जयपुर. शहर के बिड़ला सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह में राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान एक साथ शुरू हुए. मंच से राष्ट्रगीत की सूचना होने के बावजूद समारोह में मौजूद कई लोग म्यूजिक सिस्टम में चल रहे राष्ट्रगान के साथ स्वर मिलाने लगे. हालांकि शिक्षा विभाग की इस लापरवाही को सीएम से लेकर विभागीय मंत्री ने भी नजरअंदाज कर दिया.
राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान में क्या अंतर है, वंदे मातरम राष्ट्रगीत है या राष्ट्रगान, जन गण मन राष्ट्रगान है या राष्ट्र गीत, इन सवालों के जवाब को लेकर बहुत से लोग कंफ्यूज रहते हैं लेकिन हैरानी तब होती है, जब शिक्षा विभाग से जुड़े किसी कार्यक्रम में भी इस तरह का कंफ्यूजन की स्थिति देखने को मिले.
राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह में कुछ ऐसा ही हाल देखने को मिला. जहां कार्यक्रम की शुरुआत में मंच से राष्ट्रगीत की सूचना मिली लेकिन कई लोग म्यूजिक सिस्टम पर शुरू हुए राष्ट्रगान के साथ स्वर मिलाने लगे. हालात ये थे कि एक ही समय पर राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान की धुन और बोल साथ सुनाई दे रहे थे.
इस दौरान मंच पर राज्य के मुखिया अशोक गहलोत, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी और संस्कृत शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग मौजूद थे. एक पल के लिए तो ये सभी मंत्री भी मंच पर चुपचाप खड़े रहे. हालांकि बाद में इसमें सुधार हुआ लेकिन तब तक राष्ट्रगीत वंदे मातरम लगभग आधा हो चुका था. बहरहाल, आम जनता से भी इस तरह की गलती की अपेक्षा नहीं रहती. जो आज शिक्षा विभाग से जुड़े राज्य स्तरीय समारोह के दौरान देखने को मिली.