जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला भले ही भारतीय जनता पार्टी और सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के बीच हो, लेकिन प्रदेश में सक्रिय दूसरे छोटे राजनीतिक दल भी इन चुनाव में बराबर का दमखम लगा रहे हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में भी बसपा, आरएलपी, बीटीपी, सीपीएम और आरएलडी के प्रत्याशी विधानसभा में पहुंचे थे. इस बार भी दोनों बड़े दलों को इन छोटे दलों की कड़ी चुनौती मिल रही है. ये छोटे राजनीतिक दल बीजेपी-कांग्रेस के लिए मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं.
इस बार भी राजस्थान में अलग-अलग क्षेत्र में बीजेपी और कांग्रेस को छोटे राजनीतिक दलों के उम्मीदवार सीधी टक्कर देते दिख रहे हैं, जहां बहुजन समाज पार्टी पूर्वी राजस्थान में तो आरएलपी पश्चिमी राजस्थान और शेखावाटी की सीटों पर मजबूत दिख रही है. इसी तरह दक्षिणी राजस्थान में बीटीपी कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला बना रही है. वहीं, दिल्ली और पंजाब में सरकार बना चुकी आम आदमी पार्टी ने भी अपने प्रत्याशियों को राजस्थान के चुनावी मैदान में उतार कर दांव खेला है. इनके अलावा 12 नए दल चुनाव में उतरे हैं. यानी इस बार छोटे-बड़े कुल 58 राजनीतिक दल चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में राजनीतिक दलों और निर्दलीयों को मिलाकर 199 विधानसभा सीटों पर कुल 1862 प्रत्याशी मैदान में हैं. इनके भाग्य का फैसला 25 नवंबर को होगा.
छोटे राजनीतिक दल और प्रत्याशियों की संख्या :-
- बसपा : 185
- आप : 88
- आरएलपी : 78
- बीटीपी : 12
- एएसपी : 47
- बीएपी : 21
- सीपीएम : 17
- आरएलडी : 1
- जेजेपी : 25
- निर्दलीय : 730
विधानसभा चुनाव 2018 में राजनीतिक दलों का प्रदर्शन :
- बीजेपी : 73 सीट
- कांग्रेस : 100 सीट
- निर्दलीय : 13 सीट
- बसपा : 6 सीट
- आरएलपी : 3 सीट
- सीपीएम : 2 सीट
- बीटीपी : 2 सीट
- आरएलडी : 1 सीट
बता दें कि विधानसभा चुनाव 2018 में इन छोटे राजनीतिक दलों के चुनावी मैदान में आने के कारण कांग्रेस और बीजेपी के 15 उम्मीदवारों की तो जमानत भी जब्त हो गई थी. इनमें बीजेपी के 3 और कांग्रेस के 12 कैंडिडेट थे, जबकि छोटे राजनीतिक दलों के 90 फीसदी से ज्यादा कैंडिडेट अपनी जमानत नहीं बचा पाए थे. बावजूद इसके इस बार भी ये राजनीतिक दल सक्रिय हैं और कई विधानसभा सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला बनाते हुए करिश्मा दिखाने को तैयार हैं.