जयपुर. पूर्व उपराष्ट्रपति एवं मुख्यमंत्री स्व. भैरों सिंह शेखावत की नवीं पुण्यतिथि बुधवार को थी. इस अवसर पर विद्याधर नगर स्टेडियम के पास स्थित भैरों सिंह शेखावत स्मृति स्थल पर उनकी पुण्यतिथि पर एक सर्व धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. सर्वधर्म प्रार्थना सभा में स्व. भैरों सिंह शेखावत को श्रद्धांजलि देने कांग्रेस और भाजपा के दिग्गज नेता पहुंचे.
ये दिग्गज नेता पहुंचे श्रद्धांजलि देने
पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, पूर्व राजपरिवार के सदस्य देवराज सिंह, राज्यसभा सांसद रामकुमार वर्मा, मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ, विद्याधर नगर विधायक नरपत सिंह राजवी, जयपुर सांसद रामचरण बोहरा, ओंकार सिंह लखावत, पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत, आमेर विधायक सतीश पूनिया, महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा पहुंची थी. डीजीपी कपिल गर्ग, एडीजी बीएल सोनी, पूर्व महापौर एवं लोकसभा में कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति खंडेलवाल , पूर्व सांसद अश्क अली टाक, प्रताप सिंह सिंघवी, विधयक महादेव सिंह खंडेला भी भैरों सिंह शेखावत को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. इसके अलावा भारी संख्या में महिलाएं और साधु संत भी स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत को श्रद्धांजलि देने पहुंचे.
भैरो सिंह शेखावत के दामाद एवं विद्याधर नगर के विधायक नरपत सिंह राजवी ने कहा कि आज भैरों सिंह शेखावत की पुण्यतिथि पर भारी संख्या में लोग यहां उनको श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि वे सिंह शेखावत का लोगों से निजी संबंध थे. बड़ी संख्या में जो लोग यहां आए हैं यह उनका शेखावत जी के प्रति प्यार है.
वहीं स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत के नातिन एवं कार्यक्रम संयोजक अभिमन्यु सिंह राजवी ने कहा कि भैरों सिंह शेखावत को गए हुए 9 साल हो चुके हैं आज भी लोग उनको बहुत याद करते हैं यह उनके प्रति लोगों का प्यार है. इसी प्यार की वजह से प्रदेश भर में भी उनकी पुण्यतिथि पर कार्यक्रम हो रहे हैं. अभिमन्यु सिंह राजवी ने कहा कि आज उनको श्रद्धाजलि देने भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के नेता पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि भैरों सिंह शेखावत का जीवन दलगत राजनीति से ऊपर था. उस समय दोनों ही पार्टियों के नेता एक साथ बैठकर के जनता के काम करते थे. आज की युवा पीढ़ी को भी चाहिए कि वह उस समय के स्वर्णिम युग को वापस लौटाने का प्रयास करें.