झोटवाड़ा (जयपुर). देशभर में कोरोना वायरस का असर तेजी से बढ़ रहा है. कोरोना का साया सभी तीज और त्योहारों पर भी नजर आने लगा है. रविवार को देश भर में मोहर्रम का पर्व मनाया जा रहा है. इसे गम का महीना भी कहा जाता है. पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद के नाती हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मुस्लिम समाज खासकर शिया समुदाय इस दिन मातम मनाता है और जुलूस निकाला जाता है. मोहर्रम की 1 तारीख से लेकर 10 तारीख तक मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा भी रखते हैं.
राजधानी जयपुर के झोटवाड़ा में हर साल मोहर्रम का ताजिया निकाला जाता है. लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार मोहर्रम का ताजिया नहीं निकाला गया. ताजिया कमेटी सदर मुंशी खां पहल ने बताया कि इस साल कोरोना महामारी को देखते हुए मोहर्रम नहीं निकालने का निर्णय सरकार की ओर से लिया गया है.
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हर साल मोहर्रम का ताजिया झोटवाड़ा के बरकत कॉलोनी चौराहा पर रखा जाता था. यहां पर हजारों की तादाद में मुस्लिम समुदाय के लोग इकट्ठा होते थे और यहां से मोहर्रम का ताजिया ढोल और ताशों के साथ मातम मनाते हुए निकाला जाता था. लेकिन इस बार मोहर्रम का ताजिया झोटवाड़ा कब्रिस्तान के सामने रखा गया. यहीं से फातिहा और निशान चढ़ाने जैसे कार्यक्रम शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए किए गए हैं. इसी कब्रिस्तान में हर साल की तरह मोहर्रम के ताजिए को सुपुर्द-ए- खाक किया जाएगा.