5 साल से चल रहा है. एक पीढ़ी बर्बाद कर दी गई, अलगाववादी और अपराधियों ने यहां अपना घर बनाया. उस राजस्थान की जनता को सुशासन देने के लिए विधानसभा का चुनाव लड़ूं. मुझे इसमें योगदान करने का अवसर मिला है. हालांकि पहले भी एक सांसद के रूप में जनता की सेवा की, लेकिन अब विधानसभा के जरिए जनता की सेवा करना चाहता हूं. राठौड़ ने कहा कि हमने खेलों के जरिए एक अलग से लाइन खींचने की कोशिश की. मुख्यमंत्री ग्रामीण और शहरी ओलंपिक की बात करते हैं, लेकिन मैं खुले में चुनौती देता हूं वह आ जाएं मेरे सामने और मुझसे बात करें कि उनके 5 साल के कार्यकाल में जो खेलों को लेकर काम हुए और हमने जो इन पांच सालों में गांव गांव में स्टेडियम बनाए, हमने निष्ठा के साथ प्रदेश की जनता की सेवा की है.