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Benefits of Millets : आम जनता को मोटे अनाज के उपयोग के लिए जागरूक करेंगे NCC कैडेट्स

जनता को मोटे अनाज के उपयोग के लिए एनसीसी कैडेट्स लोगों को (Benefits of Millets) जागरूक करेंगे. मंगलवार को जयपुर में हुए एक कार्यक्रम के दौरान मिलेट्स के पोषक गुण एवं स्वास्थ्य संबंधी फायदों पर चर्चा की गई. यहां जानिए और क्या हुआ खास...

New Role of NCC Cadets
आम जनता को मोटे अनाज के उपयोग के लिए जागरूक करेंगे NCC कैडेट्स
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Published : Mar 14, 2023, 7:04 PM IST

जयपुर. प्रथम राजस्थान बटालियन एनसीसी के अंतर्गत आने वाले कृषि महाविद्यालय जोबनेर में अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के अवसर पर (Awareness About Millets) मिलेट्स के पोषक गुण एवं स्वास्थ्य संबंधी फायदों पर मंगलवार को एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम में एनसीसी कैडेट्स को मोटे अनाज के उपयोग के फायदे बताए गए और इसके लिए आम जनता को भी प्रेरित करने के लिए जागरूक किया.

कार्यक्रम में श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि महाविद्यालय जोबनेर, राजकीय महाविद्यालय सांभरलेक, श्री कर्ण नरेन्द्र राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जोबनेर, राजकीय उच्च महाविद्यालय सांभरलेक, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय फुलेरा के एनसीसी कैडेट्स ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया लिया. कार्यक्रम की शुरुआत में एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेट डॉ. बी. एल. दुधवाल ने कार्यक्रम और अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के बारे में बताया. उन्होंने कार्यक्रम में आये सभी अतिथियों का स्वागत किया.

पढ़ें : Rajasthan Millets conclave 2023: बाजरे के लड्डू, बिस्किट और कुरकुरे आ रहे पसंद, गंभीर बीमारियों से बचाता है मोटा अनाज

श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलराज सिंह ने मोटे अनाजों की भारत एवं अंतर्राष्ट्रीय स्थिति और उसके महत्व के बारे में बताया. कार्यक्रम में मौजूद कैडेट्स को किसानों एवं आमजन में मिलेट्स की लोकप्रियता को बढ़ाने का आह्वान किया. कुलपति ने कैडेट्स को प्रेरित करते हुए बताया कि राष्ट्रीय कैडेट्स कोर (एनसीसी) विश्व का सबसे बड़ा अनुशासित युवा संगठन है. मोटे अनाजों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में यह संगठन बड़ी भूमिका निभा सकता है. प्रो. एके गुप्ता ने कैडेट्स को मिलेटस के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में बताया.

उन्होंने मिलेट्स की तुलना भारतीय जवानों से की और बताया कि जिस प्रकार भारतीय सेना के जवान विपरीत परिस्थितियों मे आसानी से रहते है, उसी प्रकार मिलेट्स भी विपरीत परिस्थितियों मे आसानी से अपना जीवन चक्र पूरा कर लेते हैं. कार्यक्रम में अधिष्ठाता एवं संकाय प्रमुख डॉ. बीएल जाट ने भी मिलेंट्स की महत्ता पर प्रकाश डाला और कोरोना जैसी महामारी के समय मे मिलेट्स के योगदान के बारे में जानकारी दी. साथ ही एनसीसी के कैडेट्स को सप्ताह में एक या दो दिन अपने भोजन मे मिलेट्स को शामिल करने के लिए प्रेरित किया.

कार्यक्रम के बाद कैडेट्स ने जोबनेर में जागरुकता रैली भी निकाली, जिसमें आमजनता को अपने भोजन में मोटे अनाज के उपयोग के लिए प्रेरित किया. श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि महाविद्यालय के मधिष्ठाता डॉ. बीएल जाट ने रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. रैली के दौरान एनसीसी कैडेट्स ने "पहली थाली बाजरे वाली", "पिज्जा बर्गर का छोड़ो साथ मिलेट्स की ओर बढ़ाओ हाथ" और "मिलेट्स एक फायदे अनेक" जैसे नारों से कस्बे के लोगों को मिलेट्स का उपयोग करने के लिए जागरूक किया. कार्यक्रम में डॉ. बीआर मीणा, प्रथम राज एनसीसी बटालियन के भागीरथ शेखावत एवं दो सीटीओ भी उपस्थित थे.

प्रोफेसर बीएल जाट से बताया कि साल 2023 अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. मिलेट्स हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी है. पहले परंपराग रूप से मोटे अनाज खाए जाते थे और धीरे-धीरे खाने में इनका प्रचलन कम होता गया. यह मोटे अनाज बड़े पोस्टिक होते हैं, इनमें फाइबर, विटामिन होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी हैं. उन्होंने बताया कि राजस्थान में बाजरा और ज्वार मोटे अनाज के रूप में जाना जाता है इनके उपयोग से डायबिटीज के असर को कम किया जा सकता है. कार्यक्रम का उद्देश्य यही है कि आम जनता भोजन में फिर से मोटे अनाज को शामिल करें, ताकि बीमारियों से मुक्ति मिल.

जयपुर. प्रथम राजस्थान बटालियन एनसीसी के अंतर्गत आने वाले कृषि महाविद्यालय जोबनेर में अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के अवसर पर (Awareness About Millets) मिलेट्स के पोषक गुण एवं स्वास्थ्य संबंधी फायदों पर मंगलवार को एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम में एनसीसी कैडेट्स को मोटे अनाज के उपयोग के फायदे बताए गए और इसके लिए आम जनता को भी प्रेरित करने के लिए जागरूक किया.

कार्यक्रम में श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि महाविद्यालय जोबनेर, राजकीय महाविद्यालय सांभरलेक, श्री कर्ण नरेन्द्र राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जोबनेर, राजकीय उच्च महाविद्यालय सांभरलेक, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय फुलेरा के एनसीसी कैडेट्स ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया लिया. कार्यक्रम की शुरुआत में एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेट डॉ. बी. एल. दुधवाल ने कार्यक्रम और अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के बारे में बताया. उन्होंने कार्यक्रम में आये सभी अतिथियों का स्वागत किया.

पढ़ें : Rajasthan Millets conclave 2023: बाजरे के लड्डू, बिस्किट और कुरकुरे आ रहे पसंद, गंभीर बीमारियों से बचाता है मोटा अनाज

श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलराज सिंह ने मोटे अनाजों की भारत एवं अंतर्राष्ट्रीय स्थिति और उसके महत्व के बारे में बताया. कार्यक्रम में मौजूद कैडेट्स को किसानों एवं आमजन में मिलेट्स की लोकप्रियता को बढ़ाने का आह्वान किया. कुलपति ने कैडेट्स को प्रेरित करते हुए बताया कि राष्ट्रीय कैडेट्स कोर (एनसीसी) विश्व का सबसे बड़ा अनुशासित युवा संगठन है. मोटे अनाजों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में यह संगठन बड़ी भूमिका निभा सकता है. प्रो. एके गुप्ता ने कैडेट्स को मिलेटस के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में बताया.

उन्होंने मिलेट्स की तुलना भारतीय जवानों से की और बताया कि जिस प्रकार भारतीय सेना के जवान विपरीत परिस्थितियों मे आसानी से रहते है, उसी प्रकार मिलेट्स भी विपरीत परिस्थितियों मे आसानी से अपना जीवन चक्र पूरा कर लेते हैं. कार्यक्रम में अधिष्ठाता एवं संकाय प्रमुख डॉ. बीएल जाट ने भी मिलेंट्स की महत्ता पर प्रकाश डाला और कोरोना जैसी महामारी के समय मे मिलेट्स के योगदान के बारे में जानकारी दी. साथ ही एनसीसी के कैडेट्स को सप्ताह में एक या दो दिन अपने भोजन मे मिलेट्स को शामिल करने के लिए प्रेरित किया.

कार्यक्रम के बाद कैडेट्स ने जोबनेर में जागरुकता रैली भी निकाली, जिसमें आमजनता को अपने भोजन में मोटे अनाज के उपयोग के लिए प्रेरित किया. श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि महाविद्यालय के मधिष्ठाता डॉ. बीएल जाट ने रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. रैली के दौरान एनसीसी कैडेट्स ने "पहली थाली बाजरे वाली", "पिज्जा बर्गर का छोड़ो साथ मिलेट्स की ओर बढ़ाओ हाथ" और "मिलेट्स एक फायदे अनेक" जैसे नारों से कस्बे के लोगों को मिलेट्स का उपयोग करने के लिए जागरूक किया. कार्यक्रम में डॉ. बीआर मीणा, प्रथम राज एनसीसी बटालियन के भागीरथ शेखावत एवं दो सीटीओ भी उपस्थित थे.

प्रोफेसर बीएल जाट से बताया कि साल 2023 अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. मिलेट्स हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी है. पहले परंपराग रूप से मोटे अनाज खाए जाते थे और धीरे-धीरे खाने में इनका प्रचलन कम होता गया. यह मोटे अनाज बड़े पोस्टिक होते हैं, इनमें फाइबर, विटामिन होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी हैं. उन्होंने बताया कि राजस्थान में बाजरा और ज्वार मोटे अनाज के रूप में जाना जाता है इनके उपयोग से डायबिटीज के असर को कम किया जा सकता है. कार्यक्रम का उद्देश्य यही है कि आम जनता भोजन में फिर से मोटे अनाज को शामिल करें, ताकि बीमारियों से मुक्ति मिल.

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