ETV Bharat / state

आनंद मोहन रिहाई : राजस्थान IAS एसोसिएशन विरोध में उतरा, पीड़ित परिवार की मदद के लिए आगे आए ब्यूरोक्रेट्स, किया ये ऐलान

बिहार के चर्चित आनंद मोहन रिहाई मामले में अब राजस्थान आईएएस एसोसिएशन ने बड़ा निर्णय (Financial Assistance to family of G Krishnaiah) लिया है. उन्होंने पीड़ित परिवार को प्रत्येक सदस्य की ओर से 5000 हजार की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.

Bihar DM G Krishnaiah murder Case
Bihar DM G Krishnaiah murder Case
author img

By

Published : May 4, 2023, 12:36 PM IST

जयपुर. बिहार में पूर्व सांसद आनंद मोहन रिहाई के प्रकरण में राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी भी सक्रिय हुई है. राजस्थान आईएएस एसोसिएशन ने गुरुवार को पीड़ित परिवार की आर्थिक सहायता करने का बड़ा निर्णय लिया है. एसोसिएशन के प्रत्येक सदस्य की ओर से पीड़ित परिवार को 5000-5000 रुपए की आर्थिक सहायता राशि दी जाएगी, ताकि परिवार सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ सके. एसोसिएशन ने कहा कि यह पीड़ित परिवार को आर्थिक संबल देने के लिए लिया गया निर्णय है.

5 हजार की आर्थिक सहायता : उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार के बाद अब राजस्थान आईएएस एसोसिएशन ने आईएएस कृष्णैया की नृशंस हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन को रिहा किए जाने के फैसले पर आपत्ति दर्ज कराई है. बैठक में बिहार सरकार के फैसले की निंदा की गई. साथ ही पीड़ित परिवार को आगे न्याय की लड़ाई लड़ने के लिए आर्थिक सहायता का प्रस्ताव रखा, जिसे कोर ग्रुप की और से सहमति दी गई. एसोसिएशन निर्णय के अनुसार प्रत्येक सदय 5-5 हजार रुपए की आर्थिक सहायता करेगा.

पढ़ें. Anand Mohan Released: DM हत्याकांड में सजायाफ्ता आनंद मोहन जेल से रिहा, पत्नी बोलीं- '15 बरस का इंतजार खत्म हुआ'

बाहुबली नेता हैं आनंद मोहन : बता दें कि बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन को जेल से रिहा कर दिया गया है. आनंद मोहन आईएएस अधिकारी कृष्णैया की नृशंस हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उम्रकैद की सजा काट रहा था. पिछले दिनों बिहार की नीतीश सरकार ने कारा अधिनियम में बदलाव करके आनंद मोहन सहित 27 कैदियों को रिहा कर दिया था. आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया के परिवार के साथ देश भर के आईएएस एसोसिएशन ने लगातार नीतीश सरकार के इस फैसले पर विरोध जताया है. आनंद मोहन की रिहाई पर एसोसिएशन ने कहा कि यह पीड़ित परिवार के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए अन्याय है.

आईएएस हत्याकांड : दरअसल, मामला साल 1994 का है. मुजफ्फरपुर के गैंगस्टर छोटन शुक्ला की शव यात्रा के दौरान आईएएस अधिकारी कृष्णैया की हत्या कर दी गई थी. आनंद मोहन को गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी कृष्णैया की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था. स्थानीय अदालत ने आनंद मोहन को अक्टूबर 2007 में मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन मोहन ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. इस पर दिसंबर 2008 में पटना हाई कोर्ट ने मृत्युदंड को उम्रकैद में बदल दिया था. इसके बाद से आनंद मोहन जेल की सलाखों के पीछे सजा काट रहा था.

जयपुर. बिहार में पूर्व सांसद आनंद मोहन रिहाई के प्रकरण में राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी भी सक्रिय हुई है. राजस्थान आईएएस एसोसिएशन ने गुरुवार को पीड़ित परिवार की आर्थिक सहायता करने का बड़ा निर्णय लिया है. एसोसिएशन के प्रत्येक सदस्य की ओर से पीड़ित परिवार को 5000-5000 रुपए की आर्थिक सहायता राशि दी जाएगी, ताकि परिवार सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ सके. एसोसिएशन ने कहा कि यह पीड़ित परिवार को आर्थिक संबल देने के लिए लिया गया निर्णय है.

5 हजार की आर्थिक सहायता : उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार के बाद अब राजस्थान आईएएस एसोसिएशन ने आईएएस कृष्णैया की नृशंस हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन को रिहा किए जाने के फैसले पर आपत्ति दर्ज कराई है. बैठक में बिहार सरकार के फैसले की निंदा की गई. साथ ही पीड़ित परिवार को आगे न्याय की लड़ाई लड़ने के लिए आर्थिक सहायता का प्रस्ताव रखा, जिसे कोर ग्रुप की और से सहमति दी गई. एसोसिएशन निर्णय के अनुसार प्रत्येक सदय 5-5 हजार रुपए की आर्थिक सहायता करेगा.

पढ़ें. Anand Mohan Released: DM हत्याकांड में सजायाफ्ता आनंद मोहन जेल से रिहा, पत्नी बोलीं- '15 बरस का इंतजार खत्म हुआ'

बाहुबली नेता हैं आनंद मोहन : बता दें कि बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन को जेल से रिहा कर दिया गया है. आनंद मोहन आईएएस अधिकारी कृष्णैया की नृशंस हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उम्रकैद की सजा काट रहा था. पिछले दिनों बिहार की नीतीश सरकार ने कारा अधिनियम में बदलाव करके आनंद मोहन सहित 27 कैदियों को रिहा कर दिया था. आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया के परिवार के साथ देश भर के आईएएस एसोसिएशन ने लगातार नीतीश सरकार के इस फैसले पर विरोध जताया है. आनंद मोहन की रिहाई पर एसोसिएशन ने कहा कि यह पीड़ित परिवार के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए अन्याय है.

आईएएस हत्याकांड : दरअसल, मामला साल 1994 का है. मुजफ्फरपुर के गैंगस्टर छोटन शुक्ला की शव यात्रा के दौरान आईएएस अधिकारी कृष्णैया की हत्या कर दी गई थी. आनंद मोहन को गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी कृष्णैया की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था. स्थानीय अदालत ने आनंद मोहन को अक्टूबर 2007 में मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन मोहन ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. इस पर दिसंबर 2008 में पटना हाई कोर्ट ने मृत्युदंड को उम्रकैद में बदल दिया था. इसके बाद से आनंद मोहन जेल की सलाखों के पीछे सजा काट रहा था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.